Sunday, November 17, 2024
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परीक्षा देने आयी दो महिला परीक्षार्थी हुई बीमार

फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। नगर में महात्मागांधी बालिका विद्यालय में टेट की परीक्षा देने आयी दो महिला परीक्षार्थी बीमार होने से विद्यालय प्रशासन में हडकम्प मच गया। मौके पर 108 की एम्बुलेन्स के साथ जिला अस्पताल में चिकित्सक भी छात्राओं के उपचार के लिए परीक्षा केन्द पहुचे।
रविवार को नगर के कई विद्यालयों में टेट की परीक्षा देने के लिए हजारों परीक्षार्थी आये हुए थे। जिसमें लगभग 700 परीक्षार्थी नगर के महात्मागाॅेधी बालिका इ0 कालेज में परीक्षा दूसरी पारी में दे रहे थे। उसी दौरान टूण्डला से आयी महिला परीक्षार्थी कु0 अमरीश पुत्री प्रतापसिंह, दूसरी छात्रा दिव्या बीमार हो गयी। छात्राओं की हालत खराब होता देख परीक्षा केन्द्र में हडकम्प मच गया। उसी दौरान निरीक्षण के लिए विद्यालय में आयी डीआईओएस रितू गोयल ने डालय 108 की एम्बुलेन्स को छात्राओं के उपचार के लिए अस्पताल भेजने के लिए बुलवायी।

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रजत श्री फाउण्डेशन की प्रतिभाओं का पांचवा व अंतिम ऑडिशन

कानपुर, श्यामू वर्मा। रजत श्री के तत्वावधान में अध्यक्ष अरविंद सिंह की अध्यक्षता में रॉयल प्रिंस बैक्वेट में निकट गुरुदेव पैलेस में संपन्न हुआ। यह जानकारी देते हुए अरविंद सिंह ने बताया कि रजत श्री फाउण्डेशन की प्रतिभाओं का पांचवा व अंतिम ऑडिशन करा रही है। डांस कानपुर डांस हुनर ही विनर में प्रतिभाओं का अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है। आज सुबह से ही प्रतिभागियों की लंबी लंबी लाइनें लगी हुई थी जो प्रतिभागी अपना हुनर दिखाने के लिए सुबह से ही उत्साहित थे जिसमें कुल 287 प्रतिभागियों ने अपना हुनर दिखाया। जिनमें से सोलो डान्स प्रतिभागी 252 डूयूट डांस में 19 एवं ग्रुप डांस में 16 ने अपना जमकर हुनर दिखाया इनमें से सोलो डांस प्रतिभागी 88 डूयूट डांस प्रतिभागी 11 एवं ग्रुप डांस प्रतिभागी 8 चुने गये। इस प्रकार कुल 107 प्रतिभागी चुने गए। चयनित किए गए प्रतिभागियों को 22 अक्टूबर 2017 को प्री नाले में जगह मिलेगी प्रतिभागियों की अधिक भीड़ उनका जो देखते हुए ऑडिशन रात 9ः30 बजे तक चलता रहा। प्रतिभागियों ने आए हुए अतिथियों एवं दर्शकों को अपने हुनर से मोहित कर दिया व सैकड़ों की भीड़ ने ताली बजा कर उनका उत्साह वर्धन किया। शहर में ऐसा ऑडिशन देखकर सभी आए हुए लोगों ने रजत श्री फाउण्डेशन परिवार को बधाई दी एवं भविष्य में और अच्छा करने के लिए उत्साहित किया।

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बोनस की मांग को लेकर मजदूरों ने किया प्रर्दशन

