कभी-कभी कुछ लोगों का काम उनकी शालिन शख़्सियत के पीछे छुप जाता है, क्योंकि वो लोग वाहवाही लूटने हेतु काम नहीं करते; बल्कि सच में समाज को आगे ले जाने के लिए और लोगों को उपयोगी होने के लिए काम करते है। किसी भी अपेक्षा के बिना unconditional and औरों को appreciate करने वाला काम अगर कोई करता है तो वो है “पिंकीश फ़ाउंडेशन”
फेसबुक पर “पिंकीश फ़ाउंडेशन” द्वारा फेसबुक ग्रुप और पेज पर चल रहे लाजवाब काम को देखकर आज मन की गहराई से कुछ भावनाएँ फूट रही है। ये लेख कोई किसीको मक्खन लगाने के लिए नहीं लिख रही हूँ, बल्कि आँखों देखी घटना का विवरण है। पिंकीश से जुड़े मुझे शायद पाँच साल तो हो ही गए। जब से जुड़ी हूँ तब से पिंकीश को उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर होते देखा है।
सोशल मीडिया का सही उपयोग ऐसे भी होता है यह में समाज को समझाना चाहती हूँ। आजकल लोगों ने सोशल मीडिया को ज़हर उगलने का ज़रिया बना रखा है; ऐसे में पिंकीश फ़ाउंडेशन अपने नेक कामों का ढ़िंढोरा पिटे बिना चुपचाप अपना बेनमून काम करते आगे बढ़ रहा है। जिसके लिए आदरणीय अरुण गुप्ता सर और गोर्जियस और pure heart शालिनी जी की जितनी तारीफ़ की जाए कम है।
महज़ फेसबुक पेज द्वारा संचालन करते देश के कोने-कोने में अपनी चेइन बनाकर लोगों को नेक काम के लिए जोड़ कर प्रोत्साहित करना और अपनी गरिमामयी पहचान खड़ी करना कोई छोटी बात नहीं। पिंकीश के साथ एक से बढ़कर एक प्रबुद्ध, पढ़े-लिखे और इंटेलिजेंट लोग स्वैच्छिक तौर पर जुड़े है, जो अपना कीमती समय देते नेक काम के लिए कड़ी से कड़ी की तरह जुड़कर चेइन को आगे बढ़ा रहे है।
गाँव-गाँव, शहर-शहर बेटियों को माहवारी और स्वच्छता का सही ज्ञान देते सेनेटरी पेड़ को नि:शुल्क बाँटने का काम इतनी बखूबी निभा रहे है कि कहना पड़ेगा hats off pinkish team साथ ही पिंकीश के फेसबुक ग्रुप में लगातार कोई न कोई प्रतियोगिता और डिबेट जैसी गतिविधियों से महिलाओं को प्रोत्साहित करते रहते है।
बागपत के अमन बने टाइम्स ग्रुप के कॉन्टेस्ट विजेता
बागपत। उत्तर प्रदेश में बागपत के ट्यौढी गांव निवासी अमन कुमार ने टाइम्स ग्रुप द्वारा आयोजित अभियान व्हाट मेकस अस वन में प्रतिभाग कर रचनात्मक जवाब दिया, जिसके लिए द टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप द्वारा उनको आकर्षक उपहार से सम्मानित किया जाएगा। अमन ने बताया कि अभियान के अंतर्गत भारत की विविधता में एकता को बनाए रखने का जवाब एक शब्द में पूछा था जिसका जवाब उन्होंने इमोशंस अर्थात भावनाएं लिखा था जिसके आधार पर टीम ने उनको ईमेल भेजकर विजेता घोषित किया।
एक युवा स्वयंसेवक के रूप में अमन द्वारा विभिन्न सामाजिक अभियानों का नेतृत्व किया जा रहा है जिसके अंतर्गत वो युवा सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा एवं साक्षरता, स्वच्छता, योग एवं खेलकूद, इंटरनेट मीडिया, सामुदायिक विकास आदि क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम संचालित करने के साथ साथ क्षेत्र के युवाओं को मोटिवेट करने में भी अग्रणी है। पूर्व में जहां विभिन्न राष्ट्रीय संस्थाओं के अधिकारियों ने अमन से विभिन्न मुद्दों पर राय ली,
पुलिस कांस्टेबल ने मंदिर में शादी कर बनाये सम्बन्ध और अब दूसरी शादी की तैयारी की
कानपुर, जन सामना। पुलिस कमिश्नरेट के गुजैनी थाना का एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें एक युवक से युवती की जानपहचान हुई। दोनों में बात बड़ी तो एक मंदिर में जाकर शादी कर ली। समय गुजरा तो मन बदला और अब युवक दूसरी शादी करने जा रहा है। यह जानकारी जब युवती को हुई तो उसने पुलिस आयुक्त को एक तहरीर दी। किंतु जांच पड़ताल की आड़ में अब पुलिस मामले को रफादफा करने में जुटी है।
गुजैनी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने आरोप लगाया है कि आरोपी पर कार्यवाही करने के बजाय उसे बचाने में जुटी है।
पीड़ित युवती के मुताबिक आरोपी व्यक्ति घाटमपुर थाना क्षेत्र का निवासी है, उप्र पुलिस में कांस्टेबल पद पर है और वर्तमान में आगरा में तैनात है।
यह भी बताया कि आरोपी कांस्टेबल ने एक मंदिर में शादी कर अनेक बार सम्बन्ध बनाये हैं। यह भी बताया कि वह 2015 से सम्बन्ध बनाता रहा है और अब 5 मई 2023 को दूसरी शादी करने जा रहा है।
समर्थन देने वाले क्या भूल जाएंगे अपना राजनीतिक भविष्य.?
