Saturday, November 16, 2024
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मूंगालाल मत्स्य जीवी सहकारी समिति का गठन

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। मूंगालाल मत्स्य जीवी सहकारी समिति का गठन किया जाना है जिसमें 21.00 हे0 जलक्षेत्र दो न्याय पंचायतों के अन्दर पूर्ण होना जरूरी है यदि दो से पूर्ण नही होता है तो तीसरी न्याय पंचायत सम्मिलित की जाती है व तीन से पूरी नही होती है तो चैथी से पूरी होगी वर्तमान में अनवा सिकन्दरा, रसधान व भाल से 21. 00 हे0 जलक्षेत्र पूरा हो रहा है तथा 27 सत्ताइस सदस्यों की पूर्ति ऊमरपुर न्याय पंचायत से होगी। समिति के गठन हेतु दिनांक 22 फरवरी 2019 को अपरान्ह 4 बजे से किसी उपर्युक्त सार्वजनिक स्थल पर समिति के गठन हेतु आयोजित की जायेगी। यदि किसी पूर्व गठित समिति के कार्य में बाधा होती है तो पत्र के माध्यम से कार्यालय को सूचित करें ताकि समस्या का निस्तारण किया जा सके। यह जानकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण डा0 रणजीत सिंह ने दी है।

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ट्रैक्टर और मोटर साइकिल की आमने सामने टक्कर से युवक की मौत

प्रयागराज, बीडी पांडे/मिथलेश कुमार वर्मा। धूमनगंज थाना अंतर्गत बमरौली मोड़ अमर उजाला प्रेस के सामने एक ट्रैक्टर और मोटर साइकिल की जबरदस्त टक्कर से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। जिसका नाम स्वरूप पंडा पुत्र कमलेश पंडा जो फतेहपुर घाट जिला प्रयागराज का रहने वाला था वो पेशे से अध्यापक था। जिसका स्वयं का अपना कालेज एवं उसका प्रबंधक भी था, मृतक की उम्र लगभग 30 वर्ष के आसपास बताई जा रही है प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर इतना जबरदस्त था कि व्यक्ति ने मौके पर ही अपना दम तोड़ दिया। व्यक्ति बजाज की प्लैटिना मोटर साइकिल से जा रहा था। जिसका नंबर यूपी 70 ए वाई 3828 है। जिस ट्रैक्टर से एक्सीडेंट हुआ उस पर ईट लदी थी। और ड्राइवर ट्रैक्टर ट्राली सहित छोड़कर भाग गया। इसकी सूचना बमरौली पुलिस चैकी इंचार्ज अतुल कुमार सिंह को दी गई वह मौके पर दल बल के साथ पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया इसकी सूचना उसके घर वालों को जैसे ही दी गई तो वहां के ग्राम प्रधान सहित घर वाले घटना स्थलपर पहुंचे। उसके परिवारजनों का रो-रो के बुरा हाल है।

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मकनपुर घोड़ा मेला के बाद अब दुधारू मवेशी मेला हुआ गुलजार

अरौल/मकनपुर (बिल्हौर), जन सामना संवाददाता। मकनपुर घोड़ा मेला के बाद अब दुधारू मवेशी मेला भी गुलजार होने लगा है। मवेशी व्यापारी नन्हें यादव का दावा है कि वह पंजाब के जालंधर व फिरोजपुर से अच्छी नस्ल की गाय लाकर मेले में करीब 25 साल से बेचते आ रहे हैं। साहिवाल नस्ल की 65 हजार कीमत की गाय रोजाना 18 से 20 लीटर तो यच.यफ.नस्ल की ₹75 हजार की गाय रोजाना 25 से 27 लीटर देती है। भैंस व्यापारी दुर्गा शंकर त्रिवेदी ने भी पंजाब से भैंसे लाकर मेले में बेचने का दावा किया। मेला कमेटी सदस्य दीपक श्रीवास्तव ने मेले में बारिश का असर बेहतर बताया। जिससे मेला परिसर से लेकर इससे जुड़ी सड़कों की पटरियों की उड़ती धूल बैठ गई। वहीं पूर्व मेला कमेटी सदस्य नंदलाल पाल नें बारिश से घोड़ा मेले में कमी बताई। बारिश के बावजूद जायरीनों की आस्था में कमी नहीं हुई। हजरत सैयद बदी उद्दीन जिंदा शाह मदार की दरगाह शरीफ में जायरीन उमड़ते नजर आए। तो वहीं क्राकरी बाजार में महिलाओं की सरगर्मी रही। जगह जगह भरा पानी परेशानी का सबब बन रहा था। जोगी सपेरे सांप दिखा कर रोजी रोटी कमा रहे थे। बच्चे ऊंट की सवारी तथा हेलीकॉप्टर झूले का आनंद उठाते नजर आये।
नाजायज वसूली
मकनपुर से रसूलाबाद हाईवे पर स्थित सुर्सी पुलिया चौराहे पर कन्नौज के जिला पंचायत के नाम पर मेला वाहनों से ₹100 प्रति वाहन से वसूला जा रहा है। जबकि रसीद केवल ₹10 की दी जा रही है जिससे मेले पर खराब असर पड़ने की शिकायत मिली है।

