सीडीओ भटिण्डा के लिये डाकखाने में की थी रजिस्ट्री
अनसुलझा सवाल बनी यह बात-आखिर कैसे पहुंचे नाले तक?
रजिस्ट्री की पर्ची भी है परिजनों के पास-आज जायेंगे डाकघर
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। कितनी आश्चर्य भरी बात है कि जिन अरमानों को एक लिफाफे में संजोकर छात्र-छात्राओं ने डाकघर में रजिस्ट्री की थी कि शायद कल उनका भविष्य बन जायेगा, वह किसी नाले में बहते मिलेंगे। ऐसा ही हुआ है शहर फिरोजाबाद में थाना दक्षिण क्षेत्र भाऊ के नगला के पास कई छात्र-छात्राओं द्वारा सीडीओ भटिण्डा के लिये डाकघर से की गयी रजिस्ट्रियां नाले में बहती देखी गयीं। वहां किसी युवक ने बहते देखा तो नंबर देख फोन किया तो पता चला कि वह तो अभी पांच एक सप्ताह पहले की ही हैं, इस पर बहती रजिस्ट्रियों में से कुछ को निकाल लिया गया। अब सवाल यह उठता है कि डाकघर में दी गयीं रजिस्ट्रियां नाले तक कैसे पहुंची? खैर जो भी हो लेकिन इन छात्र-छात्राओं के अरमान तो पानी में बह ही गये, जिनकी यह रजिस्ट्रियां थीं।
बताते चलें कि रविवार दोपहर थाना दक्षिण क्षेत्र भाऊ के नगला बड़ा नाला में कई रजिस्ट्रियां बह रहीं थीं जिनको देख वहां से गुजरते युवक ने एक रजिस्ट्री पर लिखे नंबर से उस पर फोन किया तो पता चला कि एक सप्ताह पहले की गयीं रजिस्ट्रियां हैं। इस पर कुछ लिफाफे निकाल लिये गये। ये लिफाफे थाना लाइनपार क्षेत्र नगला विश्नू निवासी छोटेलाल इंटर काॅलेज के शिक्षक अव्वल सिंह के पुत्र रवि, यहीं के निवासी प्यारेलाल पुत्र धर्मेंद्र और आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र मेहरा निवासी सरिता पुत्री विजय सिंह के निकले। जिसके बारे में जानकारी देते हुये शिक्षक अव्वल सिंह ने बताया कि तीस दिसम्बर 2017 को उनके बेटे ने सीडीओ भटिण्डा के लिये यह रजिस्ट्री डाकघर द्वारा की थी जिसकी पर्ची भी उनके पास है। हमें क्या पता था कि यह रजिस्ट्री नाले में पहुंच जायेगी। ये सोचने वाली बात है कि डाकघर में की गयी रजिस्ट्री अपने पते पर न पहुंच नाले में बहती देखी गयीं, ये तो कुछेक निकाल ली गयी हैं बाकी उसमें तो कई एक पड़ी थीं। इसका जबाव तो कल (आज) डाकघर जाने के बाद ही मिलेगा। ये जो लापरवाही हुई है उससे कई छात्र-छात्राओं के अरमानों पर पानी फिर गया है।