➡️रेस्टोरेंट में न्यायपालिका और न्यायिक प्रक्रिया की हुबहू उतारी गई नकल
➡️बच्चे और युवा पीढ़ी में खत्म हो रहा कानून का डर, मूकदर्शक हुए कानून के रखवाले
➡️ भारतीयों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे गांव और शहर में खुले रेस्टोरेंट
रायबरेली। फिल्मों के बाद अब इस आधुनिक काल में शहर के रेस्टोरेंट में भी न्यायपालिका और न्यायिक प्रक्रिया की हुबहू नकल उतारी जा रही है। इस तरह से पूरे कानूनी प्रक्रिया का सार्वजनिक तरीके से मजाक बनाना अब आम बात हो चली है। बच्चे और युवा पीढ़ी सभी में कानून नाम का डर खत्म हो रहा है। उल्लेखनीय है कि शहर के साथ साथ अब ग्रामीण क्षेत्र भी आधुनिकता के युग में जीने लगा है। बीते कई महीनों से देखा गया है कि जनपद रायबरेली में शहर के अंदर कैदी रेस्टोरेंट और ऊंचाहार क्षेत्र के अंदर जेल पिज्जा रेस्टोरेंट में तो पूरी की पूरी न्यायपालिका ही बना दी गई है और जिला कारागार की तो हुबहू नकल भी उतारकर रख दी गई है। जहां खासकर बच्चे, युवा और कपल अधिक जाना पसंद कर रहे हैं। ऊंचाहार से सलोन रोड पर अलीगंज मोड़ के नजदीक बने इस जेल पिज़्ज़ा रेस्टोरेंट में मैनेजर की कुर्सी के ठीक पीछे दीवाल पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ प्रिंट किया गया है। जिससे इस कुर्सी को देखते ही लगता है कि हम किसी न्यायालय के अंदर आ गए हैं। इसके साथ ही जेल के कई बैरक बनाए गए हैं। जिसके अलग-अलग बैरक में किसी में बच्चे, किसी में युवा तो किसी में कपल बैठकर मस्ती करते नजर आते हैं। खास बात तो यह है कि यहां पर हथकड़ी भी रखी गई है जो कि बैरक के अंदर प्रवेश करते ही बच्चों को, युवाओं को और वहां बैठे कपल को हथकड़ियां लगा दी जाती हैं और फिर पूरे जेल परिसर का आनंद लिया जाता है और फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर भी डाला जाता है। यहां तक कि लोग अपने परिवार के साथ भी यहां पर पहुंच रहे हैं। अब गौरतलब यह है कि क्या ऐसे में न्यायपालिका और कानूनी प्रक्रिया का मजाक नहीं उड़ाया जा रहा है। कचहरी और जिला कारागार की हूबहू नकल करने वाला यह रेस्टोरेंट बच्चों और युवा पीढ़ी में क्या अच्छे संस्कार डाल सकेगा या फिर इन्हें अपराध करने के लिए और भी अधिक प्रेरित करेगा। जबकि जिला प्रशासन ढाबे और रेस्टोरेंट में चेकिंग करती रहती है लेकिन पुलिस और प्रशासन को ऐसे रेस्टोरेंट जो समाज में अपराध और अपराधियों को बढ़ावा दे सकते हैं, इस पर उनकी नजर नहीं जा रही है।
आमजनमानस की भावनाओं से खिलवाड़ –
राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ को सभी भारतीयों में राष्ट्र का गौरव और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। इसके सम्मान के लिए कई जवान शहीद भी हुए हैं। इसके साथ संविधान में भी इसके लिए नियम बनाए गए हैं जैसे कि किसी शासकीय पद पर बैठे व्यक्ति के लेटर पैड, लेखन सामग्री या मुद्रा पर ही राष्ट्रीय चिन्ह का प्रयोग किया जा सकता है। परंतु रायबरेली जिला प्रशासन की अनदेखी से शहर में खुले रेस्टोरेंट्स अब सभी भारतीय जनमानस की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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