वाराणसी। नगर में पहली बार आयोजित हो रहे त्रिदिवसीय ‘काशी-वाराणसी साहित्य महोत्सव’ में चर्चित साहित्यकार एवं ब्लॉगर, वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव को साहित्य तथा राजभाषा हिन्दी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान, समर्पण तथा उपलब्धि के लिए ‘काशी साहित्य’ सम्मान से विभूषित किया गया। श्री यादव को यह सम्मान महोत्सव के प्रधान संरक्षक एवं पूर्व सांसद (राज्यसभा) रवींद्र किशोर सिन्हा ने प्रदान किया। 3 फरवरी को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर धाम के कॉरिडोर सभागार में आयोजित उक्त कार्यक्रम में काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पाण्डेय, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रो. के.जी सुरेश, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा चेन्नई के पूर्व कुलपति प्रो. राम मोहन पाठक सहित तमाम विद्वतजन मौजूद रहे।
गौरतलब है कि कृष्ण कुमार यादव लोकप्रिय प्रशासक के साथ ही सामाजिक, साहित्यिक और समसामयिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करने वाले साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं।
वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत लाभान्वित किए जाने की कार्यवाही हुई पूर्ण
कानपुर देहात। राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत जनपद में 68770 वृद्ध पेंशनरों को पूर्व से वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त हो रही है। वर्ष 2022-23 में जनपद में जो व्यक्ति उक्त योजना से वंचित रह गए थे, उनको एक विशेष अभियान के तहत विकास खण्डों में कैम्प आयोजित कर पात्र व्यक्तियों के आवेदन पत्र ऑनलाईन कराकर उनकी पात्रता की जाँच सम्बन्धित सत्यापनकर्ता अधिकारियों से कराते हुए 11102 नवीन पात्र वृद्धजनों की पेंशन स्वीकृत कर उनको वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही पूर्ण की गई। यह जानकारी जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ प्रज्ञा शंकर द्वारा दी गई है।
Read More »चुनावी चाशनी में डूबा संतुलित बजट
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट पर पूरे देश की नजरें केन्द्रित थी क्योंकि आम आदमी को इस बजट से ढ़ेर सारी उम्मीदें थी। दरअसल माना जा रहा था कि इस वर्ष होने जा रहे कई विधानसभा चुनावों के साथ-साथ अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बजट में आम जनता के लिए राहतों का पिटारा खोला जाएगा और ये उम्मीदें बेकार भी नहीं गई। सरकार ने 45 लाख करोड़ रुपये के खर्च का जो बजट प्रस्तुत किया है, उसमें सरकार की पावतियां केवल 23.3 लाख करोड़ रुपये की ही होंगी और इस भारी-भरकम घाटे को पूरा करने के लिए सरकार विनिवेश के जरिये करीब 51 हजार करोड़ रुपये की धनराशि जुटाएगी जबकि उसे 15 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के बाजार से ऋण लेने पड़ेंगे। बाकी की कमी को लघु बचतों के जरिये पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। बजट के प्रावधानों को देखते हुए प्रतीत होता है कि सकल विकास वृद्धि में बढ़ोतरी के लिए करीब 10 लाख करोड़ रुपये की धनराशि पूंजीगत खाते से खर्च करके सरकार देशभर में रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ औद्योगिक उत्पादन को भी बढ़ावा देना चाहती है। छोटे और मध्यम उद्योगों को शुल्क ढ़ांचे में रियायतें प्रदान कर सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि अपने उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ यह क्षेत्र रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती में भी सहभागी बने।
