Monday, November 25, 2024
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भूमाफियाओं ने कर लिया सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा

राहुल तिवारी/ डाॅ. एस. बी. एस. चौहानः चकरनगर, इटावा। तहसील प्रशासन ही स्थानीय भूमाफियाओं से सांठगांठ कर मानो सरकारी अर्ध सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करवाने में जुटा हुआ है जिसके एक नहीं बहुतेरे जीते- जागते उदाहरण प्रस्तुत किए जा सकते हैं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार तहसील क्षेत्र चकरनगर के नाक तले ही करीब 6 एकड़ फायर ब्रिगेड की बैनामा शुदा भू-खंड पर अवैध कब्जा बना हुआ है। इस अवैध कब्जे को हटवाने के लिए पूर्व तहसीलदार सुधीर कुमार समर्पण ने अपनी पूरी ताकत झोंक कर इस जगह को बेदखल करने के लिए भरसक प्रयास किए, लेकिन वर्तमान का तहसील प्रशासन इस समय इन भूमाफियाओं के चंगुल में फँसा हुआ दिखाई दे रहा है जिसके चलते दादरा ग्राम पंचायत का मजरा नगला चैप जो सिंडौस-लखना रोड के किनारे लगभग 6 एकड़ भू-खंड है जो ददरा पंचायत के द्वारा फायर ब्रिगेड के लिए बैनामा शुदा है उस भू-खंड पर अवैध कब्जा चल रहा है जिस पर गेहूं वो दिए गए थे और वह गेहूं आज कटने की स्थिति पर आ गए हैं लेकिन गांधारी पट्टी बांधे बैठे तहसील प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी जिन्हें सब कुछ भान होते हुए भी कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं है और उस बेशकीमती भू-खंड पर भू माफियाओं का कब्जा बरकरार है। उधर नवादा खुर्द कला जूनियर हाई स्कूल वित्त पोषित विद्यालय की लगभग 26 एकड़ भूमि जिस पर भूमाफियाओं का कब्जा बताया जा रहा है जबकि इस जमीन का लगानध् टैक्स विद्यालय प्रबंधन समिति दे रही है लेकिन इस भूमि का विद्यालय को कोई लाभ नहीं दिखाई दे रहा है सिर्फ यह जमीन विद्यालय के खाते में है। इसी की सजा में विद्यालय से लगान वसूला जा रहा है। इस पर कब्जा किन्ही दबंग लोगों का है 70-80 बीघा जमीन जो ग्राम पंचायत नवादा खुर्द कलां की है उस पर भी भूमाफियाओं के कब्जे बदस्तूर कायम है किसी भी प्रकार से कोई भी बेदखल आज तक नहीं किया गया जिसके लिए शासन और प्रशासन को कई बार लिखा-पढ़ी की गई लेकिन भूमाफियाओं के कब्जे आज भी बदस्तूर कायम है। कन्या पाठशाला सहसों जहां पर विद्यालय की इमारत बनी हुई है जिसके लिए मीडिया के द्वारा शासन-प्रशासन से लेकर हाई कोर्ट तक कार्यवाहियां की गई लेकिन प्रशासन के द्वारा आज भी उस विद्यालय को दबंगों के कब्जे से मुक्ति नहीं दिलाई गई इस विद्यालय पर कब्जा दबंगों का आज भी बदस्तूर कायम है। तहसील प्रशासन कुछ भी कर पाने में अपनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है और यह सब कुछ ‘अंधे पीसे कुत्ते खाएं’ वाली कहावत चरितार्थ होती है सरकार जहां एक तरफ दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने हेतु लाख प्रयास कर रही है वहीं हमारे जिला अधिकारी इटावा भी कार्यक्रम के तहत दिन और रात अपना पसीना बहाकर कार्यवाही को सक्षमता से लागू करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहीं हैं लेकिन उनके अधीनस्थ कर्मचारी और अधिकारी उनके आदेशों को ताक में रखकर मानो धन पैदा करने में लगे हुए हों? ऐसा प्रतीत हो रहा है। ग्राम सभा गौहनी के बीचो-बीच एक पोखरा जिसे तालाब कहा जाता है जो गांव बसने से पूर्व का अंदाज लगाया जाता है कि यह तालाब पूर्व में भी था और आज भी उस के निशानात मौजूद हैं लेकिन वह निशानात मिटाने के लिए कब्जेदार चारों तरफ से कूड़ा करकट डालकर मिटाने में लगे हुए हैं इस संबंध में तहसील प्रशासन के वरिष्ठअधिकारी तहसीलदार मजिस्ट्रेट पवन पाठक को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रमाण सहित उस समय सूचना दे दी गई जिस पर गांव के ही एक दवंग द्वारा पोखरा के मुहंड पर तोई, कचड़ा डालकर बंद कर दिया गया है। इस शिकायत पर श्री पाठक ने मामले को पूर्ण संज्ञान में लेते हुए विपक्षी के खिलाफ मुकदमा कायम करने का आश्वासन दिया लेकिन इस आश्वासन के बाद आज तक उस निशानदेही मिटाने वाले अपराधी पर कार्यवाही के लिए स्थलीय निरीक्षण तक न तो खुद करने आए और ना ही किसी कर्मचारी को भेजा। आज सदियों से स्थापित इस तालाब को नेस्तनाबूत करने के लिए लोगों का मंसूबा चरम सीमा पर है चारों तरफ से कूड़ा करकट डालकर उसे बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों के स्थाई कब्जे भी बने हुए हैं। तहसील प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इस तालाब से संबंधित शिकायत को वरिष्ठ अधिकारियों तक भेज दिया गया है लेकिन अब देखना यह है कि इस तालाब पर भी क्या सकारात्मक कार्यवाही रंग लाती है।