Tuesday, November 19, 2024
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मत्स्य पालक रोहू, नैन, कतला, सिल्वर, ग्रास, कॉमन कार्प का पालन कर सकते अपना जीविकोपार्जन

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। भारतवर्ष में क्लैरियास बैट्राकस को देशी माॅगुर कहा जाता है जो कम आक्रामक, कम भुक्खड़ तथा खाने में अति स्वादिष्ट एक काॅटे की मछली है जिसे मनुष्य द्वारा पालकर एवं पकडकर वर्षो-वर्षो से खाया जा रहा है जबकि थाई माॅगुर (क्लैरियास गैरीपाइनस) जो कि अफ्रीकी मूल की है जो यूरोप एवं अफ्रीकी देशों में पाली जाती है तथा अति आक्रामक एवं अति भुक्खड़ प्रकार की मछली है जिसकी माॅस खाने में खट्टेपन का एहसास देता है। यह मछली अफ्रीका से होते हुए थाईलैण्ड पहंुची तथा थाईलैण्ड से बांग्लादेश होते हुए भारतवर्ष की समस्त जल प्रणालियों में पहुंच चुकी है। थाईलैण्ड से भारत पहुंचने पर इसका नाम थाई मांगुर पडा है। थाई माॅगुर की हैचरियों एवं थाई मांगुर पालन वाले तालाबों के बाढ़ग्रस्त होने पर यह समस्त जल प्रणालियों मंे फैल जाती है। देशी मछलियों को खाकर पारिस्थितिकीय असंतुलन पैदा करती है तथा अत्यधिक प्रजनन दर के कारण इसकी संख्या तेजी से बढ़ती है जिससे देशी मछलियों की जीवन दर कम होती है तथा मछलियों के न मिलने पर यह क्रस्टेशियन, मोलस्का जीवों का भक्षण करती है तथा इनके भी न मिलने पर यह अपनी जीवन रक्षा के लिए तालाब की जलीय वनस्पतियों एवं जलीय जीवों को भी खाती है। उक्त के न मिलने पर माॅसाहारी जीवों की तरह कैनीबालिज्म भी प्रदर्शित करती है अर्थात स्वजातिभोजी की तरह अपनी जाति की मछलियों को खाकर अपनी भूख मिटाती है।

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नीलीक्रान्ति योजनान्तर्गत तालाबों में करायें सुधार

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। शासन के निर्देशों के क्रम में नीलीक्रान्ति योजनान्तर्गत ग्राम अंगुरी पोस्ट गौरीकरन विकास खण्ड अमरौधा तहसील भोगनीपुर जनपद कानपुर देहात निवासी संतोष कुमार पुत्र छोटेलाल व विकास नगर सिकन्दरा विकास खण्ड राजपुर तहसील सिकन्दरा निवासी प्रमोद कुमार पुत्र मूंगालाल के तालाब सुधार एवं निवेश हेतु चयन कर प्रस्ताव स्वीकृत हेतु उच्चाधिकारियों को भेजी गयी है। उप निदेशक मत्स्य कानपुर मण्डल कानपुर द्वारा लाभार्थियों से 60 प्रतिशत सुधार कराने का निर्देश दिया गया है। उक्त के क्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण डा. रणजीत सिंह ने निर्देश दिये है कि अपने अपने तालाबों का सुधार प्लान स्टीमेट के अनुसार अपने अंश से 60 प्रतिशत कार्य कराकर कार्य से पहले कार्य प्रारम्भ व 60 प्रतिशत कार्य कराने के बाद का फोटोग्राफ मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण कार्यालय को एक सप्ताह में उपलब्ध कराना सुनिश्ति करें ताकि शीघ्र परियोजना अंश की धनराशि का भुगतान कराया जा सके।

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सरकार ने अगले दशक के लिए परिकल्‍पना पेश की

