Saturday, June 29, 2024
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लेख/विचार

विश्व स्वास्थ्य दिवसः दुनिया की आधी आबादी को उपलब्ध नहीं अनिवार्य स्वास्थ्य सुविधाएं, लगातार बढ़ती स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियां

लोगों के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने तथा स्वास्थ्य को लेकर प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को वैश्विक स्तर ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का प्रमुख उद्देश्य दुनिया के हर व्यक्ति को इलाज की अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानाए उनका स्वास्थ्य बेहतर बनानाए उनके स्वास्थ्य स्तर को ऊंचा उठाना तथा समाज को बीमारियों के प्रति जागरूक कर स्वस्थ वातावरण बनाते हुए स्वस्थ रखना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बैनर तले मनाए जाने वाले इस दिवस की शुरूआत 7 अप्रैल 1950 को हुई थी। और यह दिवस मनाने के लिए इसी तारीख का निर्धारण डब्ल्यूएचओ की संस्थापना वर्षगांठ को चिन्हित करने के उद्देश्य से किया गया था। दरअसल सम्पूर्ण विश्व को निरोगी बनाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन नामक वैश्विक संस्था की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी। जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में है। कुल 193 देशों ने मिलकर जेनेवा में इस वैश्विक संस्था की नींव रखी थी।

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उम्र बढ़ाने के फार्मूले

कहा गया है कि जीवन का सबसे बड़ा सुख निरोगी काया हैए उसके बाद अन्य सुख हैं।क्योंकि यदि किसी व्यक्ति का शरीर ही स्वस्थ नहीं होगा, तो उसके पास चाहे जितनी धन दौलत हो। वह जीवन में सुखी नहीं रह सकता। अतः हमें सबसे अधिक ध्यान अपने स्वास्थ्य पर देना चाहिए। एक अच्छी लाइफ स्टाइल, अच्छे खान.पान और नियमित व्यायाम के द्वारा हम अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि कोई इंसान कितने वर्षों तक जीवित रहता है। इसमें व्यक्ति के डीएनए का योगदान केवल 10ः होता है। बाकी 90% व्यक्ति का लाइफ स्टाइल यानी जीवन जीने की आदतों पर निर्भर होता है। लंबे समय तक जीवन जीने के लिए एक अच्छा लाइफस्टाइल होना बहुत जरूरी है। दुनिया भर की अपेक्षा जापान में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है। वहां पुरुषों की औसत उम्र 81 वर्ष व महिलाओं की औसत उम्र 88 वर्ष है। जापान में लोगों की लंबी उम्र का राज है इकिगाई।इकिगाई नाम के सिद्धांत का मतलब है व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य। हर व्यक्ति के जीवन जीने का तरीका, मान्यताएं एवं विचार अलग.अलग होते हैंए उद्देश्य अलग.अलग होते हैं। ये सिद्धांत व्यक्ति की आत्मा से जुड़े एक दर्पण की तरह होता हैए जो व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा या बुरा असर डालता है अर्थात यदि व्यक्ति के विचार सकारात्मक हैं। वह अपने प्रत्येक दिन की शुरुआत किसी लक्ष्य को पाने की उम्मीद के साथ करता है और अपने परिवार के साथ उसका करीबी संबंध है| तो फिर व्यक्ति का जीवन अच्छा रहेगा और उसकी आयु भी लंबी होगी। इकिगाई सिद्धांत जापान के ओकिनावा से आया हैए जहां 100 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे अधिक है।

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देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे पांच राज्यों के चुनाव

वो दल जो केवल हिंदी भाषी राज्यों तक सीमित था आज वो असम में अपनी सरकार बचाने के लिए मैदान में है, केरल तमिलनाडु और पुड्डुचेरी जैसे राज्यों में अपनी जड़ें जमा रहा है तो पश्चिम बंगाल में प्रमुख विपक्षी दल है।
चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जहां पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु में 6 अप्रैल को एक ही चरण में चुनाव होंगे वहीं पश्चिम बंगाल में आठ चरणों तो असम में तीन चरणों में चुनावों का आयोजन चुनाव आयोग द्वारा किया गया है। भारत केवल भौगोलिक दृष्टि से एक विशाल देश नहीं है अपितु सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से भी वो अपार विविधता को अपने भीतर समेटे है। एक ओर खान पान बोली मजहबी एवं धार्मिक मान्यताओं की यह विविधता इस देश को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध तथा खूबसूरत बनाती हैं।

