Sunday, September 22, 2024
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बच्चों की रचनात्मकता में बाधक होमवर्क

आज बच्चों को होमवर्क देना विद्यालयों की दैनंदिन शिक्षा प्रक्रिया का एक जरूरी अंग बन गया है। शायद ही कोई ऐसा स्कूल हो जो बच्चों को विषयगत होमवर्क न देता हो। देखने में आता है कि होमवर्क बच्चों को बांधे रखने का जरिया बन चुका है। होमवर्क में विद्यालय में पढ़ाये गये विषय के प्रकरण और पाठों पर आधारित वही प्रश्न घर पर पुनः लिखने को दिये जाते हैं जो बच्चों में ‘रटना’ की गलत प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं। जबकि एनसीएफ-2005 की स्पष्ट अनुशंषा है कि बच्चों को कल्पना एवं मौलिक चिंतन मनन करने के अवसर दिये जायें, न कि रटने या नकल करने को बाध्य किया जाये। पर होमवर्क का बच्चों में ज्ञान निर्माण करने की बजाय सूचनाओं को रटवाने और नकल करने पर जोर है। क्योंकि आज की शिक्षा बच्चों को एक उत्पाद के रूप में तैयार कर रही है और इस प्रक्रिया में अभिभावक की भी स्वीकृति और भागीदारी है। तो यहां एक प्रश्न उभरता है कि बच्चों कों होमवर्क क्यों दिया जाये? क्या यह जरूरी है और बच्चों के लिए इसके क्या फायदे हैं?
होमवर्क में फंसे बच्चे के पास न तो प्रश्न हैं न ही जिज्ञासा। अगर कुछ है तो दबाव, होमवर्क पूरा करनें का दबाव और इस दबाव ने बच्चों से उनका बचपन छीन लिया है। उसके पास-पड़ोस और परिवेश में घट रही घटनाओं, प्राकृतिक बदलावों, सामाजिक तानाबाना, तीज-त्योहारों, को समझने-सहेजने, अवलोकन करने और कुछ नया खोजबीन करने का न तो समय है न ही स्वतंत्रता। होमवर्क बच्चो ंमें कुछ नया सीखने को प्रेरित नहीं कर रहा बल्कि लीक का फकीर बनने को बाध्य कर रहा है। जाॅन होल्ट के शब्दों में कहूं तो ‘‘वास्तव में बच्चा एक ऐसी जिंदगी जीने का आदी बन जाता है जिसमें उसे अपने आसपास की किसी चीज को ध्यान से देखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। शायद यही एक कारण है कि बहुत से युवा लोग दुनिया के बारे में बचपन में मिली चेतना और उसमें मिली खुशी खो बैठते हैं।’ आखिर कैसी पीढ़ी तैयार की जा रही है जिसकी सांसों में अपनी माटी की न तो महक बसी है और न ही आंखों में सौन्दर्यबोध। न लोकजीवन के रसमय रचना संसार की अनुभूति है और न ही लोकसाहित्य के लयात्मक राग के प्रति संवेदना और अनुराग। सहनशीलता, सामूहिकता, सहिष्णुता, न्याय, प्रेम-सद्भाव एवं लोकतांत्रिकता के भावों का अंकुरण न होने के कारण उनकी सोच एवं कार्य व्यवहार में एक प्रकार का एकाकीपन दिखायी पड़ता है। उसमें अंदर से रचनात्मक रिक्तता है और रसिकता का अभाव भी।

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आम आदमी को अच्छे दिनों का अहसास कराता बजट