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने 2030 में 10 सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण आयामों को सूचीबद्ध करते हुए अगले दशक के लिए अपनी परिकल्‍पना पेश की है। उन्‍होंने कहा कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जहां गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता बीते समय की बातें होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिक से संचालित, उच्‍च विकास के साथ एक समान और पारदर्शी समाज होगा।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था होने की ओर अग्रसर है और इसके पश्‍चात यह 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी।
श्री गोयल द्वारा उल्‍लेखित परिकल्‍पना-2030 के आयाम निम्‍नलिखित हैं :-

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‘मेक इन इंडिया’ के लिए सीमा शुल्‍क और प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाया जाएगा

निर्यात तंत्र में सुधार के लिए आरएफआईडी टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल किया जाएगा
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्‍क और प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाने का कार्य शुरू किया है।
संसद में आज 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘सरकार ने 36 पूंजीगत वस्‍तुओं से शुल्‍क समाप्‍त कर दिया है। शुल्‍क मुक्‍त आयातित पूंजीगत वस्‍तुओं और निर्माण के लिए निवेश और निर्यात के लिए संशोधित योजना शुरू करने के साथ-साथ सीमा शुल्‍क कानून के धारा 65 के अंतर्गत एकल खिड़की मंजूरी की व्‍यवस्‍था शुरू की गई है।’ भारतीय सीमा शुल्‍क आयात/निर्यात के लिए लेन-देन के पूर्ण और विस्‍तृत डिजिटलीकरण की शुरूआत कर रहा है और निर्यात तंत्र में सुधार के लिए आरएफआईडी टेक्‍नोलॉजी का लाभ उठा रहा है।

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कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि; रिटर्नों के दाखिले की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हुई

इस वर्ष कर वसूली 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हो गई
अगले दो वर्षों के भीतर छटाई के लिए चयनित रिटर्नों का सत्यापन और मूल्यांकन इलेक्ट्रोनिक विधि से किया जाएगा
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने आम लोगों और मध्यम वर्ग के लिए कर की दरों में और अधिक कमी की है तथा कर विभाग की प्रक्रिया को और अधिक आसान तथा सहज बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप, कर वसूली वर्ष 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर इस वर्ष लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हो गई है। फाइल किए गए रिटर्नों की संख्या भी 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हो गई, जो कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा, “हमारी सरकार में विश्वास व्यक्त करने के लिए देश के ईमानदार करदाताओं को मैं धन्यवाद देता हूं। मैं उन्हें आश्वासन देता हूं कि हमने उनके योगदान का इस्तेमाल गरीब लोगों की सेवा के लिए और बेहतर आधारभूत सुविधा के सृजन के लिए किया है।”

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उच्च विकास दर के साथ भारत पूरी दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : वित्तमंत्री

राजकोषीय घाटा कम होकर 3.4 प्रतिशत पर; औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत
पांच वर्षों में एफडीआई 239 बिलियन डॉलर
बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये ऋण का भुगतान प्राप्त हुआ
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने बृह्त आर्थिक स्थिरता का सबसे अच्छा समय देखा है। 2013-14 में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में 11वें स्थान में थीं जो अब विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है। वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है।’ औसत जीडीपी विकास दर 7.3 प्रतिशत वार्षिक है। 1991 में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों के बाद किसी भी सरकार की यह सबसे उच्च विकास दर है। श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक ईमानदार, निर्णायक और स्थिर सरकार ने पॉलिसी पैरालाइसिस को समाप्त करके समावेशी विकास की नींव रखी है और देश के सम्मान को पुनः कायम किया है।

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15,000 आय वाले कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव

इससे 10 करोड़ श्रमिक और कामगार लाभान्वित होंगे
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। सरकार का 15,000 रुपये तक मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कागकारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजन शुरू करने का प्रस्‍ताव है। संसद में आज वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) का आधा हिस्‍सा असंगठित क्षेत्र के उन 42 करोड़ कामगारों के पसीने और कठोर परिश्रम से आता है, जो रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्‍शा चालक, निर्माण मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्‍य कार्यों में लगे हुए हैं। सरकार को उनकी वृद्धावस्‍था के दौरान उन्‍हें व्‍यापक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसलिए ‘आयुष्‍मान भारत’ के अंतर्गत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा और ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति योजना’ के अंतर्गत प्रदान किए गए जीवन और दिव्‍यांगता संबंधी बीमा कवरेज के अलावा सरकार ने असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना आरंभ करने का प्रस्‍ताव किया है, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम है।