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सावधान? कोरोना के नए वेरिएंट वायरस का आक्रमण

अब सरकार और आम जनता को एकदम सचेत और अत्यंत सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि विदेशों से आने वाले नागरिकों से नए वर्जन के वायेरेंट वायरस मिले हैं। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में देश में आने पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जांच के दौरान ऐसे 10 मरीज मिले हैं, जिनमें नए वेरिएंट के वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें महाराष्ट्र से ही 2 मरीज बिल्कुल नए वैरीअंट के करोना पॉजिटिव पाए गए हैं। केंद्रीय सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से बताया कि देश के 18 राज्यों में करोना के कई प्रकार के वैरीअंट मिले हैं, करोना वायरस का एक नया डबल म्युटेंट वैरीयेट प्राप्त हुआ है।

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बीमा क्षेत्र में FDI 74% तक बढ़ाने का विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास – कानून बनेगा

बीमा सहित वित्त विधेयक, आयकर, सेबी, प्रतिभूति संविदा, सीएसटी, अनेक संशोधन विधेयक दोनों सदनों में पास – जनता को इसमें बहुत लाभ – एड किशन भावनानी
भारत में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से हम पढ़ते, सुनते और देखते आ रहे हैं कि जनता से चुनने के बाद विधायक या संसद जब विधानभवन या संसद में जाता है तो अपना मस्तक संसद की चौखट पर टेकते और नमन करते हैं। यह खुद प्रधानमंत्री महोदय को भी करते हमने देखा था, क्योंकि यह जनता का सबसे बड़ा मंदिर है जहां कानून बनते हैं और उसके आधार पर पूरा भारतवर्ष उस प्रक्रिया अनुसार संचालित होता है, जो सभी पर लागू होता है.. इसी क्रम में वर्तमान बजट सत्र में जिन कानूनों में संशोधन और जिन विधेयकों की घोषणा बजट 2021 में की गई थी उन्हें अब संसद के दोनों सदनों में पास किया गया है।

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कोरोना संक्रमण से तुरंत सतर्कता, प्रशासन से सहयोग हर नागरिक का कर्तव्य

महामारी अधिनियम का पालन और शासकीय दिशा निर्देशों का पालन, देशव्यापी प्रकोप से बचाने जरूरी – एड किशन भावनानी
वैश्विक स्तर पर जिस तरह भारत सहित कई विकसित देशों ने कोरोना टीकाकरण मुहिम तेजी से चलाने के बावजूद भी कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है, वह काफी चिंता का विषय बना हुआ है विश्व में फिर अनेक देशों ने लॉकडाउन की ओर कदम बढ़ा दिए हैं जिसकी सूचना हमें रोज प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मिल रही है। बात अगर हम भारत की करें,तो यहां भी अभी आठ राज्यों में कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है कोरोना महामारी को लेकर आठ राज्यों – महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ने केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। इन्हीं राज्यों में 80 फीसद से ज्यादा केस सामने आए हैं।

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प्याले में तूफान? पुलिस कमिश्नर के पत्र से हिल गई महाराष्ट्र सरकार/

महाराष्ट्र सरकार के मुंबई के पुलिस कमिश्नर दलवीर सिंह की पद से हटाए जाने के बाद अचानक ज्ञान और इमानदारी जागृत हुई है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार के ही गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का पुलिंदा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा जिलेटिन कांड के प्रमुख आरोपी सचिन वझे के माध्यम से मुंबई के 1750 शराब के बार तथा उससे संलग्न डांस क्लब से 100 करोड़ों रुपयों की हर महीने रिश्वत की मांग की है। पुलिस कमिश्नर का पत्र बम की तरह फटा और पूरी महाराष्ट्र सरकार पत्ते की तरह हिलने लगी। आठ पेज के पत्र में पुलिस कमिश्नर दलवीर सिंह ने अनेक आरोप लगाए हैं। जिसमें प्रमुख 100 करोड़ के रिश्वत लेने की बात का प्रमुखता से उल्लेख किया है पद से हटाए जाने के बाद ही पुलिस कमिश्नर ने अपना मुंह खोला, इसके पहले किन कारणों से वह चुप थे। यह तो वही बता पाएंगे|  क्या वे सरकार के दबाव में थे। या वह भी इस भ्रष्टाचार के सहयोगी थे। और हटाए जाने के बाद क्रोधित होकर इस तरह का पत्र लिखने के लिए आमादा हो गए हैं। इसी परिपेक्ष में शरद पवार दिल्ली कूच कर गए। और उन्होंने अपनी कार्यसमिति की बैठक भी बुला ली हैं।उद्धव ठाकरे ने अपने खास सिपहसलार सांसद संजय राउत को इस बैठक में शामिल होने भेजा है। संजय राउत ने माना है और अपने बयान में की कहा कि सरकार पर कालीमा के छीटें तो पड़े हैं, पर सरकार को ऐसा दोबारा नहीं करना चाहिए,मतलब वह मानते हैं की भ्रष्टाचार तो हुआ है।

