लखनऊः जन सामना ब्यूरो। आज मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज, गोरखपुर की घटना के सम्बन्ध में गठित उच्च स्त्रीय जांच समिति द्वारा की गयी संस्तुतियों के संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक आयोजित की गयी, जिसमें, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सचिव, वित्त, विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा, महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। उक्त बैठक में उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा राजकीय मेडिकल कालेजों / संस्थानों में चिकित्सा व्यवस्था एवं अन्य आधारभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों / संस्थानों में व्यापक सुधार हेतु मुख्य सचिव द्वारा दिये गये सुझावों के क्रियान्यवयन हेतु प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा द्वारा सम्बन्धित विषय विशेषज्ञों की अध्यक्षता में 10 कमेटियों का गठन किया गया। उक्त कमेटियों द्वारा चिकित्सा व्यवस्था में सुधार एवं मेडिकल कालेजों में उच्च स्तरीय चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु विभिन्न सुझाव दिये। कमेटियों द्वारा दिये गये सुझावों के क्रम में स्ट्रेटजी सेल का गठन, मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में नियमित इन्फेक्शन प्रिवेन्शन प्रोटोकाल को लागू करना, हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन हेतु अलग से काडर गठित करना, एन0आई0सी0यू0 / पी0आई0सी0यू0 / एस0आई0सी0यू0 का उच्चीकरण करना आदि का क्रियान्यवयन समुचित रूप से किया जा रहा है।
विगत 13 दिसम्बर, 2017 को सम्पन्न हुयी बैठक में मुख्य सचिव द्वारा बालरोग विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सा शिक्षकोंध्स्टाफ नर्सों को एफ0बी0एन0सी0 प्रशिक्षण दिलाये जाने के निर्देश दिये गये थे। उक्त के क्रम में विभिन्न मेडिकल कालेजों के बालरोग विभाग के 10 चिकित्सा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा मार्च 2018 तक 16 चिकित्सा शिक्षकों व 32 स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त मेडिकल कालेजों में विघुत सुरक्षा एवं अग्नि सुरक्षा तथा जीर्णोद्धार हेतु बजट का प्राविधान कराया जा रहा है।
डा0 माला कुमार, आचार्य बालरोग विभाग, के0जी0एम0यू0, लखनऊ द्वारा जिला चिकित्सालय / सी0एच0सी0 / पी0एच0सी0 के उच्चीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे वंहा पर उपचार हेतु आने वाले रोगियों को प्रारम्भिक स्तर पर ही समुचित उपचार प्राप्त हो सके।
बैठक में मुख्य सचिव ने मेडिकल कालेजों में उपचार हेतु आने वाले रोगियांे के रिफरेल सिस्टम को मजबूत करने के निर्देश दिये जिससे कि प्रारम्भिक स्तर के रोगियों का उपचार जिला चिकित्सालय / सी0एच0सी0 / पी0एच0सी0 पर तथा मेडिकल कालेज में गम्भीर रोगियों का उपचार किया जा सके। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को मेडिकल कालेजों में हो रहे व्यापक सुधारों का साप्ताहिक अनुश्रवण किये जाने के भी निर्देश दिये।
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