Tuesday, May 7, 2024
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अब तक 80 फीसदी से ज्यादा मरीजों हो चुकी है जियो टैगिंग

फिरोजाबाद। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए क्षय रोग विभाग द्वारा जनपद में वास्तविक टीबी मरीजों की जानकारी एकत्रित करने के उद्देश्य से मरीजों को जियो टैगिंग से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
सीएमओ डा. दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को गति देने के साथ ही सफल बनाने के लिए वर्ष 2021 से टीबी मरीजों की जियो टैगिंग का कार्य सुचारू रूप से जारी है। इसमें एसटीएस (सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर) रोगी की वास्तविक जानकारी प्राप्त कर निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जाती है। इसमें स्वास्थ्य कर्मी एसटीएस रोगी के निवास स्थान पर जाकर उसकी लोकेशन अक्षांश और देशांतर भी फीड करता है। इससे यह पता लगता है कि जनपद में किस स्थान पर टीबी रोगी अधिक हैं, साथ ही जिन स्थानों पर मरीज कम है वहां विभाग और अच्छे से सक्रिय होकर मरीज ढूंढ सके। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. बृजमोहन ने कहा कि विभाग रोगियों के उपचार और सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। जियो टैगिंग का कार्य भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में से एक है। टीबी रोगी की जियो टैगिंग में एसटीएस रोगी के निवास पर जाकर टीम टीबी से होने वाले नुकसान को बताती है और रोगी व उसके परिजनों को उपचार तथा जांच संबंधी जानकारी उपलब्ध कराती है। साथ ही रोगी की लोकेशन एप पर लोड की जाती है जिससे भविष्य में रोगी को सहायता देने में आसानी हो सके। डीपीपीसीएम मनीष यादव ने बताया कि वर्ष 2021 के मध्य से ही टीबी रोगियों को जियो टैगिंग से जोड़ने का कार्य जारी है। वर्तमान समय में 3100 से अधिक टीबी रोगियों का उपचार जारी है, 80 फीसद से ज्यादा क्षय रोगियों को जियो टैगिंग से जोड़ा जा चुका है।