हाथरस, नीरज चक्रपाणि। हाथरस ब्लाॅक के गांव एहवरन पुर में गंगा नहर की पटरी कटने से हजारों बीघा फसल जल मग्न हो गयी। किसानों का कहना है कि हजारों बीघा आलू और गेंहू पूरी तरह पानी में डूब कर बरबाद हो गया। नहर कटान की सूचना पर आधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंच नहर की पटरी की मरम्मत शुरू कर दी है। गंगा नहर की पटरी कटने की सूचना के कई घण्टों बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने जेसीबी मशीनों की मदद से नहर की पटरी पर मरम्मत शुरू करा दी है। किसानों का कहना है कि ये कोई पहली बार नहर का कटान नही है यहंा अक्सर अधिकारियों की लापरवाही से किसानों को इसका खामियाजा उठाना पड़ता है। सुबह सूचना पर यदि अधिकारी समय से आते तो हजारों बीघा फसल बरबाद होने से बचाई जा सकती थी। नहर की पटरी के कटने की सूचना पर अपनी फसल को निहारने पहुंची निर्मला देवी का कहना है कि उनका खेत नही है पर उन्होंने किसान से खेत को भाड़े पर लेकर इसमे आलू और गेंहू की फसल की थी जो पूरी तरह बरबाद हो गयी है। खेत भाड़े पर लेने वाले पीडितों का कहना है कि किसानों के साथ सबसे अधिक फर्क हम पर पड़ा है जिन्हे साल भर का खेत का भाड़ा भी देना पड़ेगा, उनके द्वारा फसल में लगी लाखों की रकम पूरी तरह नष्ट हो गयी। सरकार के द्वारा दिया जाने वाला अनुदान भी किसान के खाते में ही जायेगा। निर्मला देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। उनका कहना है कि अब हमारी बरबादी की ओर सरकार ध्यान दे क्या मदद करेगी इसे देख रहे है।
बाकी पर खेती लेने वाली किसान गंगा नहर पटरी कटने की सूचना मिलने पर उपजिलाधिकारी अरूण कुमार मौके पर पहुंच गये और फोन के जरिये सिचाई विभाग के अधिकारियों को नहर की पटरी कटने की सूचना सुबह 6 बजे दी थी अभी चार जेसीबी की मशीन मंगा ली है। जिनसे पटरी को जोड़ने का काम चल रहा है।