सेलेब टाकः हास्य अभिनेता राहुल सिंह
खेतों से टीवी तक का सफर
जमुई से मुम्बई तक बजा हास्य का डंका
नमस्ते दोस्तों,
आइये आपको रूबरू कराते हैं बिना इंजेक्शन वाले डाक्टर जोकि दवा के रूप में मुस्कॉन बाँट कर देश – दुनियाँ के लोगों का तनाव दूर कर रहे हैं। जो हैं, टीवी सीरियल की दुनियाँ की जानी-मानी शख्शियत राहुल सिंह जी से। जो स्टार भारत टीवी चैनल पर सोमवार से शुक्रवार रात 8 बजे अपने नये और खूबसूरत कॉन्सेप्ट के साथ आपके बीच आपको गुदगुदाने के लिये एक बेहतरीन कहानी क्या हाल मि. पांचाल सीरियल के जरिये आपके दिलों में उतरने के लिये पूरी ईमानदारी से अहम किरदार के साथ दस्तक दे रहे हैं।
देश के लाफ्टर ऐक्सप्रेस के विनर, हास्यरत्न, मनोरंजन के महारथी, कॉमेडी किंग, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, बेमिशाल बेदाग सच्ची शख्शियत, सम्मानीय व्यक्तित्व राहुल जी से बातचीत के कुछ अंशः
आकांक्षा- नमस्ते सर।
राहुल- नमस्ते आकांक्षा
आकांक्षा – आपका पूरा नाम सर ?
जवाब- मेरा नाम राहुल सिंह हैं।
आकांक्षा- आपका जन्म स्थान कहाँ है ? आपका इस फील्ड में क्या संघर्ष रहा ?
राहुल- मेरा जन्म बिहार के जमुई जिला में हुआ। हमने पढ़ाई देवघर से की और पढ़ाई के साथ- साथ ऐक्टिंग भी करते रहे, बड़े स्टेज पर नही बल्कि खेतों में कभी अकेले घूमते हुये कभी दोस्तों के साथ खेलते हुये। कभी कुछ लोग हंसते भी थे पर धीरे-धीरे उन्हें समझ आया कि मैं तो सीरियस हूं तो वो सब समझने लगे और फिर दो से चार और चार से आठ लोग जुड़ते गये। फिर एक नाट्य संस्था बनाई और प्रोक्टिस जारी रही। मेरी फेमली की इच्छा से मेरा ऐडमिशन मेडीकल में हो रहा था पर हमने पूरे विश्वास से पापा जी से कहा मुझे तो मुम्बई जाना है। यह सुनकर वह चैकें और डरे कि वहाँ अपना कोई नही कहाँ रहेगा और कैसे क्या करेगा। फिर, मेरी ऊर्जा मेरी माँ ने उनको भी मना लिया और मुझे बहुत सपोर्ट किया और जब मैं मुम्बई पहुँचा तो यहाँ का नजारा इकदम अलग था। कुछ समझ नही आ रहा था क्या करूँ और कहाँ रहूँद्य फिर मुम्बई यूनीवर्सटी में एडमीशन लिया और हर छोटे-बड़े कॉलेज में जाकर प्रोग्राम किये फिर किशोर अमित कपूर ऐक्टिंग लैव ज्वाइन की। फिर, लाफ्टर एक्सप्रेस एज ए राइटर ज्वाइन किया। वहाँ के क्रिएटिव हैड ने मुझसे कहा, तुम भी हिस्सा लो और फिर, मैने पूरे आत्मविश्वास से भाग लिया और लाफ्टर एक्सप्रेस का विनर भी रहा।
मैं कभी हतास नही हुआ और हर परिस्थिति में हमेशा ऐक्टिंग के जुनून को जगाये रखा।
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