आज के इस आपातकाल दौर में जब आम जनता खुद के पेट की तपिश को ही मिटाने में अक्षम है, तो देश तो दूर की बात है साहेब, उससे उसी की आत्मनिर्भरता के बारें में बात करना बेमानी होगी। जहाँ आम जनता एक तरफ भौतिक तत्वों की मारी है तो दूसरी तरफ अभौतिक तत्व उसे तिल-तिल कर मरने को मजबूर कर रहे हैं , ऐसे में वह निर्भर बने भी तो कैसे ? कुदरत की माया देखें कहावत है कि आग लगते ही हवा का तीव्र हो जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया ही है। जहाँ एक तरफ सब पर भारी कोरोना महामारी ने आम जनता की तीन मुख्य जरूरतें रोटी, कपड़ा और मकान को प्रतिबंधित करने में कामयाब रही, तो वहीं दूसरी तरफ प्रकृति ने ओलों, तूफानों, चक्रवातों व भूकम्पों के द्वारा आम जनता को खूब सताया। इन बेकाबू हो चली आग की लपटों में तेल की आहुति ने आम जनता के वर्तमान को भी निगल लिया ऐसे में भविष्य का निर्माण भला यह करे भी तो कैसे ? पेट्रोल व डीजल तेल की कीमतों में लगातार हो रही तीव्र वृद्धि ने भी आगे आकर आम जनता की मूल वृद्धि में भी आखिरी कील ठोक दी । देश में पिछले एक माह से पेट्रोल और डीजल के दाम जिस रफ्तार से अग्रसर हैं कि आम जनता के उपयोग से मीलों दूर निकल चुकी है। इस तीव्र वृद्धि ने अब तक के सारे रिकार्डों को बौना साबित करते हुए आपातकाल की इस धधकती ज्वाला में तेल की आहुति देने का काम किया है।
Read More »महिलाओं के काम पर पड़े हैं बहुत नकारात्मक प्रभाव -डॉo सत्यवान सौरभ
कोरोनावायरस महामारी का महिलाओं के काम पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। खासकर अकेली महिलाओं, विधवाओं, दैनिक मजदूरी करने या असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा कानूनों के तहत कोई सुरक्षा नहीं मिली है। उनके सामने कामकाज के दोहरे बोझ के साथ ही वित्तीय संकट भी आ खड़ा हुआ है। सबसे दुखदायी बात ये कि उन्हें दूर-दूर तक आशा की कोई किरण भी नज़र नहीं आ रही।
इस पुरुषवादी दुनिया में आम तौर पर घर की साफ-सफाई, चूल्हा-चौका, बच्चों की देख-रेख और कपड़े धोने के साथ रसोई का काम महिलाओं के जिम्मे होता है। हालांकि अब कामकाजी दंपतियों के मामले में यह सोच बदल रही है। लेकिन फिर भी ज्यादातर परिवारों में यही मानसिकता काम करती है। नतीजतन इस लंबे लॉकडाउन में ज्यादातर महिलाएं कामकाज के बोझ तले पिसने पर मजबूर हैं। भारतीय महिलाएं दूसरे देशों के मुकाबले रोजाना औसतन छह घंटे ज्यादा ऐसे काम करती हैं जिनके एवज में उनको पैसे भी नहीं मिलते। जबकि भारतीय पुरुष ऐसे कामों में एक घंटे से भी कम समय खर्च करते हैं और ज्यादा रुतबा रखते हैं।
वृक्ष बिना जीवन अधूरा है, वृक्ष लगाकर दिया पर्यावरण को शुद्ध करने का सन्देश
शासन के आदेश पर माध्यमिक विद्यालय भी शिक्षकों व कर्मचारियों के साथ खुले
डीएम ने कलेक्ट्रेट कार्यालयों व शौचालयों का किया निरीक्षण
