कानपुरः जन सामना ब्यूरो। बिगत दिनों संतोष गौतम (27) पुत्र कन्हैया लाल निवासी मकान नम्बर 60 उस्मानपुर गांव, थाना नौबस्ता की लाश रामनिहालपुर, थाना क्षेत्र ग्वालटोली क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे एक गड्ढे में मिली थी। घटना की जानकारी होने पर मृतक के माँ-बाप घटना स्थल पर पहुंचे थे और उनको मिली जानकारी के मुताबिक आसपास के लोगों ने मृतक से झगड़ा होते देखा था उसी आधार पर और मृतक संतोष के साथियों जोकि उसको साथ लेकर घर से आये थे उनके चाल चलन को समझते हुये मौके पर मौजूद पुलिस को बताया था कि आकाश राजपूत, संदीप ठाकुर और अर्पित सिंह उर्फ बिट्टू निवासी मकान नम्बर 108 एमआईजी उस्मानपुर ने उनके पुत्र की हत्या की साजिश रचकर ही उसको बहाने से यहां लाये होंगे क्योंकि आज की घटना से पहले भी उपरोक्त तीनों ने उस्मानपुर में मृतक संतोष को धमकी देते हुये कहा था तुम चमार जाति के हो अवकात में रहो वर्ना किसी दिन मरे मिलोगे। इस बात की चर्चा भी मृतक ने घर पर की थी किन्तु तब बात को गम्भीरता से न लेकर नशेबाजी समझकर टाल दी थी। मृतक की माँ ने बताया कि उनके पति कन्हैया लाल ने उपरोक्त तीनों लड़को और उनके तीन अन्य अज्ञात साथियों के खिलाफ अपने पुत्र संतोष गौतम की हत्या की साजिश रचने और हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराने हेतु थाना ग्वालटोली के थानाध्यक्ष को तहरीर दी थी किन्तु आजतक पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया और न हीं मृतक का मोबाइल फोन जो गायब है उसकी सीडीआर भी निकलवाई जबकि संतोष की मृत्यु के बाद भी उसका नम्बर डायल करने पर घण्टी जा रही थी।
कयास है कि एक गरीब दलित समाज के जवान बेटे की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है और पुलिस प्रशासन घटना को दबाने की कोशिश कर रहा है । हत्यारों का पता ना लगाना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निसान लगा रहा है क्यों कि हत्यारों के बारे में कोई सुराग नहीं लगाया जा रहा है। वहीं मृतक के परिजनों की मानें तो संदीप ठाकुर और अर्पित सिंह उर्फ बिट्टू उनके घर जाकर पुलिस में पैरवी ना करने का दबाव बना रहे हैं । मृतक संतोष के माँ बाप एक तरफ तो जवान बेटे की इस तरह रहस्यमय मृत्यु से सदमें हैं। मृतक का परिवार मेहनत मजदूरी करके जीवनयापन कर रहा है। इस मामले का मुकदमा नहीं लिखा जाना भी पुलिस प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह है। मृतक के मामा अजय ने यह भी बताया कि पहले पुलिस कुछ छानबीन करती दिखी किन्तु एकाएक एकदम निष्क्रिय हो गई। अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक ग्वालटोली थानाध्यक्ष ने बयान दे दिया था कि कोई तहरीर नहीं मिली जबकि मृतक के पिता का कहना है कि हमने तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।