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बमरौली में शवदाह गृह का निर्माण कार्य शुरु न होने से जनता सशंकित

प्रयागराज, मिथलेश कुमार वर्मा। ग्राम पंचायत बमरौली केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा अधिकृत सिद्धार्थ नाथ चिकित्सा एवं स्वास्थ मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के अथक प्रयास से ग्राम बाकराबाद बमरौली उपरहार तहसील सदर ब्लाक कौड़ीहार-2 प्रयागराज मे शासन व प्रशासन स्तर से अंत्येष्टि स्थल के निर्माण हेतु भूमि का आवंटन किया गया है। जिसके निर्माण के लिए शासन स्तर से रूपये 13,30000 धन भी स्वीकृत हुआ है फिर भी अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसका निर्माण कार्य जल्द से जल्द (ग्रामीण अभियंत्रण सेवा) द्वारा कराया जाए शमशान घाट व शवदाह गृह स्थल के निर्माण हेतु भूमि गंगाजी के किनारे उपलब्ध है। यहां पर शवदाह गृह के लिए शहर पश्चिमी की जनता काफी वर्षों से प्रयासरत्न है। इस अंत्येष्टि स्थल के बारे में स्वास्थ मंत्री के संज्ञान में आया तो उन्होने लोगों की परेशानियों को ध्यान मे रखते हुए अविलंब कार्यवाही करते हुए आदेश दिया था।

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बाजारवाद के इस दौर में प्रेम भी तोहफों का मोहताज़ हो गया

वैलेंटाइन डे, एक ऐसा दिन जिसके बारे में कुछ सालों पहले तक हमारे देश में बहुत ही कम लोग जानते थे, आज उस दिन का इंतजार करने वाला एक अच्छा खासा वर्ग उपलब्ध है। अगर आप सोच रहे हैं कि केवल इसे चाहने वाला युवा वर्ग ही इस दिन का इंतजार विशेष रूप से करता है तो आप गलत हैं। क्योंकि इसका विरोध करने वाले बजरंग दल, हिन्दू महासभा जैसे हिन्दूवादी संगठन भी इस दिन का इंतजार उतनी ही बेसब्री से करते हैं। इसके अलावा आज के भौतिकवादी युग में जब हर मौके और हर भावना का बाज़ारीकरण हो गया हो, ऐसे दौर में  गिफ्ट्स टेडी बियर चॉकलेट और फूलों का बाजार भी इस दिन का इंतजार  उतनी ही व्याकुलता से करता है।
आज प्रेम आपके दिल और उसकी भावनाओं तक सीमित रहने वाला  केवल आपका एक निजी मामला नहीं रह गया है। उपभोगतावाद और बाज़ारवाद के इस दौर में प्रेम और उसकी अभिव्यक्ति दोनों ही बाज़ारवाद का शिकार हो गए हैं। आज प्रेम छुप कर करने वाली चीज नहीं है, फेसबुक इंस्टाग्राम पर शेयर करने वाली चीज है। आज प्यार वो नहीं है जो निस्वार्थ होता है और बदले में कुछ नहीं चाहता बल्कि आज  प्यार वो है जो त्याग नहीं अधिकार मांगता है।

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सर्वधर्म सेवा समिति ने गरीबों को भेंट किए कम्बल