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पिछले पांच वर्षों के दौरान श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में सर्वाधिक 42 % की वृद्धि हुई

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। पिछले पांच वर्षों के दौरान सभी श्रेणियों के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में भी 42 % वृद्धि हुई है जो आज तक सर्वाधिक है। केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की प्रकिया ने रोजगार के अवसरों का विस्तार किया है जो कि ईपीएफओ की सदस्यता में भी दिखता है। दो सालों में लगभग 2 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है जिससे अर्थव्यवस्था के औपचारिक होने का संकेत मिलता है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि 7 वें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया है और न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को और उदार किया गया है। सरकार ने एनपीएस में अपने योगदान को बढ़ाकर 10% से 14% कर दिया है। ग्रेच्युटी के भुगतान की सीमा को रुपये 10 लाख से बढ़ाकर रुपये 20 लाख किया गया है। ईएसआईसी की सुरक्षा पात्रता सीमा भी रुपये 15,000 प्रतिमाह से बढ़ाकर रुपये 21,000 प्रतिमाह कर दी गई है। सभी श्रमिकों के न्यूनतम पेंशन प्रतिमाह 1,000 रुपये तय की गई है। सर्विस के दौरान किसी श्रमिक की मृत्यु होने की स्थिति में ईपीएफओ द्वारा राशि 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये तक सुनिश्चित की गई है। आंगनबाड़ी और आशा योजना के तहत सभी श्रेणियों के कार्मिकों के मानदेय में लगभग 50 % की वृद्धि हुई है।

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मुद्रा योजना के तहत 7,23,000 करोड़ रुपये के 15.56 करोड़ ऋण वितरित किए गए हैं

सरकार ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर राष्‍ट्रीय कार्यक्रम शुरू करने की परिकल्‍पना की है
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि ‘मुद्रा योजना’ के तहत कुल मिलाकर 7,23,000 करोड़ रुपये के 15.56 करोड़ ऋण वितरित किए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां सर्वाधिक संख्‍या में युवा आबादी है। श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए 1 करोड़ से भी अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि आजीविका अर्जित करने में उनकी मदद की जा सके। उन्‍होंने कहा कि ‘मुद्रा’, स्‍टार्ट-अप इंडिया और स्‍टैंड-अप इंडिया सहित स्‍व-रोजगार योजनाओं के जरिए युवाओं की पूरी क्षमता का उपयोग किया गया है। रोजगार चाहने वाले लोग अब रोजगार सृजित करने लगे हैं, इसकी बदौलत भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्‍टार्ट-अप हब बन गया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार को देश के युवाओं की कड़ी मेहनत और अभिनव आइडिया पर गर्व है।

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सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए

सभी केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों तक जीईएम प्लेटफॉर्म का विस्तार किया
सरकारी उपक्रमों द्वारा महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु एवं मध्यम उद्यमों से एक निर्धारित अनुपात में सामग्रियों की खरीद की जाएगी
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्‍द्रीय वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। एक ऐसी योजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें 59 मिनट में अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का ऋण मंजूर किया जाएगा और जीएसटी पंजीकृत लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयों को एक करोड़ रुपये की ऋण वृद्धि पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी। आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 प्रस्तुत करते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि अब सरकारी उपक्रमों द्वारा 25 प्रतिशत संसाधन लघु एवं मध्यम उद्यमों से जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें से कम से कम 3 प्रतिशत सामग्री महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु एवं मध्यम उद्यमों से प्राप्त की जाएगी।

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