Saturday, September 21, 2024
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श्रेष्ठ कर्म और आचरण वाला ही मनुष्य: राधारमन

बिनौली/बागपत। बिनौली गांव के शिव मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन अर्थात बुधवार को कथावाचक आचार्य राधारमन महाराज ने कहा, मनुष्य वही है जिसका आचरण स्वच्छता से परिपूर्ण और कर्म दूसरों के लिए प्ररेणादायक हो।
उन्होंने कहा, क्या सभी को मनुष्य भी कहा जा सकता है? उनमें से अधिकांश दो पैर वाले मनुष्य जैसे दिखने वाले जानवर भी मिल सकते है। इस संसार मे राम भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ते है तो रावण भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ता है, श्री कृष्ण भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ते है तो कंस भी मनुष्य के रूप मे दिखालाई पड़ता है, युधिष्ठिर भी मनुष्य के रूप मे दिखालाई पड़ते ही तो दुर्याेधन भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ता है, बुद्ध महावीर नानक हिटलर माओ, मुसोलिनी लेनिन आदि भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ते हैआचार्य राधा रमन महाराज ने कहा, मनुष्य उसी को कहना जो मननशील होकर अपनी आत्मा के समान अन्यों के सुख-दुख और हानि-लाभ को समझे।
दूसरो को उपदेश देने वाले भी बहुत मिल जायेंगे। उसका आचरण कैसा है? उसको जरूर देखिये, जानिये, उसको परखिये, जब बहुत अच्छा महसूस हो तब उसको मनुष्य कहने का साहस कीजिये।
इस अवसर पर उपेंद्र प्रधान, लीलू चौहान, सुरेश शर्मा, महेश धामा, प्रदीप शर्मा, नकुल शर्मा, पीयूष जैन, सुमन शर्मा, एकता शर्मा, राजकुमारी, मुनेश बरवाला, मोनू वर्मा, सत्यप्रकाश वर्मा, कुलवीर धामा, विनीत धामा, सुधांशु जैन आदि मौजूद रहे।
-विश्व बंधु शास्त्री