Friday, March 29, 2024
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एनएसडीसी के खेल में कौशल विकास योजना बनी मखौल

2017.06.13. 1 ssp pankajप्रशिक्षण केन्द्रों को मिल गया एक्रिडिएशन, पर एनएसडीसी ने नहीं दिए टारगेट
एनएसडीसी के खेल में लाखों का खर्चा कर केन्द्र संस्थापकों पर पड़ी आर्थिक मार
पंकज कुमार सिंह
कानपुर। युवाओं में कौशल विकास कर रोजगार की ओर उन्मुख करने की दिशा में केन्द्र सरकार की योजना लचर पड़ती जा रही है। केन्द्र सरकार के नेशनल स्किल डवलेपमेंट काॅर्पोरेशन (एनएसडीसी) द्वारा प्रशिक्षण केन्द्रों को मान्यता तो दे दी गई है परन्तु प्रशिक्षण के लिए टारगेट अलाॅट नहीं किए गए हैं। ऐसे में प्रशिक्षण केन्द्र संस्थापक लाखों रूपए खर्च के साथ केन्द्र स्थापित कर आर्थिक मार झेलने को मजबूर हैं।
शहर के कई इलाकों में सैकड़ा पार कर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के केन्द्र खुले हैं। इन केन्द्रों की स्थापना करने वाली संस्थाओं ने एनएसडीसी को 13018 रूपए पंजीकरण फीस व मोनीटरिंग व एफीलेशन फीस 14092 रूपए इसके अतिरिक्त कोर्स आदि के लिए अतिरिक्त फीस देकर एनएसडीसी द्वारा एक्रिडिएशन (मान्यता) प्राप्त किया है। एनएसडीसी को हजारों रूपए फीस के रूप में दिए गए लेकिन एक्रिडिएशन प्रमाण पत्र मिल जाने के महीनों बीत जाने के बाद भी कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण हेतु एनएसडीसी टारगेट एलाॅट नहीं कर रहा है। एनएसडीसी के खेल में फंसे केन्द्रों को टारगेट न मिल पाने से केन्द्र संस्थापक हजारों रूपए महीना खर्चा झेलने को मजबूर हैं।
युवा काट रहे चक्कर केन्द्र संस्थापक मजबूर
शहर में खुले सैकड़ों कौशल विकास केन्द्रों को एनएसडीसी द्वारा एक्रिडिएशन (मान्यता) दे दिया गया है। इसी के साथ केन्द्र संस्थापक प्रचार-प्रसार के साथ मोबिलाईजेशन करते है। इसी के साथ कौशल विकास के लिए युवाओं को पंजीकृत कर लेते हैं। ऐसे में केन्द्रों पर सैकड़ों युवा महीनों से चक्कर काट रहे हैं।
एनएसडीसी ने खूब बनाए टीपी
एनएसडीसी के कौशल विकास के नाम पर कई खेल प्रकाश में आए। जिसमें प्रशिक्षण केन्द्र खुलवाने के नाम पर खूब ट्रेनिंग पार्टनर (टीपी) बनाए हैं। कई टीपी संस्थाओं और कम्पनियों ने ट्रेनिंग सेन्टर (टीसी) सेे मनमानी फीस वसूल की है। इसी के साथ प्रशिक्षण केन्द्र को मिलने वाली शिक्षण-प्रशिक्षण राशि की कमाई में भी प्रतिशत को लेकर मोटी कमाई का खेल चल रहा है। मामला गरमा इस लिए रहा है कि प्रशिक्षण केन्द्र खुल गए लेकिन केन्द्रों को टारगेट न मिल पाने से केन्द्र संस्थापक परेशान है।