इस बार के केन्द्रीय बजट में विभिन्न क्षेत्रों को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण आम जनता को आयकर दरों में राहत दिया जाना है। दरअसल बहुत लंबे समय से आयकरों दरों में बदलाव की मांग की जा रही थी। नई कर व्यवस्था में आयकर सीमा में छूट को पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख किए जाने से न केवल छोटे करदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलनी तय है, वहीं इससे मिशन 2024 मोड में जुटी भाजपा को सीधा फायदा मिलेगा। हालांकि पुरानी कर व्यवस्था भी लागू रहेगी जिसके तहत अभी भी 80सी, पीएफ, आवासीय कर्ज के मूलधन और ब्याज के भुगतान इत्यादि पर छूट हासिल की जा सकती है, जो नई कर व्यवस्था में नहीं मिलेगी लेकिन इस छूट के बगैर भी सात लाख तक की आय का करमुक्त होना करोड़ों करदाताओं को सीधे तौर पर लाभान्वित करेगा। इस वर्ष से इस नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट व्यवस्था बना दिया गया है। दरअसल करदाताओं को पुरानी कर व्यवस्था से नई कर व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रेरित करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रही क्योंकि तमाम अपीलों के बावजूद अधिकांश लोगों ने इसे नहीं अपनाया था।
जनप्रतिनिधियों पर भेदभाव करने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप
मथुरा। जिले के आखिरी छोर पर बसे गांव बिरजू गढ़ी के निवासी आज भी नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं। ग्रामीण विकास कार्य कराए जाने को तरस रहे हैं लेकिन किसी जनप्रतिनिधियों ने इस गांव के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया।ग्रामीण आज भी विकास की राह देख रहे हैं। जहां एक तरफ सरकार गांवों को शहर व नगर से जोड़ने के लिए तमाम योजना बनाकर गांव के विकास के लिए पैसा बहा रही हैं। वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की बेरुखी के चलते इस गांव की तरफ किसी ने आज तक विकास के नाम पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिस कारण इस गांव का विकास नहीं हो सका। बात करें तो इस गांव में पहुंचने के लिए तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। मुख्य मार्ग से गांव तक जाने वाली सड़क आज भी कच्ची हैं जो बरसात के मौसम में ग्राम वासियों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती हैं। जहां मुख्य मार्ग से गांव तक का लगभग डेढ़ किमी का सफर लोगों के लिए मीलों से कम नहीं लगता।यह सड़क बरसात में दलदल का रूप धारण कर लेती हैं। जिससे वाहन तो दूर पैदल निकलना भी दूभर हो जाता हैं। वहीं गांव से कस्बे में पढ़ने आने वाले बच्चों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।सवारी का साधन न होने के कारण बच्चे पैदल ही स्कूल आते जाते है। जिससे वह समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते वहीं बीमार लोगों को और भी मुसीबत झेलनी पड़ती है। सफाई न होने के कारण गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। वहीं दूसरी और गांव में सफाई व्यवस्था का बुराहाल हैं।
Read More »एक मार्च को वृहद स्तर पर होंगे सामूहिक विवाह कार्यक्रम
⇒प्रति जोड़ों 51 हजार रुपये दिये जाने का है प्रावधान
मथुरा। एक मार्च को वृहद स्तर पर सामूहिक विवाह कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी क सूचित किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत जनपद में वृहद स्तर पर जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम एक मार्च को आयोजित किया जा रहा है। जिसमें शासकीय नियमानुसार प्रति जोड़ों 51 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है। 35 हजार रुपये कन्या के खाते में, 10 हजार रुपये का गृहस्थी का सामान एवं छह हजार रूपये विवाह कार्यक्रम संपन्न किये जाने पर व्यय होगा। जनपद मथुरा में सामूहिक विवाह कार्यक्रम विकास खण्ड, नगर पंचायत, नगर निगम के माध्यम से संपन्न कराये जाएंगे। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जनपद के समस्त जनप्रतिनिधि, गणमान्य व्यक्ति तथा उच्चाधिकारियों द्वारा उपस्थित होकर नव विवाहित जोड़ों को आर्शीवाद प्रदान किया जायेगा।
आग लगने की यहाँ दें सूचना, मिलेगी तत्काल मदद