कानपुरः जन सामना संवाददाता। सर्वधर्म सेवा समिति (पंजी.) गोलाघाट के तत्वावधान में मंगलवार को एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि, जन सामना के सम्पादक व भारतीय प्रेस परिषद, नई दिल्ली के सदस्य श्याम सिंह पंवार के करकमलों द्वारा कम्बल वितरण कर किया गया। इस मौके पर श्री पंवार ने समिति के सदस्यों को शुभकामनायें देते हुए कार्यक्रम की सराहना की। इस मौके पर क्षेत्र के लगभग एक सैकड़ा लोगों को कम्बल भेंट किए गए। समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र बाल्मीकि ने बताया गरीब तबके के लोगों की सहायता करने व मलिन बस्तियों के बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि समाजसेवी नीत कुमार ‘नितिन’ का सहयोग सराहनीय रहा है और वह स्वयं गरीबों की मदद के लिए सदैव ही तत्पर रहते हैं। वहीं कोषाध्यक्ष विजय निगम ने बताया कि समिति जल्द ही नशा मुक्त अभियान चलाकर मादक पदार्थों से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलायेगी। समिति के महामन्त्री नरेश कठेरिया ने बताया कि मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवारों के उत्थान के लिए समिति ने कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है जिसके माध्यम से गरीब व असहाय लोगों की मदद करने का प्रयास किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन नरेश कठेरिया ने किया।

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मॉडर्न इंदौर की शान बना भड़ास कैफ़े

इंदौर, जन सामना ब्यूरो। इंदौर शहर में इन दिनों कैफ़े भड़ास की चर्चा जोरों पर है। भड़ास कैफ़े भारत का ऐसा पहला कैफ़े है जहां आप अपने मन में छिपी भड़ास को किसी भी सामान को जी चाहे जितना तोड़फोड़कर निकाल सकते हैं. यहां आप अपने तरीके से अपने गुस्से या उससे जुड़ी निराशा, जलन और चिड़चिड़ाहट जैसे निगेटिव विचारों को जाहिर कर सकते हैं. खास बात यह है कि यह कैफ़े आपकी पूरी सुरक्षा व गोपनीयता का पूरा ख्याल रखता है ताकि आपके व्यावसायिक एवं पारिवारिक रिश्तों पर कोई नकारात्मक असर न हो। हम जानते है कि हर शहर की अपनी कुछ पहचान होती है। यह पहचान उसकी कुछ विशेषताओं जैसे एतिहासिक स्मारक, खान पान, मार्केट या अन्य कुछ खासियतों से मिलकर बनती है। जहां इंदौर को मालवा का गौरव और मिनी मुंबई का दर्जा प्राप्त है और राजवाड़ा जो इंदौरवासियों की दिल की धड़कन बना हुआ है, वहां भड़ास कैफ़े अपने यूनिक कांसेप्ट की वजह से देशभर में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहा है। मॉडर्न इंदौर में कैफ़े भड़ास को शहर की शान के नाम से जाना जाने लगा है। दरअसल यह भारत का पहला ऐसा कैफ़े है जहां गुस्से को जाहिर करने की विशेष सुविधा दी जाती है। यहां पर आप तोड़फोड़ करके, चिल्लाकर या रोकर तो अपना गुस्सा व्यक्त कर सकते हैं साथ ही गुस्से को बाहर निकालने के बाद चैन से देशभर के कई राज्यों के फेमस फ़ूड आइटम्स का आनंद भी ले सकते हैं। ये कैफ़े आपके मूड को गुस्से और निगेटिव फेज से बाहर लाने में तो मदद करता ही है, साथ ही एक पॉजिटिव सोच की तरफ मोड़ते हुए अपनी जिंदगी में एक नई शुरुआत करने का मौका भी देता है।

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ईवीएम पर बार बार सवाल क्यों ?

