पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। जिले के ऊंचाहार क्षेत्र में व्यवस्था और सुविधाओं के नाम पर चर्चित विद्यालय डीएवी पब्लिक स्कूल और चिन्मया विद्यालय में यहां के कुछेक अध्यापकों ने शिक्षा का व्यापार करना शुरू कर दिया है, जिसके कारण क्षेत्र में यह विद्यालय आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं। इसकी चर्चा यहां पढ़ने वाले बच्चे और उनके अभिभावक की जुबां पर है।
प्राइवेट विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा छात्रों का वृहत स्तर पर शोषण किया जा रहा है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में प्राइवेट विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा छात्रों पर कोचिंग के लिए भयानक दबाव बनाया जा रहा है और कोचिंग ना पढ़ने पर छात्रों को कक्षा में अपमानित व प्रताड़ित करते हुए उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया है कि एनटीपीसी आवासीय परिसर में स्थित चिन्मय विद्यालय व डीएवी स्कूल के अध्यापकों द्वारा बच्चों को कोचिंग पढ़ने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। ज्ञात हो कि उक्त विद्यालयों द्वारा अध्यापकों को कोचिंग पढ़ाने पर रोक है। किंतु अध्यापक बिना लाइसेंस के खुलेआम बच्चों को उनके परीक्षा परिणाम में देख लेने की धमकी देते हुए पढ़ा रहे हैं। जिसके कारण यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओ पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है और जबरदस्ती कोचिंग पढ़ने को मजबूर हैं।
विद्यालय परिसर में अधूरे मन से पढ़ाने वाले यह अध्यापक अपने निजी कोचिंग सेंटर में पूरे मन और तत्परता के पढ़ाते हैं। नाम न छापने की शर्त पर बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल की महंगी फीस देने के बावजूद कोचिंग की अतिरिक्त फीस देने के लिए कर्ज तक लेना पड़ रहा है। परंतु विद्यालय प्रबंधन इन सभी चर्चाओं को अपने से दूर करके रख रखा है, इसका मतलब यह भी है कि कहीं न कहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य की अध्यापकों को मंजूरी दी गई होगी जिसके कारण प्रधानाचार्य इन पर कार्यवाही करने से बच रहे हैं और ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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