फिरोजाबाद, संवाददाता। थाना लाइनपार क्षेत्र ढोलपुरा स्थित टाइगर ग्लास कारखाने में काम कर रहे सैकडों मजदूरों ने दिवाली पर्व पर बोनस की मांग को लेकर हडताल कर दी। कम बन्द करने के बाद सैकडों मजदूर कारखाने के बाहर गेट पर धरने पर बैठ गये। कई घण्टों चली बैठक के बाद सांय के समय मामले को एएलसी द्वारा समझाबुझा कर शान्त कराया गया।
विगत कई दिनों से टाइगर ग्लास इंडस्ट्रीयल के मजदूर अपने मालिक से दिपावली पर्व के चलते बोन्स की बात कर रहे थे। लेकिन मालिक द्वारा मजदूरों को बोनस न देने की बात कर दी। उसके बाद आज सैकडों मजदूर काम बन्द करने के बाद कारखाने के गेट पर धरने पर बैठ गये। उसके बाद कारखाने में काम बन्द होता देख मालिक के होश उड गये। क्यो कि हजारों की गैस एक दिन में फूक रही थी। सुबह से धरने पर बैठे मजदूरों को मजदूर नेताओं के साथ कई अन्य नेताओं द्वारा समझाया गया।

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एसबीआई वर्कमेन्स कोआपरेटिव सोसायटी की वार्षिक बैठक सम्पन्न

कानपुर, श्यामू वर्मा। बाल भवन फूलबाग में एस0बी0आई0 वर्कमेन्स कोआपरेटिव सोसाइटी लि0 की बैठक सम्पन्न हुई। एस0बी0आई0 वर्कमेन्स कोआपरेटिव सोसायटी लि0 की वार्षिक आम सभा में समिति के अधिकतर सदस्य उपस्थित रहे। सभा की अध्यक्षता राजेन्द्र पाल सिंह ने की। सभा मे मुख्य अतिथि राजेन्द्र कुमार अवस्थी ने सहकारिता के महत्वों पर अपनी बात को विस्तार पूर्वक बताया और साथ ही पत्रकारों को सम्मानित भी किया। वही सचिव ब्रिजेश कुमार शर्मा द्वारा उपस्थित सदस्यों के बीच में वर्ष 2016-17 का आय-व्यय पढ़ कर सुनाया गया।

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फीटा काटकर किया गया एसपी सिटी कार्यालय का उद्घाटन

फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक नगर नवनिर्माण कार्यालय का फीटा काटकर उद्धाटन किया। इस मौके पर पुलिस अधिकारियों के साथ समाज सेवियों सहित उधोगपति भी मौजूद रहे।
रविवार की दोपहर फिरोजाबाद नगर एस पी के नवीन कार्यालय का उद्धाटन आगरा जोन अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनन्द द्वारा पटिका अनावरण, फीता काट कर किया। इस मौके पर एडीजी आगरा ने जनपद वासियों को संदेश देते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन के साथ अपने शहर को सुन्दर बनाने व त्यौहार को देखते हुए शान्ति व्यवस्था के लिए प्रशासन का सहयोग करें, साथ ही दीपावली पर आतिशबादी का कम प्रयोग करें हो सके तो तेज आवाज के पटाखे ने चलायें बच्चो के साथ अतिशबादी का प्रयोग करते समय बच्चो के साथ रहे। जिससे कोई अप्रिय घटना न हो सके। साथी ही कानून व्यवस्थ्या का दुरूषत करने के लिए एसएसपी डा0 मनोजकुमार, एसपी देहात महेन्द्र सिंह, एसपी नगर राजेश कुमार पुलिस बल के साथ समय-समय पर चैकिंग करते हुए अपराधियों पर नजर रखेंगे। किसी भी प्रकार से शहर पर शान्ति व्यवस्था को बिगडने नही दिया जायेगा। वही नगर निगम के चुनाव को देखते हुए अपराधिक व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनको जेल का रास्ता दिखाया जायेगा।

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जेल में बन्दी की मौत, परिजनों ने दिया धरना