मथुरा। सामाजिक वानिकी प्रभागीय निदेशक ने अवगत कराया है कि वर्ष 2023 अग्नि सीजन में वनों में आग की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण रखने, अग्नि दुर्घटनाओं की सूचनाओं अनुश्रवण करने तथा वन अग्नि दुर्घटनाओं के संबंध में विभिन्न श्रोतों से सूचना एकत्र करने करने के लिए तत्कालिक प्रभाव से प्रभागीय अग्नि नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाती है। इस नियंत्रण कक्ष के प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी किशोर कुमार चतुर्वेदी, आशुलिपिक पूनम व वन रक्षक मुनेश कुमार होंगे, जो अग्नि की सूचना मिलते ही तत्काल वन अग्नि दुर्घटना पंजिका के प्रपत्र एक में जो हमेशा नियंत्रण कक्ष के दूरभाष संख्या 0565 2470294 व मोबाइल नम्बर 8923810441, 7839435309 व 9897025515 पर कभी भी दी जा सकती है। फायर सीजन 2023 में आरक्षित वन संरक्षित वन क्षेत्रों में ज्वलनशील पदार्थ ले जाना वर्जित है। यदि कोई व्यक्ति आरक्षित अथवा संरक्षित वन क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थ सहित पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
Read More »जिला स्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिता का समापन
हाथरस। नेहरू युवा केन्द्र हाथरस के सौजन्य से बागला महाविद्यालय के मैदान में जिला स्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इस दौरान बॉलीबाल,,खो-खो,लम्बी कूद, 400 मीटर दौड़, गोला फेंक आदि़ प्रतियोगितायें । करवाई गई। सभी खिलाड़ियों ने प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती श्वेता दिवाकर प्रदेश महामंत्री महिला मोर्चा हाथरस थी । खेल-कूद प्रतियोगिता का शुभारम्भ स्वामी विवेकानन्द जी के छवि चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर एवं मार्ल्यापण कर किया । उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं के उत्साहवर्धन हेतु आज यहॉ खेलकूद प्रतियोगितायें आयोजित की जा रही हैं इन प्रतियोगिताओं में युवाओं को आपसी भेद-भाव भुलाकर खेल की भावना से खेलना चाहिए। जिससे उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास हो । खेल हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है हर व्यक्ति को प्रतिदिन कोई-कोई खेल जिसमें उन्हें रूचि हो वह खेलना आवश्यक है जिससे उनका शारीरिक विकास सही तरह से हो। इन कार्यक्रमों से युवाओं के अंदर खेल के प्रति जागरूकता आयेगी एवं उत्साह बढेगा।
अरविन्द चौधरी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से युवाओं की प्रतिभा में निखार आता है युवाओं का मनोवल बढ़ता है इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहने चाहिए।
नेहरू युवा केन्द्र, हाथरस की जिला युवा अधिकारी सुश्री दिव्या शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि नेहरू युवा केन्द्र द्वारा युवाओं के विकास के लिए विभिन्न प्रकार के खेल कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है युवाओं को खेल को खेल की भावना एवं सभी आपसी मतभेद भुलाकर आपस से खेलना चाहिए खेल में जीत हार तो होती है।
मिड-डे-मील एनजीओ की मनमानी, बच्चों को खिलाये जा रही चावल
हाथरसः नीरज चक्रपाणि। जनपद के ज्यादातर विद्यालयों में मिड डे मील ठेकेदार के द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में मानक के अनुसार नहीं दिया जा रहा है दोपहर का भोजन, सरकारी मैन्यू को धता बताकर ज्यादातर हर रोज चावल ही खिलाये जा रहे है बच्चों को, खाने की घटिया क्वालिटी को लेकर बच्चों ने खाना खाने से किया इनकार और कर दी खाने की हड़ताल।आपको बता दे हाथरस में सरकारी प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में दोपहर का भोजन बच्चों को बांटने के लिए मिड डे मील का ठेका एनजीओ को दे रखा है वही उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा बच्चों को प्रत्येक दिन का खाने का अलग-अलग मेन्यू भी जारी कर रखा है जिसके अनुसार बच्चों को हर रोज बदल बदल कर खाना और दूध दिया जाएगा लेकिन हाथरस के मिड डे मील ठेकेदार के द्वारा न खाने में मानक का प्रयोग नही किया जा रहा है ना मैंन्यू का ध्यान रखा जा रहा है ज्यादातर विद्यालयों में बच्चों को हर रोज चावल ही खिलाये जा रहे हैं गुणवत्ता भी खाने की ठीक दिखाई नहीं देती है जिसके कारण नगला बिहारी के प्राथमिक विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा खाना खाने से इंकार करते हुए खाने का बहिष्कार कर खाने की हड़ताल कर दी गई।
