Monday, November 25, 2024
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आरटीओ ऑफिस में भ्रष्टाचार का बोलबाला

-स्थानीय लोगों की भी खूब चलती है आरटीओं में दलाली
रायबरेलीः राहुल यादव। भाजपा की प्रदेश में सरकार बनते ही लोगों में यह आस जगी थी की शायद भाजपा सरकार में प्रदेश में भ्रष्टाचार पर अकुंश लगेगा। लेकिन ऐसा होता नहीं दिखायी दे रहा है। भाजपा शासनकाल में भी खुले आम रिश्वत खोरी, चरम पर है। रायबरेली में आरटीओ आफिस इसका जीता जागता उदाहरण है। सूबे के मुखिया लाख दावा करे की भ्रश्टाचार पर अंकुश लगाया जा रहा है भ्रश्टाचार रिश्वत खोरी बंद हो गयी है। तो उनके इस दावे को कितना महत्व दिया जा रहा है यह आरटीओ विभाग आपकों बता देगा। आरटीओ ऑफिस में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पा रहे है मुंख्यमंत्री। आरटीओं आफिस में कोई भी काम बगैर रिश्वत के नहीं होता है। चाहे वह काम कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो। वहॉ पर बाहरी दलालों का बोलबाला है उनकों न तो अधिकारी कुछ कहते है और न ही वहॉ के कर्मचारी। दलालों द्वारा आरटीओं आफिस फल फूल रहा है और दलाल भी अपनी रोटी सेक रहे है। वहीं जो काम सहजता से नहीं हो रहा हो वह काम दलालों के सम्पर्क में आने से आसान हो जाता है। वहीं स्थानीय लोगों की भी आरटीओं में खूब दलाली चल रही है। सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरटीओ में हर काम का पैसा निर्धारित है। गाडी के कागजात बनवाने से लेकर ट्रान्सफर तक और डीएल लरनिंग से लेकर कार्मशियल बनवाने तक का अलग-अलग चार्ज देना होता है। वहीं आरटीओं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी से अगर डारेक्टर सम्पर्क किया जाता है तो वह भी आदमी की हैसियत देखकर बात करते है अगर आदमी सोर्स सिफारिश वाला निकला तो काम को वरियता दी जाती है और सोर्स सिफारिश वाला नहीं है तो फिर उसको वहॉ का रेट बता दिया जाता है। सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि आरटीओ विभाग में तैनात कर्मचारी शासन स्तर पर मजबूत पकड़ बनाकर रखते है जिससे उनपर कोई आंच न आये। विभागीय कर्मचारियों की इस मिली भगत में कई जिम्मेदार अधिकारी शामिल रहते है। एआरटीओ द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों को खुली छूट मिली हुई है वहीं आरटीओ प्रशासन को भी इन सभी कामों में शामिल होना बताया गया है।