पिछले काफी समय से ईवीएम पर छेड़छाड़ की खबरें सामने आ रही है और चुनाव बैलेट पेपर से किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। एक तरह से देखा जाए तो यह चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा का सवाल है कि उस पर उंगलियां उठाई जा रही हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त जिस तरह से ईवीएम मशीनों की सुरक्षा व्यवस्था पर जोर देते हैं और जिस तरह से मशीनों के साथ छेड़छाड़ की खबरें आ रही हैं वह मशीनों के सुचारू रूप से कार्य करने की प्रक्रिया को संदेह के घेरे में खड़ा करती है। चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम मशीन बनने के बाद इनकी विश्वसनीयता की परख की जाती है और उसके बाद ही काम में ली जाती है। हर चुनाव में 20 से 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त मशीनें सेक्टर अधिकारी के निगरानी में रखी जाती हैं जिन्हें वह मशीनों के खराब होने पर बदल देता है। ईवीएम मशीन 1982 में कांग्रेस द्वारा लाई गई थी और तब भाजपा ने इस का पुरजोर विरोध किया था और आज हालात वही है, पर उल्टे हैं। आज कांग्रेस विरोध कर रही है और भाजपा समर्थन। तो क्या ईवीएम का विकल्प बैलेट पेपर है?

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रेडियो के सुनहरे सफर के स्मरण का दिन

सुनहरी और खट्टी-मिट्ठी स्मृतियों को सहेजे रेडियो अपनी जीवन-यात्रा का शतक पूरा करने को है। पूरी दुनिया में रेडियो ने श्रोता वर्ग से जो सम्मान और प्यार हासिल किया वह अन्य किसी माध्यम को न मिला और न कभी मिल सकेगा। विविध इंद्रधनुषी कार्यक्रमों के द्वारा रेडियो ने न केवल मनोरंजन, जागरूकता और शिक्षा संस्कार के वितान को समुज्ज्वल किया बल्कि राष्ट्रीय एकता-अखण्डता के ध्वज को भी थामे रखा। सुदूर दक्षिण के तमिल, कन्नड, मलयालम भाषी जन हों या उत्तर का कश्मीरी-डोंगरी, हिमाचली समुदाय। हरियाणवी, राजस्थानी भाषा के चित्ताकर्षक रंग हो या ब्रज, बुंदेली, बघेली और अवधी बोलियों की मधुमय मृदुल रसधार। पूर्वोत्तर की मिजो, नागा, त्रिपुरा, असम की क्षेत्रीय भाषायी समुद्धि हो या मराठी, गुजराती, पंजाबी की मधुर वाणी। सभी को रेडियो ने स्वर दिए और विस्तार एवं संरक्षण का रेशमी फलक भी। हिन्दी के राष्ट्रीय प्रसारणों को सम्पूर्ण देश ने सुना और गुना तथा सृजन के सुवासित सुमन पोषित किए। रेडियो ने जन-जन का बाहें फैलाकर स्वागत किया। भारत में तो रेडियो परिवार के सदस्य की तरह रहा और है। आज की पीढ़ी के पास भले ही इलेक्ट्रनिक गैजैट के रूप में मनोरंजन, ज्ञान-विज्ञान और शिक्षा के तमाम संसाधन एवं विकल्प मौजूद हों पर वह संतुष्ट नहीं है। लेकिन पूर्व पीढ़ी के पास केवल रेडियो था और आत्मीय संतुष्टि भी। रेडियो ने भी कभी निराश नहीं किया।

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तालाब निर्माण एवं निवेश, मिनी मत्स्य हैचरी निर्माण, लघु फीड मील की स्थापना हेतु करें आवेदन

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। नीली क्रान्ति योजना का कोई भौतिक लक्ष्य नहीं है इसमें अधिक से अधिक योजनाएं सम्मिलित की जा सकती है। परियोजनाअंश व लाभार्थी सहित देय कुल रू0 2.00 करोड के प्रस्ताव मय सीडी सहित प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया। योजना के इच्छुक लाभार्थियों से निजी भूमि पर तालाब निर्माण एवं निवेश, मिनी मत्स्य हैचरी निर्माण, लघु फीड मील की स्थापना, 0.10 हेक्टेयर की नर्सरी निर्माण व मत्स्य बीज रियरिंग यूनिट निर्माण आदि सहित दिनांक 22 फरवरी 2019 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते है। दिनांक 22 फरवरी के बाद प्राप्त फोटोग्राफ्स, आवेदन पत्र, आधार कार्ड व बैंक पासबुक की छायाप्रति मय आईएफएससीकोड सहित व भूमि स्वामित्व का खसरा खतौनी जो तत्काल कम्प्यूटर द्वारा निर्गत हो तथा सम्बन्धित द्वारा मूलरूप से हस्ताक्षरित हो।

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