Tuesday, November 26, 2024
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सीएसजेएम के चीफ प्राॅक्टर का अजब फरमानः परिसर में नहीं चलेगी बुलेट मोटर साइकिल

कानपुरः जन सामना ब्यूरो। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय परिसर में बुलेट मोटरसाइकिल की सवारी पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है, जबकि अन्य दुपहिया वाहन, कार, बस आदि सब निर्बाध गति से दौड़ेंगे। बुलेट पर प्रतिबन्ध का कारण गाड़ी की अधिक ध्वनि होना बताया गया है। बुलेट मोटरसाइकिल के डीलरों ने इसे पूरी तरह से गैर कानूनी कदम बताया है। डीलरों के अनुसार कम्पनी के साइलेंसर युक्त नए माॅडल की बुलेट मोटर साइकिल ध्वनि प्रदूषण के मानकों पर पूरी तरह से खरी उतरती है, बशर्ते उनमें बाजार के साइलेंसर न लगवाए जाएँ।
विश्वविद्यालय के चीफ प्राॅक्टर डाॅ0 नीरज सिंह ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में बुलेट मोटरसाइकिल को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। अब बुलेट से आने वाले छात्रों तथा अन्य लोगों को अपना वाहन गेट पर खड़ा करके पैदल ही अन्दर जाना पड़ता है। शनिवार को स्वतन्त्र पत्रकार डाॅ0 दीपकुमार शुक्ल को भी बाहर रोक दिया गया। उन्हें अपनी बुलेट मोटरसाइकिल बाहर खड़ी करके पैदल ही अन्दर जाना पड़ा। चीफ प्राॅक्टर का कहना है कि बुलेट मोटरसाइकिलें अन्य दुपहिया वाहनों की तुलना में बहुत अधिक ध्वनि करती हैं तथा भारी गाड़ी होने के कारण इनसे दुर्घटनाएँ भी बहुत ज्यादा होती हैं, हालाकि डाॅ0 सिंह इस बात का कोई सही साक्ष्य नहीं दे पाये कि अन्य मोटरसाइकिलें बुलेट की अपेक्षा अधिक सुरक्षित कैसे और क्यों हैं? जबकि बुलेट चालकों की माने तो यह मोटरसाइकिल बैलेंस के मामले में सबसे अधिक अच्छी होती है। इसलिए इससे दुर्घटना की संभावना अन्य दुपहिया वाहनों की अपेक्षा काफी कम रहती है। डाॅ0 नीरज सिंह ने इतना अवश्य जोड़ा कि विश्वविद्यालय परिसर में बुलेट से आने वाले छात्र इन गाड़ियों को बहुत तेज दौड़ाते हैं। इससे उनकी तेज ध्वनि से कक्षा में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है। ऐसे छात्र-छात्राओं की शिकायत पर ही यह कदम उठाया गया है। कानपुर शहर में बुलेट मोटरसाइकिल के दो प्रमुख डीलर हैं। सरीन मोटर्स रामबाग और एसएस आॅटोमोबाइल साकेत नगर, इन दोनों ने ही चीफ प्राॅक्टर के इस आदेश को गैर कानूनी बताते हुए कहा कि राॅयल एनफील्ड द्वारा बनायी जा रहीं नए माॅडल की गाड़ियाँ ध्वनि तथा वायु प्रदूषण के मानकों पर पूरी तरह से खरी उतरती हैं। कम्पनी से गाड़ी के साथ लगकर आ रहे साइलेंसर से इतनी अधिक आवाज नहीं होती है कि उससे किसी को परेशानी हो, हाँ, जो लोग अधिक आवाज के चक्कर में कम्पनी का साइलेंसर हटवाकर बाजार से खरीदकर दूसरा साइलेंसर लगवा लेते हैं, उनकी गाड़ियों की ध्वनि कुछ अधिक हो जाती है। ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करना उचित है। आरटीओ तथा पुलिस को भी ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन इसके लिए सभी बुलेट मोटरसाइकिलों को प्रतिबंधित कर देना पूरी तरह से अनुचित है। डीलरों ने यह भी कहा कि यदि अन्य दुपहिया वाहनों को छोड़कर केवल बुलेट मोटरसाइकलों को इसी तरह से सब जगह प्रतिबंधित किया जाने लगेगा तब तो कोई भी हमारी गाडियाँ खरीदेगा ही नहीं। मानकयुक्त और मनकरहित बुलेट मोटरसाइकिल का अन्तर करके ही कोई भी कार्रवाई की जानी चाहिए।