सभी कार्यालयों में सेनेटाइजर अवश्य रहे, सोशल डिस्टेसिंग का किया जाये पालन, कार्यालयों में मास्क लगाकर किया जाये कार्य: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते कलेक्ट्रेट कार्यालयों व शौचालयों का किया निरीक्षण। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट नाजिर जगदीश यादव को निर्देशित किया कि कोरोना वायरस के चलते सभी शौचालय साफ सुथरे होने चाहिए तथा जहां कही आवश्यकता के अनुसार जो डिस्टबीन पुरानी, टूटी है उसे बदलकर नयी रखे तथा वही जिलाधिकारी ने शौचालयों में लगे तालों पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिये कि आमजन के लिए अलग, कर्मचारियों व महिलाओं के लिए अलग कर दे तथा वहां पर साइन बोर्ड भी लगा दे जिससे कि शौचालय के लिए जाने वाले को पता चले कि कहा जाना है।
अज्ञात शव के सम्बन्ध में दे जानकारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। डेरापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बरगदियापुर नहर में बोरे में दिनांक 4 मार्च 2020 को एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। जिसकी अभी तक शिनाख्त नही हो सकी है जिसका थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 72/2020 धारा 302/201आईपीसी बनाम अज्ञात पंजीकृत है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना डेरापुर शशि भूषण मिश्रा ने बताया कि मृतक अज्ञात का शव आख कान दबी हुयी कान कद औसत गोल चपटा चेहरा व नाम बैठी हुयी है। मजबूत जिस्म रंग गेहुआ लम्बाई करीब 5 फुट उम्र करीब 25-30 वर्ष है तथा मृतक अज्ञात काली टीशर्ट उसके ऊपर नीली जैकेट पैन्ट काला व मोजा मध्यम कलर, भूरे रंग की जैकेट दाहिने हाथ में सफेद धातु की अंगूठी व बाये हाथ में साधारण अंगूठी व चड्ढी बादामी कलर पहने है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त के सम्बन्ध में कोई जानकारी प्राप्त होने पर प्रभारी चैकी दस्तमपुर थाना डेरापुर संतोष कुमार 7905243704, प्रभारी निरीक्षक थाना डेरापुर शशिभूषण मिश्र 9454403695, क्षेत्राधिकारी डेरापुर रामकृष्ण मिश्र 9454401472 पर सम्पर्क कर दे सकते है।
ऑनलाइन रोजगार मेले का आयोजन 8 जुलाई को
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिला सेवायोजन कार्यालय, कानपुर देहात द्वारा प्रवासी श्रमिक पुरूष/महिला बेरोजगारों के लिए दिनाॅक 08 जुलाई 2020 को ऑनलाइन रोजगार मेले का आयोजन किया जायेगा जिसमें कम्पनियों/संस्थाओ द्वारा ऑनलाइन साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा।
उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला सेवायोजन अधिकारी ने बताया कि यह रोजगार मेला पूर्णतया आनॅलाइन है इसमें अभ्यर्थियों को नियोजकों/कम्पनिंयों द्वारा ऑनलाइन साक्षात्कार लिया जायेगा अभ्यर्थियों को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों के मोबाइल नम्बर पर ही नियुक्ति की सूचना दी जायेगी। रोजगार मेले के लिये इच्छुक अभ्यर्थी दिनाॅक 08 जुलाई 2020 तक अपना ऑनलाइन आवेदन सेवायोजन कार्यालय की वेबसाइट https://sewayojan.up.nic.in/ (सेवा मित्र एप) पर पंजीयन कराए अपने रोजगार पंजीयन (कार्ड) आई0डी0 के माध्यम से कर सकते है। साक्षात्कार हेतु कम्पनी/संस्थाओं द्वारा दूरभाष के माध्यम से अभ्यर्थियों से सम्पर्क किया जायेगा।
अनंत देव: एसटीएफ से हटा कर जय वाजपेयी संबंध की जाँच की मांग
