कानपुर देहात। कोविड.19 के बढ़ते प्रकोप को जनपद में नियंत्रित करने के लिए जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह टीम 9 का गठन किया गया है। इसके तहत समस्त टीम सदस्यों को अलग.अलग दायित्व सौंपे गये है। इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी महोदय द्वारा समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाये जाने पर नियमानुसार कन्टेन्टमेन्ट जोन बनाया जाये। बैरीकेटिंग की जाये, सभावित संक्रमितों की कोविड जांच कर टैक किया जाये। कन्टेन्टमेन्ट जोन का सैनेटाइजेशन किया जायेए।कन्टेन्टमेन्ट जोन में डोर स्टेप डिलेवरी सिस्टम की सहायता से आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता जैसे सब्जी, दूध, फल इत्यादि की समुचित व्यवस्था की जाये। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण हेतु सम्बन्धित थानों के प्रभावी निरीक्षको/थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी स्वयं प्रतिदिन मुख्य मार्ग चैाराहों एवं बाजारों आदि का निरीक्षण कर मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित करें। साथ ही इस सम्बन्ध में की गयी कार्यवाहियों को विवरण प्रस्तुत करें। इसी विवरण के तहत आज दिनांक 6 मई को 77 व्यक्तियों पर कार्यवाही की गयी।
Read More »चिकित्सक व अधिकारी अपने दायित्वों का समुचित निर्वाहन करेः डीएम
कानपुर देहात। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कोविड कन्ट्रोल रूम में अधिकारियाें एवं डाक्टरों की प्रतिदिन की भाति आज भी संयुक्त बैठक का आयोजन किया। कोविड.19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उन्होंने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोविड संक्रमण के मद्देनजर समस्त व्यवस्थायें सुदृढ़ की जाये। निगरानी समितियां इस संक्रमण के दौरान चूंकि एक महत्वपूर्ण भूमिका में है। इसी कारण वे अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वाह करें। इससे जुडे़ लेखपाल, आशा, एनएनम, शिक्षामित्र इत्यादि अपने दायित्वों का निर्वाहन समुचित तरीके से करें ।ताकि कोविड मरीजों की सही पहचान सुनिश्चित हो सके और सही समय पर उनका इलाज हो सके। आरआरटी टीम होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को मेडिकल किट समय पर उपलब्ध कराये जिससे उनको किसी तरह की कोई परेशानी न हो। जनपद में विद्यमान कन्टेन्टमेन्ट जोन में लगातार सेनेटाइजेशन के कार्य को किया जाये। फागिंग किया जाये, साथ ही साथ कन्टेन्टमेन्ट जोन के पास स्थित क्षेत्रों का भी सेनेटाइजेशन प्रतिदिन हो। हाटस्पाट क्षेत्रों की पहचान सुनिश्चित कर वहां कोरोना गाइडलाइन्स का सम्पूर्णता के साथ पालन कराया जाये।
उपजिलाधिकारी ने पुलिस बल के साथ किया कस्बाें का भ्रमण
शिवली/ कानपुर देहात। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामले को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार सुबह तक लॉकडाउन और बढ़ा दिया है। इस बार कोरोना कि दूसरी लहर में बढ़ रहे मामला को देखते हुए मौतों का आंकड़ा लगातार दिन पर दिन बढ़ रहा है। जिसको संक्रमित मरीजों के मामलों व बढ़ते मौतों के आंकड़ों को देखते हुए प्रशासन ने संपूर्ण लॉक डॉउन को सफल बनाने में जुटा हुआ है। उपजिलाधिकारी ने मैथा तहसील क्षेत्र के कस्बो में पुलिस बल के साथ भ्रमण कर लॉक डाउन का पालन कराते हुए व्यापारियों एवं जनता को लॉक डॉउन का पालन करने के निर्देश दिए। शासन के निर्देश पर उपजिलाधिकारी रामशिरोमणि ने पुलिस बल के साथ कोतवाली क्षेत्र कस्बा शिवली, मैथा, बाघपुर, बैरी ए गहलौ आदि जगहों पर लॉक डॉउन का पालन कराने के लिए पुलिस बल के साथ भृमण किया।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जिलाध्यक्ष द्वारा की हुई वर्चुअल बैठक
कार्यालयों में राज्य कर्मियों, शिक्षकों, अधिकारियों व पेंशनरों के वैक्सीनेशन कराने की व चुनाव ड्यूटी में अनुपस्थित कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही न किए जाने की परिषद ने की माँग
कानपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष राजा भरत अवस्थी की अध्यक्षता में आहूत हुई वर्चुअल बैठक में राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों,अधिकारियों व पेंशनरों का वैक्सीनेशन कार्यालयों व विद्यालयों में तुरंत कराने की मांग की गई। कोरोना संक्रमण महामारी में अपनी जान जोखिम को डालकर जिस तरह से सरकारी कार्मिकों ने चुनाव ड्यूटी की और ऐसे कार्मिकों जो अपने परिवार जनों की बीमारी व स्वयं अपनी बीमारी के कारण चुनाव ड्यूटी में शामिल नहीं हो सके के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही न किए जाने की माँग भी प्रमुखता से बैठक में सम्मिलित पदाधिकारियों ने रखी। कानपुर नगर में कोरोना संक्रमण जिस तेजी से प्रसार कर रहा है। कई कार्मिक कोरोना संक्रमित भी है। कोरोना को देखते हुए कोविड वैक्सीनेशन समय से कराए जाने हेतु जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भी प्रेषित किया गया।
Read More »राष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर डालेंगे चुनावी नतीजे?