फिरोजाबाद, एस0 के0 चित्तौड़ी। विगत दिन जिला जेल में बन्द एक अभियुक्त की हद्य गति रूकने से मौत हो गयी थी। मृतक के परिजन, सपा नेता के सहयोग से जिला अस्पताल में धरने पर बैठ कर निष्पक्ष जांच करने की मांग करने लगे। थाना रामगढ़ क्षेत्र के दीदामई निवासी रफीक पुत्र छोटे खां को विगत 11 फरवरी 2017 को दक्षिण पुलिस ने उसके साथियों सहित चोरी की घटनाओं में अभियोग दर्ज करने के बाद गैंगस्टर की कार्यवाही की गयी थी। अभियुक्त को न्यायालय द्वारा हिरासत में लेकर जेल भेजा गया। शुक्रवार को रफीक अपने साथी के साथ जेल में बात करते समय सीने में दर्द उठने से अचेत हो गया। जिसको उपचार के लिए जिला जेल से अस्पताल भेजा गया। जहां से आगरा जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गयी। मृतक के परिजन आज सुबह जिला अस्पताल में सपा नेता इमरान मन्सूरी के साथ धरने पर बैठ कर जिलाधिकारी से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए जेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी।

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हर दिल के अंदर मोहब्बत है-प्रिया

इलाहाबाद, जन सामना ब्यूरो। संगम नगरी में दूसरी फिल्म शूटिंग होने जा रही है। हाल ही में हर दिल के अंदर मोहब्बत का लॉन्च हुई। इस फिल्म का संगीत आज के दौर का है। संगीत में हर तरह का मिश्रण पिरोया गया है। फिल्म मोहब्बते देखी ही होगी कुछ ऐसा ही फेवर है हर दिल के अंदर मोहब्बत का भी है। उस फिल्म में कई गुना अधिक रोमांस सुन्दर फिल्माकंन बेहतरीन लोकेसन और हिट संगीत इस फिल्म में नजर आएगा।
इलाहाबाद में पहली बार फिल्म की शूटिंग होने जा रही है जिसमें संगम नगरी की रहने वाली अभिनेत्री प्रिया भारतीय है। वे बहुत जल्द ही फिल्म में भूमिका की नजर आ रही है और प्रिया की अब दूसरी फिल्म है। अगले महीने से शूटिंग है। प्रिया कहती हैं कि मुझे खुशी है कि फिल्म में काम करने का अवसर मिला है। मैं काफी समश् से सोच रही थी लेकिन अब फिल्म में जाना चाहती हूँ मेरी यही तम्मना है जो फिल्म में शूटिंग होने जा रही है इसके सचिन कुमार जो की डान्स कोरियोग्राफर हैं उन्होंने सरोज खान इश्क समुन्दर और शबीना खान के साथ तेज रफ्तार फिल्म में बत्तौर डांसर काम किया है और सचिन के साथ फिल्म में काम करने का मौका मिला है।

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संदिग्ध हालत में व्यक्ति आग से झुलसा

फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। थाना उत्तर क्षेत्र के ककरऊ में एक व्यक्ति संदिग्ध हालत में आग से झुलस गया। जिसको उपचार के लिए परिजनों द्वारा जिला अस्पताल लाया गया।
थाना उत्तर क्षेत्र के ककरऊ निवासी 40 वर्षीय रामनरायण पुत्र रघुवर दयाल आज सुबह संदिग्ध हालत में घर पर खाना बनाते समय आग से बुरी तरह से झुलस गया। जिसको आग से बचाने के बाद राजेन्द सिंह नामक व्यक्ति द्वारा उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया।

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क्यों न दिवाली कुछ ऐसे मनायें

