हाथरस, जन सामना ब्यूरो। वरिष्ठ नागरिक यानि हमको मार्ग दर्शित करने वाली वह शख्सियत जिसकी बजय से आज हम कुछ लायक हैं। आने वाले समय में हम भी इस औहदे पर पहुंचेंगे। वरिष्ठों और उनको लेकर जब विश्व में बहस छिड़ी तो संयुक्त राष्ट्र ने वरिष्ठों के अधिकारों को लेकर चिंता व्यक्त की जिसके परिणाम स्वरूप सर्वप्रथम 14 दिसंबर, 1990 को यह निर्णय लिया गया कि 1 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के रूप में मनाया जाएगा और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए अहम पहलें की जाएंगी।
यह उद्गार लायंस क्लब की मथुरा रोड स्थित वसुंधरा कॉलोनी में हुई कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष लायंस क्लब व पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अशोक कपूर ने व्यक्त किए। इस मौके पर वक्ताओं ने एक अक्तूबर के मौके पर एक वरिष्ठ नागरिकों के हितों और उनके जीवन में आने वाली कठिनाइयों को लेकर जागरूकता सम्मेलन आयोजित कराए जाने पर जोर दिया। जिसको उपस्थित सदस्यों ने एक मत से स्वीकार किया। इस मौके पर जल्द ही एक सार्वजनिक स्थान के चयन करने और बुजुर्गों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं व संगठनों से मिलकर कार्यक्रम को पूर्ण रूप देने का निर्णय भी किया गया।
आवश्यक है विश्व धरोहर रामलीला का संरक्षण एवं संवर्धन
परम्परागत लोकनाट्य विधाओं में सर्वाधिक पुष्ट एवं समृद्ध लोकनाट्य रामलीला को ही माना जाता है। सात दिन से लेकर एक माह तक की अवधि में मंचित होने वाली रामलीलाएं भारत की प्राचीन संस्कृति के सार्वभौमिक स्वरुप का दर्शन कराने में सर्वथा सक्षम हैं। बशर्ते कि मंचन करने और कराने वाले लोग रामलीला को उसके मूल स्वरूप में प्रस्तुत करने की क्षमता एवं दृढ इच्छा रखने वाले हों। रामलीला अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र राम के जीवन से जुड़ी घटनाओं का मात्र नाट्य रूपान्तरण नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के उच्च आदर्शों की गाथा है। यह गाथा है उच्च मानवीय मूल्यों की। यह गाथा है उच्च आदर्शवादी समाज की। यह गाथा है आदर्शों के उच्चतम शिखर पर दृढ़ता से खड़ी राजनीति की। यह गाथा है आदर्श परिवार की। यह गाथा है मर्यादा की सीमाओं में बंधे ईमानदार एवं दृढ़ निश्चयी व्यक्तित्व की।
रामलीला का प्रारम्भ किस समय अवधि में हुआ इसका ज्ञान शायद ही किसी को हो। हाँ यह अवश्य कहा जा सकता है कि लोकगीतों में रामकथा का गायन जितना पुराना है, रामलीला को भी उतना ही प्राचीन मानना चाहिए। क्योंकि लोकगीतों एवं लोकनाट्यों का अन्तः सम्बन्ध नाकारा नहीं जा सकता है। यदि यह कहा जाये कि लोकनाट्य लोकगीतों का ही नाट्य रुपान्तरण हैं तो अतिसंयोक्ति नहीं होगी। सुदूर ग्रामीण अंचलों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते रामकथा पर आधारित लोकनाट्य आज भी देखने को मिल जायेंगे। चित्रकूट क्षेत्र में ‘राउत’ जन समुदाय द्वारा खेले जाने वाले नाटक रामकथा पर ही आधारित हैं।