पवन कुमार गुप्ता; रायबरेली। उक्त विषय उनके लिए अवश्य विचारणीय होगा जो चुनावी मैदान में उतरने की इच्छा रखते हैं और भविष्य में राजनीति में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। उनके लिए इस विचार पर मंथन करना जरूरी होगा कि किस पार्टी को या फिर उम्मीदवार को अपना सहयोग, समर्थन दिया जाए, जिससे कि वह उसके राजनीतिक भविष्य का रोड़ा भी ना बन सके। इसके साथ ही वह जिसे आज जिसे अपना समर्थन दे रहा है भविष्य में उसके लिए मजबूत विपक्ष का चेहरा न हो। क्योंकि अक्सर यही देखने को मिलता है कि जिस उम्मीदवार को एक बार कुर्सी मिली तो उसे छोड़ने की इच्छा नहीं होती और कई उदाहरण ऐसे हैं भी कि दो – तीन बार से लगातार एक ही उम्मीदवार के हांथ में कुर्सी लगी है।
फिलहाल नगर निकाय चुनाव में उतरे उम्मीदवारों का भविष्य तो नतीजे आने के बाद ही तय होंगे लेकिन दिग्गज नेताओं के कहने पर पार्टी के हक में अपना समर्थन देने वाले राजनीति से जुड़े लोग क्या अपना राजनीतिक भविष्य भूल जाएंगे। ये बात उनके लिए अत्यंत विचारणीय होगा और उन्हें यदि समर्थन देना ही होगा तो ऐसे उम्मीदवार को देंगे जो भविष्य में उनके सामने मजबूत विपक्ष बनकर न खड़ा हो सके। क्योंकि यह राजनीति है दोस्त, यहां कोई किसी का सगा नहीं।
दिहाड़ीदार मजदूरों की दुर्दशा के लिए जिम्मेवार कौन ?’
बदलते दौर में विभिन्न आपदाओ के कारण सबसे बड़ा संकट दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए हुआ है। जिनके बारे देश के अंदर बहुत ही कम चर्चा हुई और इनकी आर्थिक सहायता के लिए देश की सरकार ने कुछ नहीं सोचा। कोई संदेह नहीं कि देश का मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा शोषण का शिकार है। दिहाड़ीदार मजदूर के लिए भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। शहरों में रोजी-रोटी की तलाश में आने वाले मजदूर भूख से मर रहें है दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए जिम्मेवार कौन है ? देशभर में करोड़ों लोग दिहाड़ीदार श्रमिक हैं। एक मजदूर देश के निर्माण में बहुमूल्य भूमिका निभाता है।
किसी भी समाज, देश संस्था और उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की अहमियत किसी से भी कम नहीं आंकी जा सकती। इनके श्रम के बिना औद्योगिक ढांचे के खड़े होने की कल्पना नहीं की जा सकती। दिहाड़ीदार मजदूर की गतिविधियों या डेटा के संग्रह को किसी कानूनी प्रावधान के तहत संजोकर नहीं रखा जाता है मतलब ये की सरकार इनका खाता नहीं रखती है। इन दिहाड़ीदार मजदूरो/अनौपचारिक / असंगठित क्षेत्र का जीडीपी और रोजगार में योगदान के मामले में भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रमुख स्थान है। देश के कुल श्रमिकों में से, शहरी क्षेत्रों में लगभग 72 प्रतिशत दिहाड़ीदार/अनौपचारिक क्षेत्र में लगे हुए हैं।
शहरी विकास में दिहाड़ीदार/अनौपचारिक क्षेत्र का महत्व बहुत ज्यादा है। भारत के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 500 मिलियन श्रमिकों के भारत के कुल कार्यबल का लगभग 90ः अनौपचारिक क्षेत्र में लगा हुआ है। यही नहीं प्रवासी दिहाड़ीदार मजदूर न केवल आधुनिक भारत, बल्कि आधुनिक सिंगापुर, आधुनिक दुबई और हर आधुनिक देश का निर्माता है जो आधुनिकता की ग्लैमर सूची में खुद को ढालता है। भारत में शहरी अर्थव्यवस्था विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के अनुरूप है, जो अनौपचारिक श्रमिकों दिहाड़ीदार मजदूरों और असंगठित क्षेत्र द्वारा लाइ गई है। देखे तो यही वो बैक-एंड इंडिया है जो आधुनिक अर्थव्यवस्था के पहियों को चालू रखने के लिए फ्रंट-एंड इंडिया को दैनिक जरूरत का समर्थन प्रदान करता है।
स्व बालादीन, नगर के प्रतिरक्षा संस्थानों में आज भी जीवित हैं जिनकी स्मृतियां