चार राज्यों और एक केन्द्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव परिणामों का समग्रता से आकलन करें तो जहां केरल और असम में पहले से सत्तारूढ़ दल ही पुनः सत्ता हासिल करने में सफल हुए हैं, वहीं पश्चिम बंगाल में 200 पार का नारा लगाकर सत्ता पाने के लिए मीडिया मैनेजमेंट और साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल कर अपनी सारी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा 80 सीटें भी नहीं जीत पाई जबकि तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार रिकॉर्ड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है। पुडुचेरी में भाजपा गठबंधन सरकार बनाने में सफल हुआ है लेकिन केरल में उसका खाता तक नहीं खुला और तमिलनाडु में सहयोगी अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद वह काफी पिछड़ गई, जहां एक दशक बाद जनता ने द्रमुक को शासन संभालने का अवसर दिया है। बहरहाल, इन पांच प्रदेशों के जो चुनाव परिणाम सामने आए हैं, वे आने वाले समय में न केवल इन राज्यों की राजनीति पर बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा असर डालेंगे और सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजों का होगा।
किदवई नगर पुलिस ने दी मानवता की मिसाल
कानपुर। यूपी पुलिस की मानवता एक बार फिर दिखी, कानपुर के किदवई नगर निवासी मृतक किशन लाल खण्डेलवाल निवासी 132 एन ब्लॉक किदवईनगर, (85 वर्ष) लगभग मृत्यु की सूचना मिलने पर नगर निगम के अधिकारियों को सूचित किया गया। अंतिम संस्कार के लिए मृतक के मोहल्ले व परिजन सहित किसी के न आने पर मृत शरीर के अंतिम संस्कार हेतु मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए राजीव सिंह प्रभारी निरीक्षक किदवई नगर और उप निरीक्षक सूर्यबली यादव, उपनिरीक्षक रवि शंकर पांडे, कांस्टेबल दिलीप कुमार, हेड कांस्टेबल चालक तारा सिंह और यश ट्रेन के सम्मानित सदस्य रोहित तिवारी, अनुराग सिंह आदि के सहयोग से शव के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था कर बिठूर घाट ले जाया गया और विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया।
शिवम सुरेश नांदवाल के लिए दुनिया उसका कैनवास है
हिसार की रहने वाली लेखिका और रेडियो एंकर उनकी माँ बिदामो देवी ने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों में रचनात्मकता को सही माहौल प्रदान करके और उनके जुनून में शामिल होने की अनुमति दें। “हर छोटे से प्रोत्साहन से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है। हमें अपने बच्चों के लिए घर में सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए। शिवम के चित्रों से मुझे उम्मीद है कि समय बेहतर होगा, ”उन्होंने कहा।
कई छात्रों की तरह लार्ड शिवा हाई स्कूल, लुदास, हिसार के एक छात्र शिवम सुरेश नांदवाल (12) को भी अपने मित्रों और स्कूल से अलग होना पड़ा जब स्कूल लगातार दूसरी बार नहीं खुले। वह उन अनगिनत बच्चों में से एक है जिन्हें स्कूल जाने वाले छात्रों के साथ-साथ परस्पर मित्रता एवं विश्वास की भावना पर भी हारना पड़ा है। लेकिन उन्होंने एक अंतर बनाने के लिए चुना और लॉकडाउन की गिनती को चैलेंज कर दिया।
