महामारी के प्रभाव को रोकने कार्यपालिका, न्यायपालिका व कोरोना वॉरियर्स का महत्वपूर्ण योगदान:भावनानी
गोंदिया, महाराष्ट्र| वैश्विक महामारी कोविड.19 को नियंत्रण में लाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं। भारत में दो वैक्सीन आ गई है। 16 जनवरी 2021 से पूरे देश में प्रथम चरण में 3 लाख कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन लगाने का लगाने काम शुरू हो चुका है। पहले दिन ही करीब 2 लाख के क़रीब लोगों को वैक्सीन सफलतापूर्वक लगाया गया है। जो कि पहले चरण का कार्य अभी जारी है। परंतु फिर भी अत्यंत सावधानी बरतने व सुरक्षात्मक प्रक्रिया को जारी रखना जरूरी है। खास करके छोटे बच्चों के लिए क्योंकि उनको वैक्सीन लगाने की फिलहाल कोई जानकारी या प्रक्रिया की घोषणा नहीं हुई है। अतः केंद्र, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में कार्यनीति बनाना, तथा बच्चों को सुरक्षा, खाद्यपान इत्यादि उपलब्ध कराना उनतक पहुंचाना अनिवार्य है। जिनका उल्लेख राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षाअधिनियम 2013 में भी किया गया है। खासकर वर्तमान स्थिति में तो बहुत ही जरूरी हो गया है। इसी विषय से संबंधित माननीय सुप्रीम कोर्ट में बुधवार दिनांक 13 जनवरी 2021 को माननीय 3 सदस्यों की एक बेंच जिसमें माननीय न्यायमूर्ति अशोक भूषण, माननीय न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी व माननीय न्यायमूर्ति एम आर शाह की बेंच के सम्मुख रिट पिटिशन क्रमांक सिविल 1039/ 2020 याचिकाकर्ता बनाम भारत सरकार व अन्य के रूप में आया। माननीय बेंच ने अपने 31 पृष्ठोंऔर 35 पॉइंटों में अपने आदेश में कहा भारत सरकार के मंत्रालय महिला व बाल कल्याण विभाग द्वारा बुधवार दिनांक 11 नवंबर 2020 को जारी गाइड्स नोट के अनुसार सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में जहां पर अभी आंगनवाड़ी शुरू नहीं की है।
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