कानपुर। 60 के दशक में नगर के रक्षा प्रतिष्ठानों और पतित पावन मां गंगा नदी के किनारे स्थापित आयुध उपस्कर निर्माणी उपनाम (किले) से प्रसिद्ध संस्थान में कार्यरत रहते हुए मजदूरों की समस्याओं को दूर करने व उनके हक की आवाज को बुलंद करने के साथ मजदूरों में एकजुटता एवं संगठन पर बल देते हुए सुरक्षा संस्थान के प्रबंधन को लगभग बीस वर्षों तक झकझोरते व प्रबंधन के द्वारा अनेकों बार निलंबन के बाद, वहीं संस्थान के गेट पर ही रात दिन धरना, आंदोलनों के जरिए मजदूरों को उनके काम के घंटों का निर्धारण व अतिरिक्त काम के घंटों (ओवरटाइम) का आवश्यक परिश्रमिक ,बोनस आदि के लिए लंबी लड़ाई लड़ने का काम किया, जिसको बाद में प्रबंधन द्वारा माने जाने सफलता प्र
अर्जित की। बालादीन जी उच्च शिक्षित, हिंदी भाषा के प्रबल समर्थक व साहित्य में रुचि रखते थे। उनको जानने वाले बताते हैं, कि सुरक्षा संस्थान के प्रबंधन द्वारा मजदूरों को अंग्रेजी में ही दिशा निर्देश दिए जाते थे जिससे मजदूर काम करने में असहज महसूस करने लगे। मजदूरों की ऐसी स्थिति देखता है उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन को फैक्ट्री के अंदर हिंदी में कार्य करने और विभागो तथा अधिकारियों की लिखी नाम पट्टिका अंग्रेजी भाषा के बजाय हिंदी में परावर्तित करने के लिए प्रबंधन को पत्र लिखा। बाद में फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा ऐसी व्यवस्था को नामंजूर किए जाने पर बालादीन ने आक्रोश में आकर सुरक्षा संस्थान के अंदर सभी विभागों और अधिकारियों की अंग्रेजी में लिखी नाम पट्टिका को काले रंग से पोत दिया।
बालादीन के मजदूर हितों और मजदूर एकता की गूंज जब महान राजनीतिज्ञ, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा और कार्यों के प्रवर्तक तथा देश भर के मजदूर संगठनों के बीच मेलमिलाप और मजदूरों की समस्याओं से अवगत होने और उससे निजात पाने की दिशा में क्रियाशील दंतोपंत ठेंगड़ी को सुनाई पड़ी तो भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के प्रथम अधिवेशन में कोषाध्यक्ष का पदभार सौंपा।
मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में उड़न दस्ता कार्मिकों को दिया गया प्रशिक्षण
कानपुर देहात। मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान उड़न दस्तों द्वारा चेकिंग के समय सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रारम्भ से अन्त तक की वीडियो रिकॉर्डिंग की जायेगी। राज्य निर्वाचन आयोग, उप्र लखनऊ के निर्देश के क्रम में नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 हेतु निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के सम्बन्ध में उड़न दस्ता टीम का गठन किया गया है। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कार्मिकों से कहा कि प्रशिक्षण के दौरान उड़न दस्तों द्वारा चेकिंग के समय सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रारम्भ से अन्त तक वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी एवं उक्त रिकार्डिंग की सीडी तैयार कराकर उसकी एक प्रति सम्बन्धित व्यक्ति को एवं एक प्रति जिला स्तरीय समिति को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जाए।
उन्होंने कहा कि उड़न दस्ते के अतिरिक्त अन्य अधिकारी नकदी की बरामदगी के सम्बन्ध में किसी कार्यवाही के लिए अधिकृत नहीं होंगे। प्रतीक आवंटन के दिनांक से ही नामित उड़न दस्ते वाहनों और व्यक्तियों की चेकिंग करेंगे तथा मतदाताओं को प्रभावित करने हेतु उनके बीच रुपया, शराब या अन्य किसी वस्तु का वितरण करना, रिश्वत देना आदि के सम्बन्ध में जब्ती की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। मतदान समाप्ति के पश्चात चेकिंग की कार्यवाही बन्द कर दी जायेगी।