हिंसा का अंतहीन दौर
यमन में वर्चस्व और सत्ता के लिए शिया और सुन्नी समुदायों के मध्य कड़ा संघर्ष चल रहा है। इस संघर्ष में जहां अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे खतरनाक आतंकी संगठन सुन्नियों का साथ दे रहे हैं, वहीं शिया लड़ाकों की अगुवाई हूती मिलिशिया जैसे विद्रोही संगठन कर रहे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए यह नहीं लगता है कि यमन बहुत जल्द गृह युद्ध और हिंसा की जटिल परिस्थितियों से बाहर आ सकेगा।
गृहयुद्ध के कगार पर पहुंच चुके अरब देश यमन में शिया हाउती विद्रोहियों के ठिकानों पर सऊदी अरब के नेतृत्व में हवाई हमले शुरू किए गए। राजधानी सना और उसके आसपास के इलाकों में किए गए हमलों तथा सत्ता संघर्ष में सरकार और विद्रोहियों में जारी हिंसा में हजारों नागरिकों की मौत हो चुकी है तथा कई लाख नागरिक बेघर हो गए हैं। हजारों इमारतें और मकान ध्वस्त हो गए हैं तथा चारो ओर आतंक और दहशत का हाहाकार मचा हुआ है। इन हमलों के बाद मुस्लिम राष्ट्र दो गुटों में बंट गए हैं। एक ओर सऊदी अरब के नेतृत्व में कतर, बहरीन, कुवैत, मिस्र जैसे देश हैं, जो किसी भी कीमत पर शिया हाउती विद्रोहियों से यमन के राष्ट्रपति आब्दीरब्बू मंसूर हादी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर ईरान इन देशों के विरोध में खड़ा हो गया है। हवाई हमलों पर नाराजगी जताते हुए ईरान ने कहा है कि इससे विवादों का हल तलाशने में मदद नहीं मिलेगी।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल सरकार आखिर राष्ट्रीय मोर्चों पर असफल क्यों ?
मार्च 2017 में उप्र के चुनावी नतीजों के बाद देश भर के विभिन्न मीडिया सर्वे में जुलाई तक जिस मोदी को एक ऐसे तूफान का नाम दिया जा था जिसे रोक पाना किसी भी पार्टी के लिए ‘मुश्किल ही नहीं लगभग नामुमकिन है’, वही मीडिया सर्वे सितम्बर माह के आते आते मोदी के तेजी से दौड़ते विजयी रथ को ब्रेक लगाते दिखाई दे रहे हैं।
अगर उनके द्वारा दिए गए आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले साल की तुलना में मोदी सरकार से संतुष्ट लोगों की संख्या में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है (46 प्रतिशत से 44 प्रतिशत) वहीं दूसरी तरफ इस सरकार से असंतुष्ट लोगों की संख्या में 3 प्रतिशत से 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।
कल तक जो सोशल मीडिया मोदी की तारीफों से भरा रहता था आज वो ही विपक्षी दलों द्वारा मोदी सरकार के दुष्प्रचार का सबसे बड़ा जरिया बन गया है।
बात यहाँ तक कही जा रही है कि ‘द टेलीग्राफ‘ के अनुसार संघ के एक अन्दरूनी सर्वे में यह बात सामने आई है कि 2019 में मोदी की चुनावी राह में बिछे फूलों की जगह काँटों ने ले ली है।
तो आखिर इन दो महीनों में ऐसा क्या हो गया?