दिवाली यानी रोशनी, मिठाईयाँ, खरीददारी, खुशियाँ और वो सबकुछ जो एक बच्चे से लेकर बड़ों तक के चेहरे पर मुस्कान लेकर आती है।
प्यार और त्याग की मिट्टी से गूंथे अपने अपने घरौंदों को सजाना भाँति भाँति के पकवान बनाना नए कपड़े और पटाखों की खरीददारी !
दीपकों की रोशनी और पटाखों का शोर
बस यही दिखाई देता है चारों ओर।
हमारे देश और हमारी संस्कृति की यही खूबी है।
त्यौहार के रूप में मनाए जाने वाले जीवन के ये दिन न सिर्फ उन पलों को खूबसूरत बनाते हैं बल्कि हमारे जीवन को अपनी खुशबू से महका जाते हैं।
हमारे सारे त्यौहार न केवल एक दूसरे को खुशियाँ बाँटने का जरिया हैं बल्कि वे अपने भीतर बहुत से सामाजिक संदेश देने का भी जरिया हैं।
भारत में हर धर्म के लोगों के दीवाली मानने के अपने अपने कारण हैं
जैन लोग दीवाली मनाते हैं क्योंकि इस दिन उनके गुरु श्री महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था।
सिक्ख दीवाली अपने गुरु हर गोबिंद जी के बाकी हिंदू गुरुओं के साथ जहाँगीर की जेल से वापस आने की खुशी में मनाते हैं।
बौद्ध दीवाली मनाते हैं क्योंकि इस दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था।
और हिन्दू दीवाली मनाते हैं अपने 14 वर्षों का बनवास काटकर प्रभु श्रीराम के अयोध्या वापस आने की खुशी में।
हम सभी हर्षोल्लास के साथ हर साल दीवाली मनाते हैं लेकिन इस बार इस त्यौहार के पीछे छिपे संदेशों को अपने जीवन में उतारकर कुछ नई सी दीवाली मनाएँ। एक ऐसी दीवाली जो खुशियाँ ही नहीं खुशहाली लाए। आज हमारा समाज जिस मोड़ पर खड़ा है दीवाली के संदेशों को अपने जीवन में उतारना बेहद प्रासंगिक होगा।
तो इस बार दीवाली पर हम किसी रूठे हुए अपने को मनाकर या फिर किसी अपने से अपनी नाराजगी खुद ही भुलाकर खुशियाँ के साथ मनाएँ।

दीवाली हम मनाते हैं राम भगवान की रावण पर विजय की खुशी में यानी बुराई पर अच्छाई की जीत, तो इस बार हम भी अपने भीतर की किसी भी एक बुराई पर विजय पाएँ, चाहे वो क्रोध हो या आलस्य या फिर कुछ भी।
दीवाली हम मनाते हैं गणेश और लक्ष्मी पूजन करके तो हर बार की तरह इस बार भी इनके प्रतीकों की पूजा अवश्य करें लेकिन साथ ही किसी जरूरतमंद ऐसे नर की मदद करें जिसे स्वयं नारायण ने बनाया है शायद इसीलिए कहा भी जाता है कि ‘नर में ही नारायण हैं’।