विपक्ष भले ही वर्तमान सरकार के इस आखरी बजट को चुनावी बजट कहे और कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल के बजट भाषण को चुनावी भाषण की संज्ञा दे, लेकिन सच तो यह है कि इस आम बजट ने अपने नाम के अनुरूप देश के आम आदमी के दिल को जीत लिया है। जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, यह सर्वव्यापी, सरस्पर्शी, सरसमवेशी, सर्वोतकर्ष को समर्पित एक ऐसा बजट है जो भारत के भविष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के सपने अवश्य जगाता है जो कितने पूर्ण होंगे यह तो समय ही बताएगा।
यह पहली बार नहीं है जब किसी सरकार ने चुनावी साल में बजट प्रस्तुत किया हो। लेकिन हाँ, यह पहली बार है जब भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में जहाँ अब तक लगभग हर सरकार चुनावी साल के बजट में केवल आगामी लोकसभा चुनावों को ही ध्यान में रखकर बजट प्रस्तुत करती थीं, वहां इस सरकार ने आगामी दस सालों को ध्यान में रखकर बजट प्रस्तुत किया है।
यही मोदी की शैली है। खुद उनके शब्दों में जब मैं काम करता हूँ तो राजनीति नहीं करता और यही उनकी खासियत है कि उनके काम उनके विरोधियों को राजनीति करने लायक छोड़ते नहीं। अब देखिए ना चुनाव जीतते ही साढ़े चार साल उन्होंने सख्त प्रशासन और नोटबन्दी, जी एस टी जैसे कठोर फैसले लिए। और अब चुनाव से पहले जी एस टी में छूट, सवर्ण आरक्षण जैसे कदमों के बाद अब बजट में किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों समेत मध्यम वर्ग के लिए सौगातों की बौछार लगा कर अपनी धारदार राजनीति से विपक्ष के वोटबैंक को धराशाही भी कर दिया। जिस मध्यम वर्ग से उन्होंने अपनी सरकार के पहले बजट में कहा था कि उसे अपना ध्यान खुद ही रखना होगा, उस मध्यम वर्ग को चुनावी साल में एक झटके में साध लिया। साथ ही वित्तमंत्री ने यह कहकर कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है ना सिर्फ गरीबों को साधा बल्कि कांग्रेस पर भी प्रहार किया जिनकी सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है।
लेकिन मोदी सरकार के इस बजट में समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है

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पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ थाना दिवस

रूरा कानपुर देहात, लालू भदौरिया। शनिवार पुलिस अधीक्षक राधेश्याम विश्वकर्मा ने थाना समाधान दिवस में उस्का में खुद फरियादियों को सुना। मामलों के निस्तारण का आदेश दिया। उनकी मौजूदगी का प्रतिफल यह रहा कि सभी मामले गंभीरता के साथ सुने गए और उसके निस्तारण का प्रयास किया गया।
थाने पर आए आठ मामलों में से चार का मौके पर ही निस्तारण हो गया। इसके अलावा राजस्व से संबंधित चार पूर्व के मामलों में तीन में मौके पर टीम भेजी गई। समाधान दिवस में पुलिस अधीक्षक ने फरियादियों से यह भी कहा कि वह संबंधित विभागों में भी समस्या से संबंधित प्रार्थना पत्र दें। ताकि उसका उचित निस्तारण हो सके। राजस्व संबंधित मामलों में संबंधित विभाग व अस्पताल से संबंधित मामले में स्वास्थ्य विभाग को प्रार्थना पत्र दिया जाए। ऐसे मामलों में पुलिस बेहतर तरीके से निदान नहीं दे सकती है। कस्बे के पूर्व शिक्षका शशीकला ने अपने दत्तक पुत्र पर जबरदस्ती रुपये मांगने व मारपीट का आरोप लगा उसके विरूद्ध कार्यवाही की गुहार लगाई इस दौरान। थाने में थानाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठी, विकल्प चतुवेर्दी, ज्ञानप्रकाश पांडेय, उम्मेद सिंह चौहान, ओमकार दीक्षित, विवेक तिवारी, होरीलाल, नरेन्द्र यादव व अन्य उपनिरीक्षक मौजूद रहे।
पुलिस अधीक्षक ने थाना रूरा के सीमांकन स्थल परिधि की हकीकत को देख थाना के बीच रास्ते में बैरिकेटिंग लगवाने के भी थानाध्यक्ष को निर्दश दिया।

 

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मंगलपुर थाने में आए सात मामले जिसमे दो का हुआ निस्तारण

