कानपुर, प्रियंका तिवारी। मनुष्य सहित सभी प्राणी मात्र का उद्भव और उसका जीवन प्रकृति और पर्यावरण पर आश्रित है, बावजूद मनुश्य ने अपने भौतिक विकास के लिए प्रकृति और पर्यावरण को नष्ट करने का कार्य किया है। उक्त विचार वीएसएसडी काॅलेज नवाब गंज में सृनात्मक लेखन कार्यशाला में पर्यावरण और विकास विषयर पर मुख्य अतिथि डा0 साधना सिंह ने व्यक्त किया।
स्वामी विवेकानन्द जयन्ती पर आयोजित इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विधार्थी परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने भी पार्यावरण के बिना नुकसान पहुंचाय विकास की बात कही थी। महाविधालय में प्राचार्या डा0 छाया जैन ने सृजनातमकता को शिक्षा का अनिवार्य अंग बताया। कार्यक्रम का संयोजन और ऋतम्भरा की मुख्य संपाद डा0 नीरू टण्डन ने छात्र-छात्राओं को सृजनात्मकता के टिप्स दिये। इस अवसर पर अंतरमहाविधालयीय स्तर की प्रतियोगिताये आयोजित की गयी। कार्यक्रम का संचालन डा0 राकेश शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में डा0 आनन्द शुक्ल, डा0 मनोज अवस्थी, डा0 अनीता सोनकर, डा0 आरपी प्रधान, डा0 मंजरी श्रीवास्तव, डा0 वीके वर्मा, डा0 मनीष दुबे आदि उपस्थित रहे।