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने थाना चौबेपुर, कानपुर में घटित घटना के क्रम में कानपुर स्थित जय वाजपेयी व पूर्व एसएसपी कानपुर नगर अनंत देव के बीच सामने आई निकटता की जाँच की मांग की है।
डीजीपी यूपी एच सी अवस्थी को भेजे अपने पत्र में अमिताभ ने कहा है कि जय वाजपेयी विकास दूबे का अत्यंत निकट बताया जा रहा है और अनंत देव का भी। इन दोनों की निकटता वाली कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमे एक फोटो में अनंत देव के ट्रान्सफर से संबंधित कुछ टिप्पणी है।
उन्होंने कहा कि जय बाजपेई पर विकास दूबे के बल पर जमीनों की खरीद फरोख्त करने तथा बहुत कम समय में बहुत अधिक संपत्ति हासिल करने का आरोप लग रहा है। कहा जा रहा है कि कई केस में वांछित होने के बाद भी पुलिस ने उसके पासपोर्ट में सही रिपोर्ट लगा दिया।
बसंत पेट्रोल पंप पर घटतौली का आरोप लगाकर किया हंगामा
कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। कानपुर दक्षिण क्षेत्र में बर्रा थाना अंर्तगत बर्रा-8 गुजैनी चैकी क्षेत्र में संचालित बसंत पेट्रोल पम्प पर बुधवार सुबह को पेट्रोल की माप में घटतौली का आरोप लगाकर एक होमगार्ड का हंगामा घंटों डायल 112 मिलाने पर भी नहीं मिला नम्बर होमगार्ड ने गुजैनी चौकी जाकर दी सूचना हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची।
होमगार्ड अनिल कुमार यादव पुत्र रघुवीर सिंह यादव निवासी मेहरबान सिंह पुरवा कलक्टरगंज थाने में पीआरवी 4706 का परिचालक पद तैनात हैं।
नाइट शिफ्ट की अपनी डयूटी करके वापस आते समय बर्रा-8 बसंत पेट्रोल पर 5 लीटर पेट्रोल डलवाया तेल कम होेने के शक पर अनिल द्वारा तेल निकाल कर तेल की तौल करने पर तेल साढ़े तीन लीटर ही निकला।
भारतीय सेना की तरह पुलिस पर भरोसा क्यों नहीं है? -प्रियंका सौरभ
देश भर में हम आये दिन पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गए लोगों की मृत्यु और यातना की घटना को सुनते हैं जिसके फलस्वरूप पुलिस की छवि पर दाग लगते है। यही नहीं अपराधी प्रवृति के लोगों में पुलिस के प्रति क्रूरता जन्म लेती है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अभी-अभी पुलिस वालों के साथ हुई मुठभेड़ और पुलिस वालों का इस तरह शहीद होना भारत की विघटित होती आपराधिक न्यायिक प्रणाली की ओर इशारा करते हुए देश में पुलिस सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है। देश में अधिकांशतः राज्यों में पुलिस की छवि तानाशाहीपूर्ण, जनता के साथ मित्रवत न होना और अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने की रही है।
रोज़ ऐसे अनेक किस्से सुनने-पढ़ने और देखने को मिलते हैं, जिनमें पुलिस द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया जाता है। पुलिस का नाम लेते ही प्रताड़ना, क्रूरता, अमानवीय व्यवहार, रौब, उगाही, रिश्वत आदि जैसे शब्द दिमाग में कौंध जाते हैं। देश भर में आज पुलिस व्यवस्था में सुधार के साथ ही न्यायिक प्रक्रियाओं के उचित उपयोग का मुद्दा भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि प्रायः यह देखा जाता है कि रिमांड के संदर्भ में याचिका स्वीकार करते हुए न्यायिक दंडाधिकारी उसकी प्रासंगिकता पर विचार नहीं करते हैं और वे पुलिस के प्रभाव से प्रभावित होते हैं।