नई दिल्ली। गुरूवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 2023 का आयोजन किया गया। समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह सच बताए। उन्होंने कहा कि मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह समाज को सच बताए चाहे वह पत्रकार हो, अखबारों से जुड़ा हो या संचार माध्यमों से जुड़े लोग हों। उन्होंने कहा कि अविश्वसनीय और गलत खबरों ने समाज में मीडिया के विश्वास को कम किया है।
उपराष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि मीडिया को राजनीति का हिस्सा या हितधारक नहीं होना चाहिए, मीडिया को लोकतंत्र की ताकत होना चाहिए, कमजोरी नहीं। मीडिया को राजनीतिक भागीदारी से बचना चाहिए ताकि प्रगतिशील मीडिया हमारे लोकतंत्र में सच्चाई और जवाब देही का प्रतीक बना रहे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि फेक न्यूज़ शब्द जितना आज सुना जा रहा है उतना इससे पहले कभी नहीं सुना गया। उन्होंने प्रेस काउंसिल आफ इंडिया से पेशेवर नैतिकता से समझौता करने वालों के खिलाफ कारवाई करने को भी कहा। उन्होंने कहा, “पीसीआई के लिये यह दाँत दिखाने का नहीं बल्कि काटने का समय है। उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिक्र करते हुए कहा कि मीडिया तकनीकी परिवर्तनो से और उनसे जुड़ी चुनौतियों से निपटने में हमेशा सक्षम रहा है, हाल की तकनीकी प्रगति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी जैसे नवाचारों ने नई चुनौतियां पेश की हैं, इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना होगा।
उपराष्ट्रपति ने मीडिया की कम होती विश्वसनीयता को सबसे बड़ी चुनौती बताया और सोशल मिडिया का भ्रामक खबरें फैलाने के उपयोग पर चिंता व्यक्त की।
वहीं इस अवसर पर उनके साथ केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, मत्स्य पशुपालन पालन एवं डेयरी राज्य मंत्री एलo मुरूगन, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य व सचिव नंगसंगलेम्बा ऑव उपस्थित रहे। उपराष्ट्रपति के पश्चात् केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सभा को सम्बोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि वह आशा करते हैं कि मीडिया तेजी से भूमिका निभाएगा। न केवल भारत को बदलने की कहानी बल्कि विभिन्न क्षेत्रों और सेक्टरों से अरबों आवाजों की आशाओं और आकांक्षाओं को उजागर करने में रचनात्मक भूमिका। उन्होंने कहा कि न्यूज़ रूम में समाचार और सामग्री संपादक की भूमिका को कभी भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा पूरी तरह से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि वर्षों के अनुभव, संदर्भ और निरीक्षण की बारीकियां जो एक संपादक लाता है, वह हमेशा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से एक कदम आगे होगी। वहीं प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के सदस्यों में श्याम सिंह पंवार, प्रकाश दुबे, सुमन गुप्ता, बलदेव राज गुप्ता, जयशंकर गुप्ता, गुरिन्दर सिंह समेत अन्य सदस्य व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। लोकतांत्रिक समाज में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस के महत्व का जश्न मनाने के लिए भारत में हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो देश में समाचार मीडिया के लिए एक नियामक संस्था के रूप में कार्य करती है।