Thursday, November 28, 2024
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प्राचीन स्वरूप में नजर आएगा अधुनिक मथुरा वृन्दावन मार्ग

⇒नवनिर्मित मथुरा वृन्दावन मार्ग पर लगेंगे 400 से अधिक कदंब के वृक्ष
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। नवनिर्मित मथुरा वृंदावन फोर लेन सड़क मार्ग पर 400 से अधिक कदंब के वृक्ष। कदंब की खुशबू से महकेगा मथुरा-वृंदावन। कृष्णकालीन पौधे रोपने की योजना 05 अगस्त 2023 से जिलाधिकारी पुलकित खरे के नेतृत्व में प्रारम्भ होगी। जिलाधिकारी की यह नई पहल है, जिसमें ब्रज नगरी को अपने ऐतिहासिक रूप में विकसित करने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। यह पहल वृन्दावन के नाम को परिपूर्ण करेगी। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने कदंब के वृक्षारोपण की इस पहल को अपने महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल किया है। इस योजना में मथुरा से वृंदावन (मसानी चौराहा से राम कृष्ण मिशन सेवा आश्रम) तक फोर लेन के दोनो ओर कदंब के वृक्षों का पौधारोपण का कार्य कराया जाएगा, जिसका नाम कदंब पथ होगा।

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राया मथुरा मार्ग पर बनी मजार को हटाया जाएः दिनेश शर्मा

⇒मथुरा से अवैध मजार हटाने के लिए सौंपा ज्ञापन
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के पदाधिकारी सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर राया मथुरा मार्ग पर बनी मजार को हटाने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोगों ने मजार को अवैध बताते हुए कहा कि इस तरह के अतिक्रमण नहीं होने चाहिए। ज्ञापन में पदाधिकारियों ने मांग की कि राया रोड पर लक्ष्मी नगर से आगे सड़क के बीचों बीच एक मजार बनी हुई है। उसको शासन प्रशासन हटवाए। उन्होंने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी यह प्रार्थना पत्र दिया है और मुख्यमंत्री से भी मांग की है कि सड़क के बीच में बनी हुई मजार को हटाया जाए।

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महिला की जान बचाने वाले बागपत के जांबाज को मिला सम्मान

बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत में दाहा गांव निवासी उत्तर प्रदेश पुलिस में पीआरवी पर हरदोई में तैनात जांबाज जवान सूरज ने फांसी पर लटकी एक महिला को अपनी सक्रियता व त्वरित सेवा देते हुए फंदे से उतारकर उसके जीवन को बचा लिया। इस सराहनीय कार्य के लिए उसे लखनऊ मुख्यालय से पुलिस सेवा के लिए प्रशस्ति पत्र मिला है।
अपनी त्वरित कार्यवाही से उसने जनपद का मान बढाकर एक मिसाल पेश की है। जैसे ही लोगों को इस सराहनीय कार्य की जानकारी मिली तो उसके पैतृक गांव दाहा में उसके घर पर परिजनों को बधाई देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा।

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इंडिया एलायंस के प्रतिनिधिमंडल ने कहा- प्रधानमंत्री की चुप्पी मणिपुर में हिंसा के प्रति उनकी “निर्लज्ज उदासीनता” को दर्शाती है

नई दिल्लीः राजीव रंजन नाग। जातीय हिंसा की शिकार मणिपुर की स्थिति का आकलन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर गए विपक्ष एलायंस इंडिया के सांसदों के 21 सदस्यीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में जारी जातीय संघर्ष में विनाश के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी मणिपुर में हिंसा के प्रति उनकी निर्लज्ज उदासीनता को दर्शाती है।
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से आज मुलाकात कर अपना अनुभव साझा किया। राज्यपाल उइके को सौंपे गए एक ज्ञापन में, उन्होंने उनसे सभी प्रभावी कदम उठाते हुए शांति और सद्भाव बहाल करने का अनुरोध किया।

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कानपुर पेपर मर्चेंट्स एसोसिएशन मना रहा सात दिवसीय नेशनल पेपर डे

कानपुरः स्वप्निल तिवारी। कानपुर पेपर मर्चेंट्स एसोसिएशन कागज की राष्ट्रीय संस्था (FPTA) के साथ मिलकर सात दिवसीय नेशनल पेपर डे 26 जुलाई से 1 अगस्त तक मना रही है। इसी सन्दर्भ में सपा विधायक अमिताभ बाजपाई के द्वारा शुक्रवार को चौक बाजार में बैग, कॉपी एवं बुकलेट वितरण किया गया। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने उपस्थित नागरिकों एवं व्यवसाइयों को कागज से सम्बंधित जानकारी दी की कागज़ एक सस्टनैबल रीसाइक्लिंग प्रोडक्ट है, साथ ही यह भी शिक्षा दी कि हम लोगो को पेपर वेस्ट का कलेक्शन बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए, ताकि वह पेपर दुबारा मिलों में जाकर वापस कागज़ का रूप ले ले।