देश की जनता जो मोदी के हर निर्णय को सर आँखों पर इस कदर बैठाती थी कि उसे श्अन्धभक्तश् तक का दर्जा दे दिया गया था आज देश हित में दूरगामी प्रभाव वाले पेट्रोल की बढ़ती कीमत को सहजता के साथ स्वीकार नहीं कर पा रहीं है।
स्वच्छ भारत एक अभियान
देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की सरकार के स्वच्छता अभियान-स्वच्छ भारत अभियान के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। वहीं मोदी सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जन्मशती के अवसर पर दो अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त भारत का महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। तीन वर्ष की इस अवधि में इस दिशा में कुछ कुछ सफलता दिखने लगी है। लेकिन खुले में शौच से मुक्त के लिए क्रियान्वित करने में बनाये जा रहे शौचालय भी भ्रष्टाचार के गारे में संलिप्त हैं। खासबात यह भी है इस प्रकरण पर आने वाली शिकायतों को अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह से नजरअन्दाज भी करते रहते हैं। शायद उनकी मंशा यहीी है कि मोदी सरकार की वापसी पुनः ना होने पावे। इससे यह भी लगता है कि भारत सरकार को 2019 तक हर घर में शौचालय उपलब्ध कराने का लक्ष्य एक भ्रष्ट मार्ग से ही गुजर पायेगा। आंकड़ों की माने स्वच्छ भारत अभियान के तहत दो अक्टूबर 2014 तक 4.90 करोड़ शौचालय बन चुके थे। वहीं पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के अनुसार 24 सितंबर 2017 तक 2.44 लाख गांव और 203 जिले खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। बताते चलें कि 2012 में केवल 38 प्रतिशत क्षेत्र स्वच्छता कवरेज से जुड़े थे। अब यह बढ़कर 68 प्रतिशत हो गया है। लेकिन अब भी बहुत कुछ करना बाकी है क्योंकि इससे जुड़े तमाम पहलू आज भी फोटो खिचाऊ कार्यक्रम ही साबित हो रहे हैं। कई नजारे तो ऐसे देखने को मिल रहे है कि देखा देखी में उन्हीं के अनुयायी कूड़ा-कचरा को इकट्ठा कर खबरों में आने का माध्यम बना रहे हैं जबकि उन्हें इस अभियान से शायद ईमानदारीपूर्ण लगन नहीं है।
Read More »आगामी त्योहारों की तैयारियों की मण्डलायुक्त ने समीक्षा की
कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। दशहरा, भरतमिलाप, दुर्गा पूजा, मोहर्रम, पैगी जुलूस आदि जुलूसों में जो भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, पुलिस बल की ड्यूटी लगाई जाये उन सब को शासन के निर्देशों के अनुरूप पक्ष पात रहित होकर अपनी ड्यूटी पूरी करनी हैं। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाये। इन स्थानों में फुअड़-पन के गाने, आश्लील नृत्य आदि किसी भी स्थिति में सम्पन्न न होने पाये। पुलिस बल एवं नगर निगम का आपात कालीन कन्ट्रोल रूम की स्थापना अविलम्ब कर दी जाये मार्ग पर अपनी समस्याए एवं शिकायतों का दर्ज करा सकें।
उक्त निर्देश मण्डलायुक्त पी० के० महान्ति ने आगामी त्यौहारों की तैयारियों की समीक्षा करते हुये निर्देशित किया।
धान खरीद में किसानों को सुविधाओं की जानकारी एसएमएस द्वारा तत्काल की जाये: मुख्य सचिव
सचिव जनपदों के निरीक्षण हेतु नामित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान धान क्रय की समीक्षा कर निर्धारित चेक लिस्ट के अनुसार निरीक्षण करना भी अनिवार्य होगा: राजीव कुमार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 09 मण्डलों के 31 जनपदों में आगामी 25 अक्टूबर से धान खरीद प्रारम्भ होकर 31 जनवरी, 2018 तक किसानों से निरन्तर की जायेगी धान की खरीद: मुख्य सचिव
पूर्वी उत्तर प्रदेश के 09 मण्डलों के 41 जनपदों में धान खरीद 01 नवम्बर से प्रारम्भ होकर 28 फरवरी, 2018 तक कराने हेतु धान क्रय केन्द्र खोलने की व्यवस्था सुनिश्चित हो: राजीव कुमार
धान खरीद हेतु निर्धारित 50 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 03 हजार धान क्रय केन्द्र विभिन्न क्रय एजेन्सियों द्वारा विभिन्न जनपदों में स्थापित: निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव, खाद्य
