-पड़ोसियों ने खिलाया कई दिन खाना
-नहीं बन सका आशियाना और न मिला इलाज
सासनीः जन सामना संवाददाता। सरकार भले ही देश और समाज से गरीबी हटाने के लिए अपनी पीठ थपथपा रही हो।मगर आज हमारे समाज में मुफलिसी में लाखों लोग अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं। जहां सरकार उनके विकास के लिए धन मुहैया कराती है। उसे संबधित विभाग के आला अफसर डकार जाते हैं। जिससे विकास का धन उन जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंचपाता जिन्हें बास्तव में जरूरत है। इसी जरूरत के चलते कस्बा के मोहल्ला जैनपुरी में रहने वाली शशि ने एक झोंपडी में गुरज बसर करत हुए ठंड में दम तोड दिया।
मृतका शशि के पडौसियों से मिली जानकारी के अनुसार सीकुर के रहने वाले हरपाल सिंह की मौत करीब दो वर्ष पूर्व हो गई थी। मगर उससे पूर्व वह गांव से अपने घर आदि को बेचकर सासनी आ गये थे। घर को बेचकर मिले रूपयों से जैनपुरी सासनी में उन्होंने एक 40 वर्गगज का प्लाट खरीद लिया। उसकी में एक झोंपडी डालकर रहने लगे। चूंकि हरपाल की तबियत अक्सर खराब रहती थी, तो उनकी पत्नी शशि विवाह शादी आदि कार्यक्रमों में पूडी आदि बेलकर तथा मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थी। शशि का बेटा मंदबुद्धि होने के कारण कोई काम नहीं कर सकता। पुत्री की किसी प्रकार शशि ने शादी कर दी। अब शशि अपने प्लाट में बनी झोंपडी में अपने दिन गुजार रही थी। उसने कई बार चेयरमैन तथा प्रशासनिक अधिकारियेां के चक्कर लगाए कि उसका मकान बन जाए और वह अपनी सही जिंदगी बसर कर सके। मगर प्रशासनिक अधिकारी कुंभकरण की नींद सोते रहे। उधर ठंड ने भी अपना प्रकोप शुरू कर दिया। अब शशि बीमार रहने लगी। यदा कदा उसके भाई जो सासनी में रहते हैं देख आते और दवा आदि दिला जाते। वहीं पडौसी भी उसकी मदद करने लगे। मगर अभी तक प्रशासनिक अधिकारियेां का कोई दिल नहीं पसीजा। और न ही इस ओर कोई ध्यान गया। गुरूवार की रात बीमारी से लड रही शशि की झोंपडे में ही ठिठुरकर मौत हो गई। इसकी जानकारी जब शशि के भाई एवं पडौसियों को हुई तो प्रशासनिक अधिकारियेां को सूचित किया। सूचना पाकर प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई। एसडीएम ने फौरन नगर पंचायत लिपिक नरेन्द्र रावत को वहां भेजा तो लिपिक ने भी लोगों को यह कहकर कि मृतका के शव और विलाप करते लोगों के फोटो उसे दे दिए जांए जिससे वह मृतका के पुत्र और पुत्री को कोई आर्थिक सहायता दिलाने की कार्रवाई कर सके अपना पल्ला झाड दिया। मगर जब लोगों ने एसडीएम अंजुम बी को इसके बारे में बताया तो उन्होंने फौरी कार्रवाई करते हुए लेखपाल को भेजा और जांच कराई। वहीं एसडीएम ने बताया कि लेखपाल और नगर पंचायत लिपिक को भेजकर उसकी जांच कराई है। हाल ही में कंबल वितरण के दौरान उसे कंबल दिया गया था। ठंड का प्रकोप तो है ही मगर महिला अकेली रहती थी, और काफी दिनेां से बीमार थी, उसकी मौत का कराण अकेला रहना है। सरकार से मिलने वाली योजनाओ का लाभ पहले भी उसे दिलया गया था। प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास और शौचालय के लिए उसका नाम पहले ही था जैसे ही बजट आएगा, शीध्र अति शीघ्र कार्रवाई कर उसके मंदबुद्धि पुत्र को मुहैया करा दिया जाएगा। फिलहल प्रशासन की ओर से राशन और पांच कंबल भिजवा दिए गये है। जिससे उसे कुछ राहत मिल सके। आगे भी सरकार से मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उसकी हर संभव मदद की जाएगी।