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विपक्षी दलों ने कानपुर में किया I.N.D.I.A का आगाज

कानपुर। रविवार को संयुक्त विपक्षी मोर्चा की बैठक सिविल लाइन स्थित एक रेस्टोरेंट में कांग्रेस, सपा, रालोद, आप, सीपीएम, सीपीआई, राजद, माले, एन.सी.पी. तथा वामदलों सहित सभी विपक्षी दलों के विधायक गण, अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष, महामंत्री तथा प्रतिनिधि मौजूद रहे। जिसमें संयुक्त विपक्षी मोर्चा का नाम बदलकर जो देश के राष्ट्रीय पैमाने पर इंडिया (I.N.D.I.A) पार्टी का गठन हुआ है। उसी को कानपुर की शाखा का नाम रखा गया है। इंडिया ने कानपुर में संगठन बनाकर आगे आंदोलन का आगाज किया। सभी वक्ताओं ने संगठित होकर लड़ाई को सड़क से लेकर संसद तक लड़ने का निर्णय लिया।

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वाहन चालकों को यातायात के नियमों के प्रति किया जागरूक

कानपुर। 17 जुलाई से 31 जुलाई तक चल रहे यातायात पखवाड़े के अंतर्गत पर्यावरण सुरक्षा संस्थान द्वारा आयोजित जन जागरण अभियान के तहत ट्रक ड्राइवर टेंपो ड्राइवर दो पहिया वाहन वालों को पत्रक वितरित करके जागरूक किया गया। अभी ड्राइवरों को आर आई अजित सिंह ने बताया कि किस प्रकार से गाड़ी चलाकर लोगों को सुरक्षित करना है। आज लापरवाही के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण दीक्षित बड़े ने कहा कि हम सबको अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। नियम तोड़ने के कारण दुर्घटनाएं होती हैं।

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महिलाओं ने हरियाली तीज पर्व धूमधाम से मनाया

कानपुर। सावन के इस पावन महीने में वूमेन एम्पावरमेंट वेलफेयर सोसाइटी द्वारा गैंजेस क्लब में हरियाली तीज पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कानपुर नगर महापौर प्रमिला पांडेय द्वारा की गई, तत्पश्चात संस्था की महिलाओं द्वारा मनमोहक नृत्य और सत्यभामा पर नाटक प्रस्तुत किया गया। संस्था की संस्थापक डॉ. प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम में तीज क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य गृहणियों को आगे लाना है, उनके अंदर आत्मविश्वास जगाना है।

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स्कूलों में स्मार्ट फ़ोन के प्रयोग पर पाबन्दी की पुकार

फायदों के बावजूद स्मार्टफोन जैसी डिजिटल तकनीकों का बढ़ता दुरूपयोग बच्चों को शिक्षा से दूर ले जा रहा है। किसी नशे की तरह बच्चे इसकी लत का शिकार बनते जा रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगाने से क्लास में अनुशासन बना रहेगा और बच्चों को ऑनलाइन डिस्टर्ब होने से बचाया जा सकेगा। यूनेस्को की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एक टूल की तरह ही किया जाए। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा गया कि पारंपरिक शिक्षण विधियों को पीछे न किया जाए। शोध के अनुसार, 10 में से केवल एक माता-पिता सोचते हैं कि कक्षा में फोन का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र ने स्कूलों में स्मार्टफोन रखने के खतरों के बारे में चेतावनी दी है।

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मुंशी प्रेमचंदः आम आदमी के साहित्यकार

⇒मुंशी प्रेमचंद की 143वीं जयंती (31 जुलाई) पर विशेष
आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह और उपन्यास सम्राट महान् कथाकार मुंशी प्रेमचंद ने अपने लेखन के माध्यम से न सिर्फ दासता के विरुद्ध आवाज उठाई बल्कि लेखकों के उत्पीड़न के विरुद्ध भी सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने उपन्यासों और कहानियों के अलावा नाटक, समीक्षा, लेख, संस्मरण इत्यादि कई विधाओं में साहित्य सृजन किया। प्रेमचंद ऐसे कहानीकार और साहित्यकार थे, जिन्हें आज भी सबसे ज्यादा पढ़ा जाता रहा है। उन्हें ‘आम आदमी का साहित्यकार’ भी कहा जाता है।

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