Saturday, September 21, 2024
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नदियां हमारी जीवन रेखा हैः ज्योति बाबा

कानपुर। नदियां हमारी जीवन रेखा हैं। उनको हम मां मानते आए हैं लेकिन तब भी नदियों को जी भरकर गंदा करते हैं। हमारी यह जीवन रेखाएं आज दम तोड़ रही हैं। क्या हमें नदियों की गंदगी दिखाई नहीं दे रही है या हम देख करके भी अनदेखा कर रहे हैं। याद रखें यही अनदेखी हमारे अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देगी। उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वावधान में नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के तहत विश्व पर्यावरण दिवस के परिप्रेक्ष्य में गुप्तार घाट में आयोजित नदियों को प्रदूषित होने से बचाएं संकल्प के साथ ज्योति बाबा एकल जल सत्याग्रह आयोजन के बाद अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख व नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही।
ज्योति बाबा ने आगे कहा कि नदियों के बचाव और उनके जल को साफ रखने के लिए अगर ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं तो इसके परिणाम आने वाली सदियों में पीढ़ियां भुगतेगी।
ऑनलाइन जुड़े विधायक मोहनलालगंज अमरीश रावत ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार यही हाल परिस्थितिकी तंत्र का है जो नदियों को बचाए रखता है। नदियों पर न केवल प्रदूषण बल्कि इसके रास्ते में बदलाव खत्म होती जैव विविधता बालू खनन और केचमेंट एरिया के खत्म होने का भी असर पड़ा है।
लखनऊ से मोनू रावत ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन में प्रदूषण के कम हो जाने से बहुत बहुत सी नदियों का जल आचमन योग्य हो गया था।आगरा के भोला जैन ने कहा कि एक रिपोर्ट से हमारे महत्वपूर्ण सतही जल स्रोतों का लगभग 92 प्रतिशत हिस्सा अब इस्तेमाल करने लायक नहीं बचा है।
झांसी के विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि दुनिया भर में हिंदुस्तान ही एक ऐसा देश है जहां नदियों को मां का दर्जा दिया गया है।
फतेहपुर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अंजू सिंह ने कहा कि लोगों के जीवन से प्रदूषण जनित खिलवाड़ को रोकने के लिए हर साल प्रदूषण लॉकडाउन लगाया जाए। अंत में प्रकृति की रक्षा के लिए नशा मुक्त जीवन का संकल्प ज्योति बाबा ने दिलाया।