Read More »उपजा की प्रान्तीय कार्यकारिणी के द्विवार्षिक चुनाव में डा0 जी0 सी0 श्रीवास्तव प्रान्तीय अध्यक्ष, रमेश चन्द जैन जनरल सेक्रेटरी एवं नीरज चक्रपाणि संगठन मंत्री पद पर निर्वाचित घोषित
लखनऊ। यू०पी० जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन, उपजा की प्रान्तीय कार्यकारिणी के द्विवार्षिक चुनाव 2023 में डा0 जी0 सी0 श्रीवास्तव (गोण्डा) को प्रान्तीय अध्यक्ष, रमेश चन्द जैन (बागपत) को जनरल सेक्रेटरी एवं अरूण जायसवाल (सुल्तानपुर) को कोषाध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुन लिया गया।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष जी० सी० श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदो के पत्रकार साथियों के साथ मार्गदर्शक मंडल के सहयोग से वे संगठन को आगे बढ़ाने तथा पत्रकार हितो को लेकर अपना संघर्ष जारी रखेगे। उन्होने मुख्य चुनाव अधिकारी श्री दिलीप वर्मा के प्रति आभार प्रकट किया।
पत्रकारों की एकजुटता कायम करने एवं उनके अधिकारों के लिए सतत संघर्ष करने वाले महामंत्री रमेश चन्द जैन का भी उन्होने अभार जताते हुए कहा कि उपजा उनके अनुभवों की बदौलत अब और अधिक गतिशील एवं उर्जावान बनेगी।
निर्वाचित जनरल सेक्रेटरी रमेश चंद जैन ने कहा कि उपजा की निर्वाचन प्रक्रिया आपसी प्रेम सद्भाव एवं संगठन हित की भावना के साथ संपन्न हुई है। जिसमें लखनऊ गोरखपुर मेंरठ समेत पूरे प्रदेश के पत्रकार साथियों ने हिस्सा लिया।
उपाध्यक्ष पद पर क्रमशः द्विजेन्द्र मोहन शर्मा (फिरोजाबाद) निर्भय सक्सेना (बरेली) डा0 नृपेन्द्र सिंह श्रीवास्तव (अम्बेडकर नगर) रईस अहमद (गोण्डा) तथा मंत्री के पद पर मुकेश गोयल (मेरठ) डा0 राज किशोर सिंह (सुल्तानपुर) सुनील कुमार वशिष्ठ (फिरोजाबाद) वेद प्रकाश पाठक (गोरखपुर) विशनपाल सिंह चौहान (एटा) निर्वाचित घोषित हुए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अपर जिला जज / सचिव द्वारा जिला कारागार, कानपुर देहात में किया गया निरीक्षण
कानपुर देहात। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में एवं लालचन्द्र गुप्ता, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर देहात के निर्देशानुसार आज दिनांक 02.02.2023 को जिला कारागार, कानपुर देहात के पुरुष एवं महिला बैरक का निरीक्षण निजेन्द्र कुमार, अपर जिला जज / सचिव- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर देहात के द्वारा किया गया। जिला कारागार में पुरुष, महिला एवं किशोर बन्दी निरूद्ध हैं। सचिव द्वारा जिला कारागार में निरुद्ध पुरुष बन्दियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया, पुरुष बैरक में संचालित पुस्तकालय का निरीक्षण किया गया जिसमें बन्दियों के पढ़ने हेतु कुछ किताबे है जैसे कि गीता, अखण्ड ज्ञान, संस्कार विधि, न्यायदर्शन, श्री विष्णु पुराण, आर्य समाज, ओशो वर्ल्ड एवं इग्नू की पुस्तक राजनीतिक सिद्धात की पुस्तकें उपलब्ध है। परन्तु यह पुस्तकें नाम मात्र ही हैं जो अति दयनीय स्थिति में हैं। चूंकि जिला कारागार कानपुर नगर से यहां स्थानांतरण होने पर पुस्तकें नहीं मिली है, जबकि उ०प्र० कारागार नियमावली 2022 के अनुसार बन्दियों के अनुरूप पुस्तकें होनी चाहिए। सचिव द्वारा यह अपील की जाती है कि जनपद में संचालित स्वयं सेवी संघ व जिनके पास पत्रिकायें / किताबे उपलब्ध है और वह दान करना चाहते हैं तो वह जिला कारागार में बन्दियों के पढ़ने हेतु दे सकते हैं।
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