सांसारिक सुख से कहीं अधिक परमार्थ सुख पाने का करना चाहिए प्रयास-आदित्य सागरा महाराज
फिरोजाबाद। नई बस्ती जैन मंदिर में आचार्य आदित्य सागर महाराज ने प्रातः धर्मसभा में साधु और श्रावक के आवश्यक कर्त्तव्य बताये।
उन्होंने कहा कि यदि श्रावक उच्च कुल एवं अन्य सुख पाना चाहता है। तो उसे सदैव ईश्वर एवं निर्ग्रन्थ दिगम्बर साधु को नमस्कार कर उनकी सेवा में तत्पर रहना चाहिए। हमें सांसारिक सुख से कहीं अधिक परमार्थ सुख पाने का प्रयास करना चाहिए, यही हमारे मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करेगा। आचार्य निर्भय सागर महाराज के शिष्य मुनि गुरुदत्त सागर महाराज का रविवार को नई बस्ती मंदिर में प्रवेश हुआ। उन्होंने धर्मसभा में कहा कि यदि साधु आपके नगर में आये है, तो ये परम सौभाग्य है। हमें गुरु की सेवा का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहिये। वर्तमान में दिगंबर साधु साक्षात तीर्थ के समान हैं। धर्मसभा का संचालन राहुल जैन इसौली ने किया। मंगलाचरण सोनम जैन, स्तुति जैन ने किया।
भारत का विकास सभी के सहयोग से संभव-हरवीर सिंह
फिरोजाबाद। भारत विकास परिषद का 41 वां अधिष्ठापन व दायित्व ग्रहण समारोह फिरोजाबाद क्लब में आयोजित किया गया। इस अवसर नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को उनके दायित्व व कर्तव्य की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ नगर विधायक मनीष असीजा ने दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला जज हरवीर ंिसंह ने कहा कि भारत का विकास सभी के सहयोग से संभव है। सहयोग चाहे कितना भी छोटा हो, लेकिन विकास में उसकी अहम भूमिका होती है। हम तन, मन, धन से भारत के विकास में अपना योगदान दें। इसके लिए भारत विकास परिषद मुख्य शाखा साधुवाद की पात्र है। जो भारतीय संस्कृति, संस्कार एवं देश भक्ति की अलख जगाये हुए है। उन्होंने स्व. महेश चंद्र जैन एडवोकेट को श्रंद्वाजली अर्पित की। समारोह में सत्र 2023-24 के अध्यक्ष उमेश शर्मा, सचिव पराग शर्मा, कोषाध्यक्ष अशोक माहेश्वरी के कार्यकारिणी एवं नवीन सदस्यों को ब्रज प्रांत के अध्यक्ष राहुल गर्ग ने शपथ दिलाई।
प्रत्येक कार्यकर्ता निकाय चुनाव में अपनी अहम् भूमिका निभाएगा- दुर्गविजय
हाथरस। भाजपा जिला कार्यालय पर क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्गविजय सिंह जी के प्रथम बार हाथरस आगमन पर जिलाध्यक्ष गौरव आर्य व समस्त जिला पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ताओ द्वारा भव्य स्वागत किया जिलाध्यक्ष गौरव आर्य जी के नेतृत्व में जिला संचालन समिति व हाथरस नगरपालिका संचालन समिति के बैठक आहूत हुई जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्गविजय जी रहे। क्षेत्रीय अध्यक्ष द्वारा प्रत्येक कार्यकर्ता से अब तक हुए समस्त कार्याे की जानकारी लेते हुए आगामी कार्यों के निर्देश देते कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता निकाय चुनाव में अपनी अहम् भूमिका निभाएगा जिस भी कार्यकर्ता को जो भी क्षेत्र में जिम्मेदारी दी गई वह कार्यकर्ता अपनी जी जान से ज्यादा मेहनत करते हुए जनपद के प्रत्येक प्रत्याशी को वार्ड स्तर तक जिताने में अपनी अहम् भूमिका निभाएगा। इस बार भी भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ अपना परचम लहराएगी।
जिला प्रभारी चौ0 देवेन्द्र सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि निकाय चुनाव हमारे लिए बहुत ही अहम् चुनाव है जिसमे समस्त कार्यकर्ता एकजुट होकर कार्य पार्टी के कार्याे के करेंगे और प्रत्याशी के साथ मिलकर घर- घर जाकर जनसंपर्क करेंगे जिससे भाजपा ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के अपनी अहम् भूमिका निभाएंगे।