मेडिकल संसाधनों का तात्कालिक सुचारू रुप से रणनीतिक उपयोग करना महत्वपूर्ण
प्राण बचाने वाले महत्वपूर्ण मेडिकल संसाधन, ऑक्सीजन, वैक्सीन, दवाई के वेस्टेज पर अत्यंत सूक्ष्म निगरानी रखना बहुत जरूरी – एड किशन भावनानी
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और 130 करोड़ की विशाल जनसंख्या वाले भारत देश में कोरोना महामारी का जबरदस्त आघात और संक्रमण के तीव्रता से बढ़ने के प्रभाव को नियंत्रित करने पूरा विश्व आज भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है। हालांकि यह महामारी पिछले वर्ष 2020 में भी भारत में फैली थी परंतुअपेक्षाकृत संक्रमण तीव्रता कम रहने और राष्ट्रीय लॉकडाउन सहित अन्य सुरक्षात्मक कदम उठाए गए औरकुछ हदतक कोरोनामहामारी काबू में आई। परंतु वर्ष 2021 के शुरू से ही महामारी का तीव्र गति से आघात हुआ और संभलने का मौका तक नहीं दिया और संक्रमण तीव्रता से फैलता चला गया। जिस में अपेक्षाकृत मेडिकल संसाधनों की कमी आन पड़ी और स्थिति नाजुक बनी।
पुलिस और प्रेमकथा : करोना काल में आते समाचार – वीरेन्द्र बहादुर सिंह
वर्दी और दर्दी को समझना आसान नहीं है। एक बच्चे ने पूछा, “पापा, पुलिस हमेशा चोरी हो जाने के काफी देर बाद क्यों आती है?”
पापा ने कहा, “बेटा कपड़े बदल कर आने में समय तो लगता है न।”
वैसे तो यह पुराना पाकिस्तानी जोक है। पर हर पुलिस वाला खराब या बेरहम नहीं होता। इस समय मुंबई पुलिस और उद्धव सरकार सचिन वाझे नामक एनकाउंटर स्पेसलिस्ट की वजह से काफी बदनाम हो रही है। क्योंकि मुकेश अंबानी के घर के पास गाड़ी में रखा गया विस्फोटक और उसके बाद गाड़ी मालिक की हत्या के बाद अनेक सवाल उठ खड़े हुए हैं। पर उसी मुंबई पुलिस ने कोरोना काल में गजब की सरप्राइज दी है। मुंबई पुलिस ने जो काम कर दिखाया है, उसके बाद तो लाखों लोगों का दिल आफरीन हो गया। हुआ यह कि मुंबई मे कार से आने जाने के लिए लाल, पीला या हरा स्टिकर दिया गया है, जिससे जरूरतमंद लोग ही बाहर आ-जा सकें। फालतू लोग कार लेकर बाहर न निकल सकें। इससे लोगों को भ्रम हो रहा है कि किसकिस को यह स्टिकर मिल सकता है?
पीपल बरगद नीम की छइयां, मीठे पानी की कुइयां कोरोना महामारी ने याद दिलाए पुराने दिन
महामारी कोरोना की भयावहता के चलते हीरो से लोग गांव के लौटने लगे एक बार फिर लोगों को भूले बिसरे गांव याद आने लगे याद आने लगा है गांव का वह बचपन, घर का कच्चा आंगन बाबा दाई और घर के बाहर बंधी गाय। याद आने लगे आम के बाग उसमें कूकती कोयल, नीम व बरगद की छांव। हम कितने प्रगतिशील व आधुनिक हो गए हैं। कोरोना ने उसकी पोल खोल दी है। महामारी से परेशान होकर अपनी जड़ों को तलाशते हुए लोग गांव वापस आ रहे हैं। शायद उन्हे गांव की अहमियत का अहसास हो गया है। पेड़ चाहे जितना बड़ा हो जाए उसका जड़ो से जुड़े रहना जरूरी है। पतंग आसमान को छू ले लेकिन उसका अपने कन्ने से जुड़ा रहना जरूरी है।