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश में धान खरीद में किसानों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी किसानों को उनके मोबाइल नम्बर पर एस0एम0एस0 द्वारा दी जायेगी। प्रदेश सरकार द्वारा जनपदों के निरीक्षण हेतु नामित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को अपने नामित सम्बन्धित जनपदों में निरीक्षण के दौरान धान क्रय की समीक्षा कर निर्धारित चेक लिस्ट के अनुसार निरीक्षण करना भी अनिवार्य होगा।
सीएम योगी की फोटो से छेड़छाड़ करने वाले युवक को हिरासत में लिया
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। हाथरस फेसबुक पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डाली गई अभद्र फोटो और उनके लिए की गई अभद्र टिप्पड़ी को लेकर हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने टिप्पड़ी करने वाले युवक के खिलाफ तहरीर दे दी। पुलिस ने भी कार्यवाही करते हुऐ फेसबुक पर अभद्र पोस्ट मामले में युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मुख्यमंत्री के फोटो पर पोस्ट करने फोटो को लाइक करने शेयर करने और कमेंट करने और उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है। आपको बता दे की हाथरस जिले की कोतवाली सादाबाद क्षेत्र में एक समुदाय के युवक ने अपनी फेसबुक आईडी पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फोटो से छेड़छाड़ करते हुए फोटो को अपनी फेसबुक पर पोस्ट किया है मुख्यमंत्री के फोटो पर पोस्ट करने वाले युवक द्वारा फोटो लाइक करने शेयर करने और कमेंट करने के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है। युवक द्वारा की गयी इस पोस्ट पर हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने मामले पर संज्ञान लेते हुए पोस्ट करने वाले युवक के खिलाफ एक तहरीर कोतवाली सादाबाद में दी है।
मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने मामले में तत्काल कार्यवाही करते हुए युवक के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकददमा दर्ज करते हुए फेसबुक पर पोस्ट करने वाले युवक को हिरासत में ले लिया हैं। https://www.youtube.com/watch?v=c2VIs69EpWE&feature=youtu.be
एबीवीपी के छात्र छात्राओं ने बीएचयू कुलपति के खिलाफ नारे बाजी कर प्रदर्शन किया
कानपुर नगर, स्वप्निल तिवारी। बीते दो दिन पहले बीएचयू में छात्राओं से छेड़छाड़ और उनके ऊपर बरसाई गयी लाठियों के बाद पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा गया है। हर तरफ प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है इस मामले को लेकर हर तरफ विभिन्न दलों के लोग अपना अपना विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं। वहीं आज बुधवार को नवाबगंज स्थित वीएसएसडी कालेज के एबीवीपी के छात्र छात्राओं ने बीएचयू में छात्राओं के साथ हुई बर्बरतापूर्ण हिंसा का जोरदार विरोध कर बीएचयू कुलपति के खिलाफ नारे बाजी कर प्रदर्शन किया। वहीं इस प्रदर्शन में छात्राओं ने भी हिस्सा लेकर जमकर नारेबाजी की।
यातायात नियमों के लिए किया गया जागरूक छात्राओं को दिलाई शपथ
कानपुर नगर, स्वप्निल तिवारी। एसएन सेन बालिका पीजी कॉलेज के तत्वाधान में पुलिस अधीक्षक यातायात सुशील कुमार के निर्देश पर छात्राओं को यातायात नियमों के लिए जागरुक किया गया और एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया छात्राओं को संगोष्ठी में संबोधित करते हुए टीएसआई शिव सिंह छोकर ने छात्राओं को यातायात नियमों की जानकारी दी यातायात संकेतों का ज्ञान कराया और बताया कि ट्रैफिक सिग्नल का अर्थ क्या होता है और वह कैसे चलते हैं कार्यक्रम के उपरांत सभी छात्राओं को यातायात नियमों के लिए शपथ दिलाई की सभी छात्राएं यातायात नियमों का पालन करेंगे कभी भी यातायात नियमों को नहीं तोड़ेगी।
और दूसरों को भी यातायात नियमों के लिए जागरूक करेंगे कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित टीएसआई शिव सिंह छोकर, डॉ प्रीति पांडे, ममता आदि लोग मौजूद रहे। छायाकार: नीरज राजपूत