Sunday, April 28, 2024
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डेढ़ लाख रूपये तक के इलाज के लिए सहायता राशि जिलाधिकारी दे सकते हैंः मण्डलायुक्त

2017.06.19. 1 ssp comisnerकानपुर, जन सामना ब्यूरो। मण्डल के सभी सीएमओ / सीएमएस यह सुनिश्चित करें कि उनके सभी अस्पतालों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित हो, अस्पतालों के जो भी उपकरण है उनको चलाने का ज्ञान संबंधित कर्मचारियों को हो, अस्पतालों की खाली पड़ी जमीनों पर वृक्षारोपण कराया जाये ताकि वहां पर आने वालो को स्वच्छ वातावरण मिल सकें, परिवार कल्याण हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये तथा इस अभियान की सफलता के लिये माँ – शिशु की मृत्यु दर को रोकना होगा, बच्चों, शिशुओं का टीकाकरण करना होगा तथा टीके में प्रयोग होने वाली वैक्सीन को विशेष सुरक्षित रखा जाये। मण्डल स्तर पर कुल 15 एल्बुलेंस मरम्मत योग्य पायी गयी इन सभी एम्बुलेंसों को अतिशीघ्र ठीक कराकर मरीजों को लाने ले जाने में प्रयोग किया जाये। मण्डल के सभी जिलाधिकारी गरीबो की चिकित्सा हेतु 1.50 लाख रूपये तक की स्वीकृति कर सकते हैं।
उक्त निर्देश मण्डलायुक्त पी के महान्ति ने अपने शिविर कार्यालय में आयोजित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने बताया कि राज्य आरोग्य निधि (मुख्य मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष) योजना में मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को 1.50 लाख रूपये तक के खर्चे स्वीकृति करने का अधिकार शासन ने दिया है। मुख्य मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष (शासना देश के अनुसार) से उच्चारित रोगों तथा जांच के विवरण में हृदय रोग व हृदय शल्य चिकित्सा, कैन्सर, गुर्दा एवं मूत्र रोग, अस्तिमा रोग एवं विभिन्न रोगों के अलावा जांच में अल्ट्रासाउण्ड, रेडियो न्यू क्लोपोलाईड सकेंस, विभिन्न आर्गस की एंजियोग्राफी, ईईजी, डाॅप्लर राइडर्स, सीटी स्कैन, एमआरआई तथा ईएमजी आदि पर खर्च हो सकता है। यदि 1.50 लाख रूपये से अधिक का खर्च होगा तो संबंधित जिलाधिकारी सीधे ही महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं लखनऊ को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक परिवार या 24 हजार वार्षिक आय के परिवार ले सकेंगे। पात्रों को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा। प्रारूप के पत्र सीएमओ/ सीएमएस कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
मण्डलायुक्त ने निर्देशित किया कि चिकित्सक हाथ के दस्तानो का प्रयोग करें ताकि मरीज या उसके तीमारदार अस्पताल से कोई नई बीमारी न ले जाये। बैठक में एडी स्वास्थ्य ने मण्डलायुक्त को बताया कि औरैया जनपद में तैनात सर्जन ने तीन वर्ष में किसी भी प्रकार का कोई आॅपरेशन नहीं किया हैं इस पर मण्डलायुक्त ने उनसे कहा कि या तो उन्हें स्वैक्षिक सेवा निवृति देदे या फिर उन्हें मुख्यालय पर भेज दें।
मण्डलायुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थी एवं आशाओं का नियमित भुगतान सुनिश्चित किया जाये। जिला स्वास्थ्य समिति की नियमित बैठकों में समीक्षा की जाये। सभी जिला चिकित्सालयों में जैनैरिक मेडिकल स्टोरों की स्थापना की जाये।
बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त नरेंद्र सिंह , एडी स्वास्थ्य, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य, मण्डल के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सभी जिला अस्पतालों के अधीक्षक आदि उपस्थित थे।