कानपुर देहात, लालू भदौरिया। शनिवार को सर्किल के दो थानों में आयोजित थाना समाधान दिवस में कुल 11 मामले पेश हुए। इसमें अधिकांश राजस्व से संबंधित रहे। चार का निस्तारण मौके पर किया गया, शेष में मौके पर पुलिस व राजस्व विभाग की टीमें भेजी गई।
मंगलपुर थाने में उपजिलाधिकारी दीपाली कौशिक की अध्यक्षता व कोतवाल तुलसीराम पांडेय की उपस्थिति में आयोजित हुए समाधान दिवस में कुल सात शिकायतें प्रस्तुत हुई, जिसमें दो का निस्तारण तुरंत कर दिया गया, जबकि शेष तीन अन्य मामलों के समाधान हेतु पुलिस व राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें मौके के लिए रवाना की गई, उपजिलाधिकारी दीपाली भार्गव ने बताया निष्पक्ष जांच कर शीघ्र वाद का निराकरण करने संबंधित निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने कहा त्वरित शिकायत का निपटारा हो, इसके लिए जिम्मेदार अपनी ओर से कोई कोर कसर बाकी न छोड़ें। इस दौरान तिलकधारी सरोज, अनुराग पांडेय समेत अन्य पुलिसकर्मी मजूद रहे।

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अखंड रामचरित मानस पाठ व श्री राम राज्याभिषेक का आयोजन किया

सरोज शुक्लः कानपुर। के ब्लॉक किदवई नगर बसंती मार्केट स्थित मारुति नंदन धाम में गुरूवार को आयोजित संगीतमयी अखंड रामचरित मानस पाठ व श्री राम राज्याभिषेक का विशाल भंडारे के साथ समापन हो गया।
मंदिर के पुजारी आचार्य आकाश शुक्ल ने बताया कि यह मंदिर लगभग 40 वर्ष पुराना है। जीर्णोद्धार के पश्चातहर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आयोजन किया गया।यह पाँचवा आयोजन है। हनुमानजी महाराज की कृपासे यह अनवरत चलता रहेगा।
राज्याभिषेक व्यास श्री धनंजय शुक्ल ने भगवान श्री राम जी के राज्याभिषेक से संबंधित अनेकों गूढ़ प्रसंगों का बखान किया। जैसे रामजी का वनवास 14 वर्ष के लिए ही क्यों हुआ? राम वनवास के कारणों, कैकेई भरत प्रसंग, राम के भ्रातत्व प्रेम आदि तार्किक प्रसंगों से उपस्थित जन समुदाय का मन मोह लिया। बाद में उन्होंने आदर्श राम राज्य की स्थापना का भी बखान किया। व्यासजी व उनके सहयोगी लज्जा श्रीवास्तव, आर. बी. सिंह, सुरेश मिश्र को मंदिर की संस्थापक दीदी विभा सिंह जी ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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सीएसजेएम की छात्राओं के लिए आयोजित हुई पर्सनल एवं करियर काउन्सलिंग कार्यशाला

