पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी तेजी से संघर्ष करते हुए दिख रहे हैं, इसके साथ ही विपक्षियों द्वारा उनकी बिगाड़ी गई छवि को भी उन्होंने अब काफी हद तक सुधार ली है। अवगत हो कि उत्तर प्रदेश की वीवीआईपी सीट कहीं जाने वाली रायबरेली लोकसभा की सीट से पूर्व के चुनावों में सोनिया गांधी चार बार लगातार भारी मतों से जीतती रही हैं। परंतु जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सोनिया गांधी अब राज्यसभा सदस्य चुनी जा चुकी है, इसके बाद उन्होंने रायबरेली की इस लोकसभा सीट को अपने बेटे व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को जनसेवा के उद्देश्य से दे दी है। अपनी मां की कर्मभूमि को राहुल गांधी ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए विगत 3 मई को यहां से नामांकन भी दाखिल कर दिया है , परंतु ज्यादा देर वह रायबरेली की धरती पर टिक नहीं सके और अपने प्रतिनिधियों के भरोसे इस सीट का चुनाव छोड़कर दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए निकल गए।
यही एक बात जिले की जनता के मन में बार-बार खटक जाती है कि आखिर रायबरेली की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाला गांधी परिवार दिखाने के लिए नजदीक आने की कोशिश करता है, परंतु दूर जाने में भी उसे देर नहीं लगती। जनता के मन में अब भी सवाल है कि क्या देश के एक बड़े नेता के रूप में उभर रहे राहुल गांधी को यहां की सीट दी जाए या नहीं.? यदि वह जिले की लोकसभा सीट पर कामयाबी हासिल कर भी लेते हैं तो क्या वह जिले की जनता का प्रतिनिधित्व कर पाएंगे.?
क्योंकि जिले स्तर पर कांग्रेस पार्टी में कार्य कर रहे कुछ नेता और प्रभारी जनता की उम्मीद पर खरे नहीं उतर रहे हैं, उनका चेहरा देखते ही जनता का आत्मविश्वास ढह जाता है और वह पलट कर भी उन नेताओं को देखना पसंद नहीं करते। इस पर कांग्रेस पार्टी के उच्च पदाधिकारियों को विचार करने की जरूरत है।
गौर करने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि विगत 6 मई को कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी रायबरेली जिले के भुएमऊ गेस्ट हाउस पहुंचती हैं, कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करती हैं और अगले दिन से विधानसभा क्षेत्र में जनसभाएं और नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करती हैं, परंतु उनके द्वारा भी रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा की उपेक्षा की गई। उन्होंने रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान ऊंचाहार विधानसभा के लोगों का जिक्र तक नहीं किया और ना ही ऊंचाहार में कोई जनसभा की। गांधी परिवार से ऊंचाहार का भी नाता रहा है। ऊंचाहार की एनटीपीसी परियोजना गांधी परिवार की बड़ी सोंच की देन है। जिले में चुनावी यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी के महासचिव प्रियंका गांधी का ऊंचाहार विधानसभा में ना आना, यहां के लोगों को खटक रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं उनके इर्द-गिर्द घूमने वाले क्षेत्रीय व जिले स्तर के नेताओ ने उन्हें ऊंचाहार की याद नहीं दिलाई। फिलहाल इस कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अमेठी लोकसभा क्षेत्र में जनसभाएं कर रही हैं और अमेठी लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के एल शर्मा को जिताने के लिए जनता से अपील कर रही हैं। ऊंचाहार में एनटीपीसी परियोजना होने के बावजूद यह विधानसभा क्षेत्र आज भी विकास की बाट जोह रहा है। फिलहाल यहां के विकास की बागडोर कौन सा नेता संभालेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.?