Wednesday, May 8, 2024
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घायल के इलाज में लापरवाही पर छह संविदा कर्मचारी बर्खास्त

⇒उप मुख्यमंत्री ने विस्तृत जांच के आदेश
⇒जिम्मेदार चिकित्साधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
लखनऊ। सड़क हादसे में घायल को उचित उपचार न मिलने का वायरल वीडियो का उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संज्ञान लिया। अधिकारियों को जांच के आदेश दिए। जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हुए। लिहाजा उप मुख्यमंत्री ने निर्देश पर छह संविदा पर तैनात डॉक्टर-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
दो नवम्बर रात करीब 12.25 बजे कुशीनगर संयुक्त जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में पगरा थाना हाटा निवासी धर्मपाल को लाया गया। पुलिस ने धर्मपाल को भर्ती कराया। उस वक्त इमरजेन्सी में डॉ. उज्जवल सिंह चिकित्साधिकारी (संविदा), डॉ. नीरज पाण्डेय बालरोग विशेषज्ञ, अरविन्द शर्मा फार्मासिस्ट, सुनील कुशवाहा, राम अशीष संविदा स्टाफ नर्स, विजय बहादुर, मनहरण शुक्ला वार्ड व्वाय, अर्जुन, मुकेश स्वीपर एवं होमगार्ड, बलराम यादव की ड्यूटी पर तैनात थे।डॉक्टरों ने मरीज को देखा। कागजी कार्रवाई पूरी की। प्राथमिक इलाज के बाद मरीज को करीब तीन बजे गोरखपुर स्थित बीआरडी कॉलेज रेफर कर दिया। इमरजेंसी में डॉक्टर व कर्मचारियों ने मरीज के इलाज में कोताही बरती है। इसका वीडियो वायरल हुआ। जिसमें लापरवाही प्रदर्शित हो रही है। इसके आधार पर डिप्टी सीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए।
जांच में आरोप सही पाए गए। शुरूआती जांच के आधार पर चिकित्साधिकारी एवं कर्मचारियों की मरीजों के प्रति लापरवाही एवं संवेदनहीनता परिलक्षित होती है, जिसके लिये वे सभी पूर्णतया दोषी है। संयुक्त जिला चिकित्सालय के प्रशासनिक व्यवस्था के लिये कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके वर्मा की अपने अधिनस्थों पर प्रशासनिक नियंत्रण परिलक्षित नहीं होता है, जिसके लिये वे सीधे जिम्मेदार है। तथ्यों एवं अभिलेखों के परीक्षण से स्पष्ट होता है कि ड्यूटी पर उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा घायल मरीज के उपचार को गंभीरता से नहीं लिया गया एवं कार्मिकों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से न करते हुये यथोचित चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध नहीं करायी गयी।
‘‘विभाग की छवि को धूमिल करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। कुशीनगर की घटना बेहद गंभीर है। जांच के बाद उस समय ड्यूटी पर तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्णतया दोषी हैं। लिहाजा ड्यूटी पर तैनात छह कर्मचारी तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किये गए। अन्य दोषी चिकिसाधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध शासन स्तर पर कठोर कार्यवाही की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।’’

-बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री

वीडियो वायरल में ये तथ्य सामने आए
-घायल व्यक्ति इमरजेन्सी कक्ष में अकेला पड़ा हैं, उसके चेहरे आदि परं गंभीर चोट है, दाहिने हाथ के पंजे पर विगो लगा है।
-कुत्ता इमरजेन्सी कक्ष में घूमता दिखायी पड़ा
-मरीज के पास ही डस्टबीन कूड़े से भरा दिखा
-इमरजेन्सी मे किसी भी टेबल पर कोई दूसरा मरीज नहीं है
-कोई भी स्टाफ इमरजेंसी में नहीं दिखा
-घायल जमीन पर लिटाया गया था। उसके नाक एवं मुँह से खून का रिसाव हो रहा है।