डॉ. दीपकुमार शुक्लः कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय परिसर स्थित महिला छात्रावास में वहाँ रह रही छात्राओं हेतु विश्वविद्यालय एम्पलॉयमेंट ब्यूरो के द्वारा करियर काउंसलिंग एवं पर्सनल काउंसलिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय एंप्लॉयमेंट ब्यूरो प्रमुख डॉ.सुधांशु राय, चीफ कोऑर्डिनेटर गर्ल्स हॉस्टल बार्शी सिंह, मुख्य वक्ता डॉ.सीमा जैन एवं डॉ.अर्पणा कटियार के द्वारा किया गया। जे के कैंसर इंस्टीट्यूट की काउंसलर डॉ. सीमा जैन ने छात्राओं से हाइजीन डिप्रेशन इत्यादि से सम्बंधित उनके अनुभव साझा किए और अनुभवों के पश्चात उन्हें उनकी पर्सनल लाइफ को एक सही दिशा देने हेतु कुछ टिप्स भी दिए। डॉ. सीमा जैन ने बताया कि आज के समय में छात्राएँ अपने मन की बात तो किसी के साथ साझा नहीं करती हैं बल्कि मन ही मन में उससे और कुंठित होती रहती हैं। जिससे वे अवसाद से ग्रसित हो जाती हैं और ये अवसाद कभी कभी किसी छात्रा को ऐसी दशा की ओर ले जाता है जहाँ से निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में कई बार वे छात्राएँ सुसाइड तक के बारे में सोच लेती हैं। आज जैसा समाज आधुनिकता के दौर में चल रहा है, जहाँ पर आप अपने परिवार के माता-पिता या चाचा-चाची को अपने दोस्त की तरह मानते हैं, तो वहाँ पर ये एक बहुत ही अच्छा संकेत है कि आप अपने अनुभव अपनी दिनचर्या के बारे में अपने पेरेंट्स से कुछ बातें साझा कर सकते हैं। इस अवसर पर गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन कोर्डिनेटर डॉ.वार्शी सिंह ने छात्राओं को यह समझाया कि यहाँ पर रहने वाली सभी छात्राएँ आपस में एक दूसरे के प्रति अच्छा व्यवहार रखें और जो 2 या 3 साल के लिए यहाँ पर रहने आयी हैं उस दौरान इन छात्राओं और शिक्षकों को अपना एक परिवार माने। हॉस्टल वॉर्डन डॉ. अर्पणा कटियार ने छात्रों को यह समझाने की कोशिश की कि कुछ मुसीबतें आपकी जिंदगी को रोक नहीं सकती हैं बल्कि वे मुसीबत आपको और सक्षम बनाती हैं।

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शस्त्र लाइसेंस एनडीएएल पर दर्ज किये जाने हेतु समय सीमा 31 मार्च तक

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। शस्त्र लाइसेंस एनडीएएल पर दर्ज किये जाने हेतु 1 अप्रैल 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च 2019 तक समय सीमा बढ़ायी गयी है। जिन शस्त्र अनुज्ञापियों के शस्त्र लाइसेंस जो जनपद कानपुर देहात से स्वीकृत है एनडीएएल पर अंकित नही हो सका है। वह अपने समस्त प्रपत्र के साथ कार्यालय में निर्धारित समय सीमा के अन्दर सम्पर्क करें। यह जानकारी अपर जिलाधिकारी प्रशासन/प्रभारी अधिकारी (आयुध) पंकज वर्मा ने दी है।

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किसानों पर दर्ज मुकदमा निरस्त कराने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन

कानपुर, जन सामना संवाददाता। गरीब किसानों की हरी भरी फसलों को वन विभाग द्वारा नष्ट किए जाने तथा बोई हुई फसल को बचाने के संबंध में एवम पुलिस द्वारा किसानों पर दर्ज मुकदमा निरस्त करने के लिए ग्राम भरतपुर पोस्ट बैकुंठपुर थाना बिठूर के निवासियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।
क्षेत्रीय संयोजक किरन लोधी निषाद ने बताया कि गरीब किसानों ने वन विभाग से लीज पर अमरूद की फसल ठेकेदारों द्वारा ली थी। इस साल अमरूद की फसल नहीं आने से गरीब किसानों को बहुत ज्यादा हानि हुई। उसी अमरूद की बागों की भूमि में धनिया, गेंहू, मूली, पालक, फूल आदि की फसल बोई थी। जो अब तैयार हो चुकी थी। परंतु 25 जनवरी को वन विभाग ने उस फसल को नष्ट कर दिया। जिससे गरीब किसान आक्रोशित होकर 26 जनवरी को दूसरे दिन जिहेपुर चैराहे पर जाम लगा दिया, इस उददेश्य में की बची हुई फसल को बचाया जा सके, परन्तु पुलिस प्रशासन ने उन किसानों पर लाठी, डण्डे से मारा और उन किसानों पर मुकदमा दर्ज कर लिया जिसमे पूर्व प्रधान रूप राम, सुमन रामोतार, बुद्धि लाल, हीरा लाल, रामकृष्ण, रामविलास, झाऊ लाल, लखनलाल समेत अन्य 20 से 25 लोग शामिल हैं। गरीब किसानों के साथ उचित न्याय हो जिससे हमारी बची हुई फसल को काटने के लिए दो माह का समय दिया जाय। और पुलिस प्रशासन थाना बिठूर द्वारा दर्ज मुकदमा निरस्त किया जाय तथा वन विभाग द्वारा नष्ट की गई फसल का मुआवजा दिया जाय। ज्ञापन देने में मुख्य रूप से पाल निषाद, श्याम कश्यप, अविनाश निषाद, विनोद निषाद, मुकेश कश्यप, प्रहलाद कश्यप, दीपचंद कश्यप, ब्रिजनारायन निषाद, योगेश आदि लोग उपस्थित थे।

