फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ जिला फिरोजाबाद पांच मई से होने वाले मूल्याकन का पूर्व विरोध करता है। साथ ही जिलाधिकारी से मांग करता है कि जिला रेड जोन है। ऐसे में अध्यापक और कर्मचारी सुरक्षित नहीं रहेगे। इसलिए मूल्यांकन कार्य स्थगित किया जाये।
संघ के जिलाध्यक्ष उमेश यादव ने कहा है कि जिले में चार मूल्यांकन केंद्र है। जहाॅ लगभग 2500 शिक्षक मूल्यांकन कार्य करेंगे। प्रत्येक केन्द्र पर लगभग 600 से अधिक शिक्षक व कर्मचारी कार्य करेंगे। वहीं जिला रेड जोन में है। जिसमें लगातार कोरोना संक्रमित मरीज बढ़ रहे है। जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में मूल्यांकन केंद्र पर सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो पायेगा। साथ ही कहा एक कार्ड शीट कई हाथों से गुजरेंगी, शुद्व पानी की व्यवस्था हो पायेगी, शिक्षक शहर के अलावा अन्य तहसीलों से आयेगे उनके आवागमन की व्यवस्था हो सकेगी। उन्होने कहा कि यदि कोई शिक्षक साथी मूल्यांकन के दौरान कोरोना जैसी बीमारी से संक्रमित हो जाता है। तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
कोरोना संक्रमण रोकथाम के संबंध में आयोजित हुई समीक्षा बैठक
फिरोजाबाद। जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह शनिवार को विकास भवन सभागार में कोरोना संक्रमण रोकथाम की आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सख्त दिखे। बैठक में डीएम ने जनपद में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि लाॅकडाउन का और अधिक सख्ती से पालन कराया जाएं और अनावश्यक घर से बाहर निकलने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही कहा बहुत ही आवश्यक कार्य हेतु घर से बाहर निकलना पड़े तो मास्क अवश्य ही पहने। उन्होंने कहा कि मास्क सभी के लिए अनिवार्य है। बिना मास्क पहने कोई भी व्यक्ति मिले तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने क्वारेन्टीन में रह रहे सभी लोगों का भी माक्स पहने रहना अनिवार्य है। इसका भी कड़ाई से पालन किया जाए।
बैठक के दौरान डीएम ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि व्हाट्सएप, सोशल मीडिया पर भ्रामक व झूठी एवं लोगों को भड़काने वाली खबर फैलाते कोई भी पाया जाए तो उसके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस लाइन में संचालित सोशल मीडिया सेल को और अधिक सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद रेड जोन मे हैं, यहां भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सभी लोगों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना अनिवार्य है। इसके लिए लोगों को और अधिक प्रेरित किया जाए।
जाहिद बेग के निधन पर शोक व्यक्त किया
फिरोजाबाद। जिला व महानगर कांग्रेस कमेटी द्वारा महानगर अध्यक्ष साजिद बेग के पिता जनाब जाहिद बेग के निधन पर शोक व्यक्त कर श्रद्वांजली अर्पित की। शोक व्यक्त करने वालों में प्रकाश निधि गर्ग, सौरभ पोरवाल, चांद कुरैशी, अमित पचैरी, वकार अहमद, आजम इरफान, विजय उपाध्याय, सनी शर्मा, अतुल पोरवाल, अतुल चतुर्वेदी, धर्मसिंह यादव, मनोज भटेले, वीरेन्द्र सिंह यादव, कमलेश जैन, शैलेन्द्र शर्मा, शशि शर्मा, नसीर अहमद, सुबूर अली, नीरज वर्मा, भरतेश जैन, अमित उपाध्याय, रामजीत लोधी, लाला राइन गांधी, संगीर कुरैशी, शहिद भाई आदि मौजूद रहे।
Read More »प्रकृति और कोविड-19ः विज्ञान ने मनुष्यता को स्वर्ग और नर्क दोनों दिखा दिए
हाल ही में विज्ञान के अधिक उन्नतीकरण व आधुनिकीकरण का विभिन्न क्षेत्रों में मनुष्यता व पृथ्वी पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
यदि हमारे पूर्वज इस नए दौर के चमत्कारों को देखते तो वे अचंभित रह जाते और साथ ही मानते कि ये सदी इतनी बुरी भी नहीं है जितनी उनके समय में थीं। विज्ञान की देवी ने एक ओर हमें जीवन दान का आशीर्वाद दिया तो दूसरी ओर हमें जीवन की गुणवत्ता की कमी का अभिशाप दिया है। हम इक्कीसवीं सदी में एक प्राकृतिक बम पर सवार होकर प्रवेश कर चुके हैं जो कभी भी फट सकता है, क्योंकि दिन प्रतिदिन मनुष्य का असीमित लालच व धरती मां का शोषण हो रहा है। वो दिन दूर नहीं जब न केवल हम बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ पीने का पानी व प्रकृति मां के कोमल सुंदर हरे-भरे वन-विपिन शुद्ध वायु बरसात के लिए तरसेंगे।
ये चिंता न जाने हमें कितने समय से थी, परन्तु हाल ही में कोरोना वाइरस ने हमें दिखा दिया कि हम प्रकृति के आगे कितने तुच्छ हैं। एक ओर मानव जाति कोरोना की लड़ाई में हारती जा रही है वहीं दूसरी ओर असंतुलित पृथ्वी का बहाल हो रहा है। इसका प्रमाण हमारे आसपास हुई घटनाओं में दिख रहा है। न जाने कितने सालों के शोध व वैज्ञानिकों के प्रयासों के बावजूद भी हमारी पृथ्वी की ओजोन परत में छिद्र कम नहीं हो रहे थे। जिस से सूर्य की हानिकारक यूवी किरणे पर्यावरण को नष्ट करतीं हैं। परंतु आज वे छेद न के बराबर है।
भाकपा माले,खेग्रामस एवं ऐक्टू ने मनाया मजदूर दिवस
चकिया चन्दौली। भाकपा-माले, खेग्रामस व ऐक्टू ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर जाने की इजाजत मिलना आंदोलनों की जीत है। इन तीनों संगठनों ने मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी के सवाल पर लाॅकडाउन में भी लगातार आंदोलन चलाया था, जिसका दबाव सरकार पर काम कर रहा है। उक्त बातें 1 मई मजदूर दिवस मनाए जाने के दौरान भाकपा (माले)राज्य कमेटी सदस्य तथाअखिल भारतीय खेत मजदूर सभा राष्ट्रीय सचिव कामरेड अनिल पासवान ने उसरी गांव में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यस्थल पर मौजूद मजदूरों को मई दिवस के अवसर पर सम्बोधित करते हुए कही।
