Saturday, September 21, 2024
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मूल आवंटी के परिजनों पर खरीददार ने लगाया धोखाधड़ी कर मकान हड़प लेने का आरोप

कानपुर। कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित कालोनी के आवंटी के परिजनों पर एक पीड़िता ने गम्भीर आरोप लगाये और बेचे गये मकान को धोखाधड़ी कर हड़प लेने का आरोप लगाया है। गौरतलब हो कि मूल आवंटी के परिजनों के द्वारा अपने पक्ष में केडीए से रजिस्ट्री करा लेने के बाद, मौके पर कब्जा पाने हेतु माननीय न्यायालय में दायर किये गये वाद के निर्णय के आधार पर कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने नोटरी के आधार पर रह रहे खरीददार को बेदखल करते हुए मूल आवंटी की पत्नी को कब्जा दिला दिया है। इस दौरान खरीददार के परिजन बिलख-बिलख कर न्याय मांगते दिखे लेकिन माननीय न्यायालय के आदेश के आगे उनकी एक ना चली। इस दौरान जब पत्रकारों ने मूल आवंटी की पत्नी शिव देवी से उनके पति द्वारा मकान के बेचे जाने सम्बन्धी सवाल दागे तो उसने कुछ भी जवाब नहीं दिया और नाटकीय दशा में चुप्पी साधे रखी।
मामला जरौली फेस-2 का है। इस क्षेत्र में कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित कालोनी बस्ती है। इसी बस्ती का एक भवन संख्या 43/एल आई जी का आवंटन कृष्ण बहादुर सिंह के पक्ष में किया गया था, जिसको नोटरी के माध्यम से जमुना प्रसाद शर्मा ने मूल आवंटी से वर्ष 2002 में क्रय कर लिया था और मूल आवंटी ने उक्त मकान से सम्बन्धित सभी मूल प्रपत्र खरीददार जमुनाप्रसाद शर्मा को सौंप दिये थे चूंकि जमुना प्रसाद की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इस लिये वो समय पर उक्त मकान की बकाया धनराशि भी जमा नहीं कर पाये थे। जमुना प्रसाद शर्मा (80 वर्ष) की नातिन मीनाक्षी शर्मा ने ‘जन सामना’ को बताया कि उन्होंने वर्ष 2016 में उक्त मकान की रजिस्ट्री करवाने के उद्देश्य से कानपुर विकास प्राधिकरण से बकाया धनराशि की जानकारी चाही और इसी दौरान कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बकाया धनराशि सम्बन्धी पत्र, मूल आवंटी के पते पर नियमानुसार भेज दिया गया। बस यहीं से मूल आवंटी के भतीजे ने मकान हड़प लेने की योजना बना डाली और अनेक तथ्यों को छुपाकर मकान को हड़प लिया।
मीनाक्षी ने बताया कि बकाया धनराशि सम्बन्धी पत्र के पहुंचते ही मूल आवंटी के भतीजे इन्द्र कुमार सिंह की नियति खराब हो गई थी और उसने दलालों के माध्यम से मकान हड़पने की योजना बना डाली। चूंकि मूल आवंटी कृष्ण बहादुर सिंह की कुछ वर्षों पहले मौत हो चुकी थी, इस लिये इन्द्र कुमार सिंह ने मूल आवंटी की पत्नी शिव देवी के पक्ष में पारिवारिक सदस्यता के आधार पर कानपुर विकास प्राधिकरण से रजिस्ट्री करवा ली। किन्तु उक्त मकान पर कब्जा जमुना प्रसाद शर्मा का था, इस लिये इन्द्र कुमार सिंह ने माननीय न्यायालय में वाद दाखिल कर उक्त मकान में मौके पर कब्जा मांगा, जिसके अनुपालन में खरीददार जमुनाप्रसाद शर्मा व उसके परिजनों से भारी पुलिस बल के समक्ष मकान खाली करा लिया गया, किन्तु जब मकान खाली किया जा रहा था, तो खरीददार के परिजन बिलखते दिखे क्योंकि उनकी जीवन भर की कमाई से उन्हें बेदखल किया जा रहा था।
वहीं जब मकान में बेदखली की कार्यवाई की जा रही थी तो आस-पड़ोस के लोग भी यह कहते दिखे कि टप्पेबाजी करने वाले जीत गये और एक ईमानदार परिवार बेघर हो गया।
बताते चलें कि जरौली सहित कानपुर विकास प्राधिकरण की अन्य कई योजनाओं के अनेक मकान ऐसे हैं जिनको मूल आवंटियों से वर्तमान में रह रहे अनेक लोगों ने नोटरी आदि के माध्यम से वर्षों पहले खरीद रखा है और वर्षों से रहते चले आ रहे हैं। उनके मन में भय व्याप्त दिखा कि अगर इसी तरह से मूल आवंटियों ने अपना मन बना लिया तो अनेक लोग बेघर हो जायेंगे अथवा ब्लेकमेलिंग करने का दौर चल पड़ेगा। जिन लोगों ने इसी तर्ज पर मकान खरीद रखे हैं उनके साथ धोखाधड़ी करना अब आम बात हो जायेगी।