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बुझते दिए बदहाल कुम्हार

⇒चाइनीज आइटमों ने किया कुम्हारों को बदहाल
⇒सरकारें भी कुम्हारों को उपेक्षित किए हैं
कानपुर देहातः संदीप गौतम। कभी दीपावली का पर्व आते ही कुम्हारों के चेहरे पर चमक देखने को मिलती थी लेकिन आधुनिकता के इस दौर में एक ओर जहां लोगों के घरों में मिटटी के दियो की जगह इलेक्ट्रानिक झालरों ने ले ली है वहीं देश में अब परम्परागत दीपावली के साथ ही कुम्हारों का वजूद भी विलुप्त होता नजर आ रहा है। जिले के अकबरपुर कस्बे में करीब पचास घर कुम्हारों के है और इस वक्त भले ही हर घर में मिट्टी की दियाली बनाई जा रही हो पर ये काम लोग सिर्फ दिवाली पर ही करते हैं वो भी सिर्फ कुछ मुनाफे की खातिर बाकी समय में ये लोग मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालने को मजबूर हैं। इनकी आर्थिक स्थिति साल दर साल बद से बदतर होती जा रही है।
कुम्हार के चाक पर घूमती गीली मिट्टी से परिवार पालने का दम रखने वाले लोगों के हाथ में ऐसा जादू होता है कि वे चाक पर नाचती इस मिटटी को कभी घड़े तो कभी सुराही तो कभी बच्चों के मिनी बैंक यानी गुल्लक तक बना देते हैं, वही दीपों के पर्व यानी दीपावली आने पर गीली मिट्टी हजारों दियालियों का रूप ले लेती है, लेकिन आधुनिकता की बड़ी मार दिनपर दिन इन कुम्हारों पर भारी पड़ती जा रही है।
परम्परागत दीपावली में इन मिटटी के दीपकों की जगह उललेखनीय होती थी, इन्हीं मिट्टी के दीपों में घी के दिए जलाने की परंपरा हमारे देश में थी, माना जाता है कि भगवान राम जब रावण का सर्वनाश कर पहली बार अयोध्या पहुचे थे तो अयोध्या वासियों ने भगवान राम का स्वागत मिट्टी की बनी दियाली में घी के दीप जलाकर किया था, तबसे आज तक हम दीपों के इस त्योहार को मनाते चले आए हैं।
पिछले दो दसकों से मिट्टी के दियों का चलन धीरे धीरे समाप्त हो गया है और मिट्टी की दियालियों की जगह घरों में इलेक्ट्रानिक झालरों ने ले ली है जिसमें चाइना से आई झालरों की कीमत सबसे कम होने के कारण लोगों का रुझान उसकी तरफ बढ़ता गया, आज हम अगर मिट्टी की दियालियों की बात करें तो महज 10 से 20 प्रतिशत मिट्टी की दियालियों का ही उपयोग दीपावली के दिन किया जाता है जिसकी वजह से भारत की इकोनामी का सीधा लाभ चाईना को मिल रहा है और इसकी सीधी मार इन कुम्हारों पर पड़ रही है, ऐसे में जहां एक ओर हम देश को आर्थिक चोट देकर चाईना को लाभ पहुचा रहे हैं वही हमारे देश के ऐसे कुम्हार जो इसी मिट्टी के चाक से परिवार पाल रहे थे वह इन दिनों भुखमरी का शिकार हो रहे हैं और दिवाली के अलावा बाकी दिनों में परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी कर रहे हैं।

पहले जरुरत इस बात की है कि आखिर एक तालाब की मिट्टी से दिए तक के सफर को भी आप जाने क्योकि कड़ी मेहनत के बाद एक कुम्हार की आमदनी कितनी होती है और उसके एवज में उसे मिलता क्या है। मिट्टी के इस सफर की शुरुवात होती है कुछ चुनिंदा जगहों से मिलने वाली मिट्टी से। पहले कुम्हारो को जो मिट्टी मुफ्त में मिलती थी उसके लिए उन्हें अब 12 से 15 सौ रूपये प्रति ट्राली रकम देनी होती है जिसके लिए एसडीएम की परमीशन भी जरुरी हो गई है, मिट्टी घर पहुचने के बाद उसे पीटा जाता है। बड़े ढेलों को पीटने के बाद इस मिट्टी को छन्ने से छाना जाता है ताकि मिटटी में एक भी कंकड़ न रह जाए, क्योकि एक भी कंकड़ आने पर बर्तन नहीं बनाए जा सकते, मिट्टी को छानने के बाद उसे बारीक पीस लिया जाता है जिसके बाद मिट्टी गीली होकर चाक पर आती है जहां उसे अलग अलग रूप दिया जाता है क्योकि इस समय दीपावली का पर्व नजदीक है लिहाजा इन दिनों दीपक की ओर इन कुम्हारों का ध्यान बढ़ जाता है, चाक पर मिट्टी जब दिए की शक्ल ले लेती है तो उसे गेरू में रंगने का काम किया जाता है जिससे दियालियो को लाल रंग मिल जाता है, इसके बाद इन दियालियों को पकाने के लिए ऐसी छोटी छोटी भट्टियों में रखा जाता है रात भर आंच में पकने के बाद दियालियां बाजार तक पहुचाई जाती हैं।

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