Monday, April 29, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » मुकदमा दर्ज होने से बौखलाये आरोपियों ने पीड़िता को उसके घर जाकर दी धमकी

मुकदमा दर्ज होने से बौखलाये आरोपियों ने पीड़िता को उसके घर जाकर दी धमकी

⇒पीड़िता ने थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी पर आरोपियों की मदद करने का लगाया आरोप
⇒थाना प्रभारी की कार्यशैली पर उठा सवाल कि तथ्यों सहित शिकायत मिलने पर त्वरित मुकदमा क्यों नहीं लिखा?
कानपुरः अवनीश सिंह। बिधनू थाना क्षेत्र निवासी एक विवाहिता ने एक स्पा सेंटर की संचालिका व उसके साथ साथियों के विरुद्ध बिगत दिनों तहरीर देते हुए आरोप लगाया था कि शहर स्थित एक स्पा सेंटर की संचालिका अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी 6 वर्षीय बेटी के साथ कोई भी घटना घटित करवा सकती है। इस सम्बन्ध में पहले पहले तो थाना पुलिस ने पीड़िता को टरकाने का काम किया किन्तु उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर पीड़िता की तहरीर के आधार पर बिधनू थाना में आरोपियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। किन्तु मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद आरोपियों के हौंसले और बुलन्द हो गये और उन्होंने पीड़िता के घर जाकर धमकाया और कहा कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता थाना क्षेत्र के गंगापुर कालोनी की रहने वाली है। पीड़िता के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बिगत 9 मई 2022 को उसके मोबाइल पर व्हाट्सअप के माध्यम से लक्जरी व रिफ्रेश स्पा सेंटर की संचालिका लकी सिंह ने अश्लील मैसेज भेजते हुए उसकी बेटी को अगवा कर धन्धे में उतार देने की धमकी दी गई थी। आरोपियों के हौंसले इतने बुलन्द दिखे कि उनके द्वारा कई ऐसे अश्लील व अभद्र मैसेज पीड़िता के मोबाइल पर भेजे गये जिन्हें लिखा नहीं जा सकता है।धमकी भरे मैसेज मिलने पर पीड़िता ने लकी सिंह, उसके साथ आशीष पाण्डेय व अन्य अज्ञात के खिलाफ तहरीर देते हुए आशंका व्यक्त की थी कि उसके मासूम बच्चों के साथ कुछ भी वारदात घटित हो सकती है।

पीड़िता ने यह आरोप लगाया कि थाना प्रभारी बिधनू ने पहले पहल तो पीड़िता को लगभग 10 दिन तक टरकाया और उन्होंने स्पा सेंटर की सचालिका व उसके साथियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा, बल्कि उनकी मदद की। अन्ततः इस बात की शिकायत जब उसने पुलिस अधीक्षक आउटर से की तो उनके आदेश को भी थाना प्रभारी ने दो बार नजर अन्दाज कर दिया। इसके बाद जब मामला आई जी की चौखट तक पहुंचाया गया तब कहीं आरोपियों के खिलाप मुकदमा दर्ज किया गया।
आज पीड़िता ने बताया कि कल रात्रि को आरोपियों ने उसके घर आकर गाली गलौच करते हुए धमकाया और उसकी बेटी को उठाने की कोशिश की किन्तु पड़ोसियों के कारण बेटी को नहीं ले जा सके।
पीड़िता ने यह भी बताया कि इस घटना की शिकायत उसने 112 पर की थी। लेकिन जानकारी देने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर आई तो लेकिन बिना किसी कार्रवाई के वापस लौट गई।
पीड़िता ने थाना प्रभारी बिधनू व चौकी प्रभारी आजाद नगर पर आरोपियों की मदद करने का गम्भीर आरोप लगाया है और कहा कि उनके रहते उसे न्याय नहीं मिलेगा क्योंकि वो आरोपियों से मिले हुए हैं, उनकी मदद भी कर रहे हैं। परेशान पीड़िता ने उच्चाधिकारियों से लेकर उप्र मुख्यमन्त्री की चौखट पर जाने की बात कहते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ एक तरफ महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा को लेकर अपनी महती भूमिका अदा कर रहे हैं, कड़े निर्देश जारी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बिधनू थाना प्रभारी जैसे पुलिस अधिकारी अपने अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए मुख्यमन्त्री जी के महिलाओं व बेटियों के सुरक्षा अभियान को पलीता लगाने में पीछे नहीं दिख रहे हैं।