माले नेता ने कहा कि अब बिना किसी देरी के सभी मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। लेकिन इस मामले में यह देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार दिशा-निर्देश जारी करके अपने काम से मुक्त सी हो गई है ऐसा नहीं हो सकता है। केंद्र सरकार मजदूरों की घर वापसी के लिए तत्काल सेनेटाइज रेलों की व्यवस्था करे।
उन्होने कहा कि लाॅकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों के खिलाफ चारो तरफ दुष्प्रचार चलाया जा रहा है।
अल्पसंख्यकों, प्रवासी मजदूरों व कोरोना मरीजों के प्रति यह तंग नजरिया बेहद निंदनीय है। इसलिए सभी कोरोना मरीजों के प्रति सहानुभूति व प्यार का रिश्ता रखना चाहिए और उनके सही इलाज की गारंटी होनी चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों में निर्माण सामग्री यथा ईंट, सीमेन्ट, मौरंग, बालू, सरिया, हार्डवेयर एवं मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकानों को सशर्त खोले जाने की अनुमतिः मुख्य सचिव
लखनऊः जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों में स्थित दुकानों विशेष रूप से निर्माण सामग्री यथा ईंट, सीमेन्ट, मौरंग, बालू, सरिया, हार्डवेयर एवं मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकानों को सशर्त खोले जाने की अनुमति प्रदान करते हुए निर्देश दिए कि सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजेशन के प्रावधानों तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों का अक्षरशः कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों एवं पुलिस उप महानिरीक्षकों, रंेज, पुलिस आयुक्त लखनऊ एवं नोएडा एवं समस्त जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकोंध्पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र के माध्यम से दिए।
Read More »इस शैक्षिक सत्र में फीस नहीं बढ़ा सकेंगे निजी स्कूल
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना संकट के चलते काम-काज बंद है। तमाम लोगों के सामने रोजगार का संकट है। इसे ध्यान में रखते हुये यूपी सरकार ने छात्रों के अभिभावकों के लिये एक राहत भरा एलान किया है। लॉकडाउन के कारण छात्र–छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार प्रभावित हुए हैं और ऐसे छात्रों के अभिभावकों को शुल्क जमा किये जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी किया था। जिसके अनुपालन में जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक अरविंद कुमार द्विवेदी ने समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालय, इंटरमीडिएट कॉलेज, यूपी बोर्ड, संस्कृत बोर्ड, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई), भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई), इंटरनेशनल बेक्कलॉरेट (आईबी) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईजीसीएसई) के स्कूल प्रबन्धकों एवं प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है कि वे 2020–21 के सत्र में फीस नहीं बढ़ाएंगे। स्कूलों को 2019–20 में नए प्रवेश व हर कक्षा के लिए निर्धारित शुल्क संरचना के अनुसार ही फीस लेनी होगी। यदि किसी स्कूल ने इस सत्र ( 2020–21) में फीस बढ़ाई है और बढ़ी हुई दरों से शुल्क लिया जा चुका है तो बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को अगले महीनों में समायोजित किया जाये। आदेश का कड़ाई से अनुपालन किया जाये। इस सन्दर्भ में अगर कहीं से कोई भी शिकायत आती है तो सम्बंधित पर कठोरतम कार्यवाही की जायेगी।
Read More »विभागों को डीएम का आदेश आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाना सुनिश्चित करें
मार्च में सेवानिवृत्त हुये कर्मचारियों की मांगी गई सूचना
निजी स्कूलों के दो कर्मचारियों के बनेंगे पास
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। लॉकडाउन अवधि में प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्डों के निजी विद्यालयों के 2 कर्मचारियों के पास बनाए जायेंगे। उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कोरोना वायरस के व्यापक संक्रमण के फैलाव एवं बचाव के दृष्टिगत लागू लॉकडाउन की अवधि में वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधकों द्वारा शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय से वेतन / पारिश्रमिक का भुगतान सुनिश्चित किए जाने तथा प्रदेश में संचालित समस्त बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों द्वारा मासिक आधार पर शुल्क लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इस सन्दर्भ में माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा आदेश पहले ही निर्गत किये जा चुके हैं। उपमुख्यमंत्री के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि लॉकडाउन के दृष्टिगत विद्यालय बंद होने के कारण कोई भी कार्मिक विद्यालय नहीं जा पा रहा है जिसकारण से शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को वेतन एवं पारिश्रमिक का भुगतान किये जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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