Monday, November 25, 2024
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निपुण भारत से गुरु जी कैसे बदलेंगे स्कूल की तस्वीर जब स्वयं ही हैं उससे अंजान

कानपुर देहात। जनपद के परिषदीय स्कूल कैसे निपुण बनेंगे, जब शिक्षकों को ही इसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। निपुण भारत योजना से आज भी परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक अंजान हैं। विभाग के अधिकारियों द्वारा किए गए विभिन्न निरीक्षणों के दौरान प्रधानाध्यापक और शिक्षक निपुण भारत के बारें नहीं बता पाए। नई शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए पांच जुलाई 2021 को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने निपुण भारत कार्यक्रम की शुरुआत की। नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिसिएंसी इन रिडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमरेसी (निपुण) अर्थात संख्यात्मक ज्ञान के साथ, पठन में निपुणता के लिए राष्ट्रीय पहल है। निपुण भारत योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक के ज्ञान को छात्रों के तहत विकसित करना है। योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक छात्र को पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन हालात यह है कि जनपद के अधिकतर विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को निपुण भारत योजना की जानकारी तक नहीं है जबकि जनपद के सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में निपुण लक्ष्य वा निपुण सूची कक्षा 1 से 3 के लिए तथा निपुण तालिका कक्षा 1 से 8 के लिए विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
ऐसे बनाया जाएगा निपुण-
निपुण भारत योजना के तहत भाषा के साथ संख्यात्मक ज्ञान विकसित किया जाना है। स्कूल रेडीनेस प्रोग्राम व न्यूनतम शैक्षिक ज्ञान के लिए सप्ताह की गतिविधियां तय की गई हैं। गीत-कहानी और खेलकूद के माध्यम से उपचारात्मक शिक्षण, प्रिंटरिच सामग्री का प्रयोग, संचारी रोगों की रोकथाम के संबंध में जानकारी दी जाएगी। विद्यालयों में निपुण तालिका एवं निपुण सूची से भाषा एवं गणित का ज्ञान बढ़ाया जाएगा। इस बार कक्षा 1 से लेकर 5 तक भाषा और गणित की निपुण तालिका उपलब्ध कराई गई है जबकि कक्षा 6 से 8 के लिए हिंदी अंग्रेजी गणित विज्ञान और सामाजिक विषय की निपुण तालिका उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण देने की तैयारी भी की जा रही है। तीन स्तर पर होने वाले प्रशिक्षण में प्राथमिक कक्षाओं में कक्षा तीन तक के सभी बच्चों में पढ़ने-लिखने और संख्या ज्ञान, जोड़, घटना आदि का अपेक्षित ज्ञान दिया जाएगा।