कानपुर। कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहू जी महाराज को ‘राजर्षि’ पद दिये जाने के शताब्दी समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में मुख्य अतिथि के रूप रहना था किन्तु अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण कार्यक्रम में नहीं आ सके किन्तु उन्होंने अपना एक वीडियो संदेश भेजकर कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में न पहुंचने का मुझे बहुत दुःख है। मैं स्वयं कोल्हापुर से हूँ इस लिये मुझे छत्रपति शाहू जी महाराज के विचारों एवं राजघराने से बहुत लगाव है। उन्होंने एक समाज का नेतृत्व नहीं किया बल्कि सर्वसमाज के उत्थान के लिए बड़े बड़े काम किये छत्रपति शाहू जी महाराज हजारों हजार साल तक समाज को दिये गए अपने योगदान के लिए याद किये जाएंगे। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के प्रेक्षागार में आयोजित कार्यक्रम को मुख्यवक्ता महाराष्ट्र से आये हुये मशहूर साहित्यकार डॉ0 सुनील कुमार लावटे ने अपने सम्बोधन में बताया कि जब कोई राजा अपने अनुभव और समाज के प्रति किये गये अपने उन्नतिशील कार्यों से ऋषि पद के योग्य बन जाता है तो उसे राजर्षि की उपाधि से सम्मानित किया जाता था। छत्रपति शाहू जी महाराज को ‘राजर्षि’ सम्मान से सौ वर्षों पूर्व इसी कानपुर के फूलबाग में 21 अप्रैल 1919 को अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महासभा के 13वें राष्ट्रीय अधिवेशन में सम्मानित किया गया था। सी एस जे एम यू की कुलपति प्रो0 नीलिमा गुप्ता ने यह गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय का नाम छत्रपति शाहू जी के नाम से है।
पं दीनदयाल उपाध्याय शोध केन्द्र के निदेशक डॉ0 श्याम बाबू गुप्ता, अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री विजय सिंह निरंजन पूर्व प्रमुख सचिव उच्चशिक्षा मध्यप्रदेश, छत्रपति शाहू जी महाराज स्मृति मंच के अध्यक्ष रामचंद्र पटेल, रजिस्ट्रार डॉ0 विनोद सिंह, डॉ0 प्रवीण कटियार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में प्रो0 नीलिमा गुप्ता कुलपति ने अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री विजय सिंह निरंजन पूर्व आई0ए0एस0 को एवं डॉ0सुनील लावटे साहित्यकार को स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महासभा कानपुर के जिला अध्यक्ष डॉ0 अनिल कटियार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष व जिलामंत्री भाजपा संजय कटियार, प्रदीप कटियार, विनय पटेल, सुरेश सचान, कैलाश उमराव, अजीत सचान, पवन पटेल और दीपक गंगवार आदि उपस्थित रहे।