फिरोजाबाद। गोपाल आश्रम में चल रही शिवमहापुराण कथा में आचार्य शिवदास राघवाचार्य ने संसार की उत्पत्ति किस प्रकार हुई उसका मनमोहक वर्णन किया।
उन्होने कहा कि भगवान शिव ने अंत और आरंभ के बारे में पता करने का कार्य दिया था। लेकिन विष्णु भगवान तपस्या में लग गए। ब्रहमा जी अपनी ऊर्जा और समय का व्यर्थ करने में लगे रहे। ब्रहमा जी और केतकी ने भगवान भोलेनाथ से झूठ बोला। झूठ बोलने पर भोलेनाथ ने क्रोधित होकर ब्रहमा जी और केतकी पुष्प को शार्प दे दिया। उन्होंने कहा कि ब्रहमा जी की किसी भी जगह पूजा नहीं होगी और ना ही कोई मंदिर होगा। वही केतकी पुष्प पूजा में वर्जित रहेगा। ब्रहमा जी ने भगवान भोलेनाथ से क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि पुष्कर में मात्र एक सरोवर में आपका मंदिर होगा तथा केतकी के पुष्पों के इत्र के बिना मेरी पूजा पूर्ण नहीं होगी। विष्णु जी की तपस्या से नीर की उत्पत्ति हुई। उन्होने सत्य को धारण कर लिया और सत्य नारायण कहलाएं। कथा में अमीर चंद्र भारद्वाज, मिथलेश भारद्वाज, विशाल भारद्वाज, अपूर्वा भारद्वाज, सुभाष चंद्र अग्रवाल, उर्मिला अग्रवाल, शोभित अग्रवाल, सौरभ सिंह, सीताराम शर्मा, एससी शर्मा, डॉ बीके अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, मुनीशानंदद गर्ग, गोविंद गर्ग, यजमान अलोक अग्रवाल, भावना अग्रवाल, शिशुपाल सिंह यादव, मधु यादव, रेनू गर्ग, राजेन्द्र कुमार गर्ग, प्रेमलता, वीरेन्द्र पाल सिंह, दीपक, दयाशंकर के अलावा अंकिता भारद्वाज आदि शिवभक्त मौजूद रहे।