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बीसवां संत सम्मेलन पूर्ण आस्था से संपन्न

स्वर्गीय बदन सिंह कुशवाहा पुण्य स्मृति में विराट तीन दिवसीय संत समागम संपन्न
कानपुर। घाटमपुर क्षेत्र स्थित आदर्श कालिंद्री इंटर कॉलेज ग्राम कोटरा मकरंदपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री कुंवर शिवनाथ सिंह कुशवाहा के भाई स्वर्गीय बदन सिंह कुशवाहा की पुण्य स्मृति में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी तीन दिवसीय 20वां संत सम्मेलन उनके पुत्रों अरविंद सिंह उर्फ बड़े राजा, राघवेंद्र सिंह उर्फ छोटे राजा, बबलू सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख, उदयवीर सिंह, इंद्रजीत सिंह कुशवाहा ब्लाक प्रमुख घाटमपुर व परिजनों द्वारा आयोजित किया गया। 29 जनवरी मंगलवार से शुरू विराट संत सम्मेलन 1 फरवरी को भंडारा एवं प्रसाद वितरण के साथ सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर कोटरा मकरंदपुर सहित आसपास व दूरदराज के ग्रामीणों ने संत समागम में शरीक होकर पुण्य लाभ कमाया। ब्लाक प्रमुख इंद्रजीत सिंह कुशवाहा ने कहा कि पुण्य स्मृति में मजबूरों, गरीबों की सहायता हो जाए बच्चों का उत्साहवर्धन हो जाए और धर्म-कर्म की बात हो जाए तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। संत समागम में मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। दूसरे दिन 30 जनवरी को निशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों की आंखों का परीक्षण कर ऑपरेशन योग करीब आधा सैकड़ा ग्रामीणों को निशुल्क ऑपरेशन के लिए जवाहरलाल रोहतगी नेत्र चिकित्सालय कानपुर भेजा गया। समागम के तीसरे दिन सैकड़ों कन्याओं को तिलक व दक्षिणा देकर भोजन कराया गया। धार्मिक अनुष्ठान में देश देशांतर से आए संतों, विद्वान कलाकारों व महिला संतों के प्रवचन हुए जिसमें धार्मिक ज्ञान, भक्ति के मार्ग बताए गए। सफल ऑपरेशन के बाद लौटे करीब 52 नेत्र मरीजों का स्वागत कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई। प्रसाद वितरण कार्यक्रम किया गया।

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किसानों व कामगारों को मजबूत करेगा बजटः अजय प्रताप सिंह

कानपुर। अपना दल एस राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजय प्रताप सिंह ने मोदी सरकार के बजट को किसानों और कामगारों का बजट बताया है उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों और कामगारों को मजबूत करेगा। सरकारी कर्मचारी और वेतनभोगी की लंबे समय से टैक्स में छूट बढाने की मांग को मोदी सरकार ने पूरा किया है। अपना दल एस किसानों कमेरों का दल है और उसी के अनुरूप यह बजट पेश किया गया है। हमारी पार्टी और हमारी नेता अनुप्रिया पटेल जी की भावनाओं का सम्मान इस बजट में किया गया है। उन्होंने कहा बजट में जिस तरह आमजन के ध्यान रखा गया है वह विपक्ष की चूलें हिला देगा।

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