Sunday, November 24, 2024
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आॅपरेशन के लिए चाहिए थे 24 हजार मिले 10 हजार, मौत

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मृतक रमेश का फाइल फोटो

रूपयों के लिए तीन दिन से बैंक के चक्कर लगा रहा था मृतक शनिवार को भी बैंक गये लेकिन अवकाश होने से मिली मायूसी।
टूंडला, जन सामना संवाददाता। आॅपरेशन के लिए पीडित को 24 हजार रूपए चाहिए थे लेकिन उसके एवज में बमुश्किल बैंक से मात्र 10 हजार रूपए ही मिले। उसके बाद भी पीडित बैंक के चक्कर लगाता रहा लेकिन कैश नहीं मिला। आॅपरेशन न होने के कारण शनिवार रात्रि उनकी मौत हो गई।
थाना क्षेत्र के गांव ठार पीतमगढ उसायनी निवासी 52 वर्षीय रमेश पुत्र बालकिशन डाॅ. बीआर अंबेडकर विवि आगरा में बतौर प्राइवेट काम करते थे। इनके दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। इनमें से रमेश ने दो पुत्रियों की शादी कर दी थी जबकि तीसरी पुत्री शादी के योग्य है। जिसके लिए रमेश लडका देखने में लगे थे। वहीं रमेश ट्यूमर की बीमारी से पीडित थे। जिनका इलाज आगरा के निजी अस्पताल में चल रहा था। जहां डाक्टरों ने रमेश को शीघ्र ट्यूमर का आॅपरेशन कराने की सलाह दी थी। जिसके इलाज के लिए रमेश ने बाकी रूपयों का इंतजाम कर लिया था, बस 24 हजार रूपए कम पड रहे थे। जिसके लिए रमेश सात दिसंबर को नगर की भारतीय स्टेट बैंक जंक्शन शाखा पर अपने खाते से 24 हजार रूपए निकालने के लिए पहुंचे। शाखा प्रबंधक ने 24 की जगह 10 हजार देते हुए बाकी दो रकम के लिए दो दिन बाद आने को कहा। रमेश नौ दिसंबर को फिर बैंक पहुंचे। सुबह से लाइन में लगे-लगे शाम हो गई। तब कर्मचारियों ने बताया कि बैंक में कैश समाप्त हो गया है। ऐसे में फिर आने की बात कहते हुए टरका दिया। शनिवार को रमेश फिर बैंक पहुंचे लेकिन अवकाश होने के कारण वापस लौट आए। रात को उनकी तबियत अधिक खराब हो गई। इससे पहले कि परिजन उन्हें आगरा ले जाते उससे पहले ही उनकी मौत हो गई। परिजनों ने पिता की मौत के लिए बैंक कर्मचारियों को दोषी ठहराया है। परिजनों का कहना है कि यदि बैंक कर्मचारी उसी दिन उन्हें 24 हजार रूपए दे देते तो उनका आॅपरेशन हो जाता और उनकी जान बच जाती।