कानपुर, स्वप्निल तिवारी। योगीराज में गुंडाराज! हम बात रहे हैं घंटाघर चौराहे की जहां सुबह यातायात निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह जाम की सूचना पर घंटाघर पहुंचे चैराहा जाम से खाली करवाने के लिए यातायात निरीक्षक ने ठेला ठीलिया वालों को हटाना शुरू किया जिसमें कानपुर सेंट्रल के बाहर होटल के सामने कुछ गाड़ियां खड़ी थी। जिसको हटाने के लिए टीएसआई और सिपाहियों ने काफी आवाज दी और कोई नहीं आया तब कहा गया कि क्रेन को बुलाकर गाड़ी उसको तब होटल संचालक पदम पत गुप्ता बाहर आया उसके साथ उसका लड़का सक्षम गुप्ता दोनों बाहर आए और अपनी गाड़ी हटाने लगे। जब सिपाहियों ने कहा कितनी देर से बुला रहे सुनाई नहीं दे रहा है रोड पर गाड़ी क्यों खड़ी किए तो होटल संचालक कहने लगा रोड पर गाड़ी खड़ी करने का क्षेत्रीय थाने को पैसा देते हैं जब पैसा देंगे तो सुविधा भी लेंगे जिसमें यातायात पुलिस से बहस बाजी होने लगी। उसी समय राहगीर संजय तिवारी निकल रहा था जो इस वाक्या को काफी देर से देख रहा था उसने होटल संचालक से कहा कि एक तो गलत करते हो ऊपर से बदतमीजी करते हो तो होटल संचालक पदम पत गुप्ता सक्षम गुप्ता और अन्य साथी पुलिस को छोड़कर संजय तिवारी के ऊपर आग बबूला हो गए और कहने लगे नेतागिरी करता है। गंदी गंदी गालियां देने लगे और देख लेने की धमकी देने लगे और कहा कि जिससे जाकर कहना है कह दो। हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है। थाने में हमारी अच्छी सैटिंग है तभी तो गाडियां रोड पर खड़ी करके होटल चला रहे और सरकार भी हमारी है। कोई कुछ नहीं कर सकता है जिसके बाद भागकर संजय तिवारी ने यातायात निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह से शिकायत की। दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि जिसे शिकायत है। उसके खिलाफ एप्लीकेशन लिखकर दीजिए। अभी कार्यवाही होती है। पीड़ित ने दबंग होटल संचालक के खिलाफ एप्लीकेशन लिख कर दी लेकिन वही तब तक क्षेत्रीय भाजपा नेता और क्षेत्रीय पुलिस मिलकर दबाव बनाने लगे पीड़ित के ऊपर और कहा कि समझौता कर लो तो अच्छा रहेगा वरना….। अब सवाल यह उठता है कि जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं और कहते हैं या तो अपराधी जेल में चले जाएं या यूपी छोड़कर चले जाए। जब शहर में कानपुर सेंट्रल से निकलते ही यह हाल है दबंग होटल संचालक का और खुली सड़क पर धमकी देते दिखाई दिया कि मेरा पुलिस कुछ नहीं कर सकती है। पीड़ित एप्लीकेशन लिख कर भी दे रहा है और पुलिस कार्यवाही करने के बजाए समझौता कराने लगी है। क्या इस तरह से कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होगी ऐसे में तो भगवान ही मालिक है राम जाने शहर का क्या होगा?