यूक्रेन में फंसे ऊंचाहार के मेडिकल छात्र की व्यथा
रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। शाम होते ही हर काली रात एक अलग अनजाने खौफ को लेकर आती है। खौफ के साए में पूरी रात बंकर में गुजर रही है। यह हालात है यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के। ऊंचाहार से यूक्रेन में पढ़ने गए एक मेडिकल छात्र ने फोन पर जो दास्तां बयां की है , वो बहुत ही दर्दनाक है। ऊंचाहार के कोटरा मजरे कोटरा बहादुर गंज गांव निवासी सत्यनारायण मौर्य का बेटा अखिलेश यूक्रेन में तीन साल से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। वह इस समय यूक्रेन के सूमी स्टेट में है। यह स्थान रूस की सीमा से जुड़ा हुआ है। वहां से अखिलेश ने दूरभाष पर बताया कि दो दिन से यहां कोई हमला नही हुआ है । युक्रेन की सेना समर्पण कर चुकी है किंतु रात में खतरा बढ़ जाता है और सभी छात्रों को शाम होते ही बंकर में भेज दिया जाता है। जहां रात का हर पल अनजाने खौफ में गुजारनी पड़ रही है। सुबह होने पर फिर सभी छात्र अपने अपने हास्टल में आ जाते है। किंतु रात का एक एक पल काटना बहुत मुश्किल होता है। रात में बमबारी की संभावना बनी रहती है। सारी सैन्य कार्रवाई रात में ही होती है।
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