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नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2021 का ऐलान – प्रदूषण कम होगा

आम जनता से सुझाव के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा
प्रदूषण रोकने हर स्तर पर सख्त कदम व आधुनिक तकनीकी का प्रयोग जरूरी – एड किशन भावनानी
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री द्वारा गुरुवार दिनांक 18 मार्च 2021 को लोकसभा में नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2021 का ऐलान किया गया और कहा कि इस नई पॉलिसी से सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और पेट्रोल डीजल की खपत कम होगी और तेल आयात में कमी आएगी और नई स्क्रैप पॉलिसी 2021, कई विकसित देशों के विश्वसनीय मानकों के आधार पर तैयार की गई है इसमें और भी आम जनता से सुझाव प्राप्त करने के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा, ताकि जनता अपने बहुमूल्य सुझाव दे सके। इस पॉलिसी के समर्थन में बताया गया कि इसको लागू होने से पुराने वाहन धीरे धीरे हट जाएंगे क्योंकि पुराने वाहन, नएवाहनों की अपेक्षा, 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषण करते हैं।

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संयुक्त परिवार ख़ुशहाली का एक बाग – सौभाग्य और समुन्नती का द्वार

समुचित विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक, मानसिक सुरक्षा का वातावरण आवश्यक है जो संयुक्त परिवार से मिलता है – एड किशन भावनानी
भारत में दशकों पूर्व के जीवन में अगर आ जाए तो हमारे अतीत ने हमें समाह अर्थात संयुक्त में रहना सिखाया है, क्योंकि हम कबीलों के नबों में और संयुक्त परिवार में जिए हैं। पूर्व से ही हर समाज, जाति, धर्म में सहपरिवार ही अक्सर दिखाई देते थे जिन्हें कुनबे का नाम दिया जाता था परंतु समय का चक्र चलता गया और हर कुनबा यूंही बिखरता चला गया कि पता ही नहीं चला। आधुनिकता का एक ऐसा दौर आया कि सब बह कर चला गया, परंतु आज भी अगर हम गहराई से देखेंगे तो, अपने आसपास ही ऐसा कुनबा या सहपरिवार जरूर हमें मिलेगा जो उसी पूर्वकाल की तर्ज पर संयुक्त परिवार या कुनबा की तरह एक होगा

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देश की प्रमुख नदियों का स्वच्छ होना अनिवार्य है

हमारे देश में गंगा और यमुना आदि पवित्र नदियों का केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि देश की 40 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या इन नदियों पर आर्थिक रूप से भी निर्भर है। गंगा, यमुना व अन्य प्रमुख नदियों को साफ करने के लिए अनेकों सामाजिक अभियान व सरकारी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, अरबों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, फिर भी हमारे देश की इन प्रमुख नदियों का प्रदूषण कम नहीं हो रहा और इनकी हालत बद से बदतर होती जा रही है। जब देश की प्रमुख नदियों का ये हाल है तो छोटी नदियों के बारे में क्या कहना। हमारी सरकारें इनको स्वच्छ करने के लिए अनेकों घोषणाएं करती हैं, अनेकों योजनाएं बनाती हैं, किंतु उन्हें सफलतापूर्वक कार्यान्वित नहीं कर पातीं और इसी का परिणाम है कि हमारे देश की आस्था और संस्कृति की प्रतीक ये नदियां आज नष्ट होने की कगार पर हैं। दिल्ली में यमुना नदी एक गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है। बढ़ती जनसंख्या और बढ़ते औद्योगीकरण ने नदियों को अत्यधिक प्रदूषित कर दिया है।

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