कानपुर, जन सामना संवाददाता। दीपावली का त्यौहार आते ही बाजारों में आतिशबाजी की दुकानों पर लोगों की भीड़ कितने लगती है लेकिन इस बार महंगाई की मार को पटाखा बाज़ार भी झेल रहा है। 50 सालों से आतिशबाजी का व्यापार कर रहे पटाका व्यापारी प्रेम कुमार गुप्ता ने बताया कि इस बार 20 परसेंट महंगाई आतिशबाजी में बढ़ी हुई है। जिसका असर भी बाजार पर दिख रहा है। लोग सिर्फ काम चलाने के लिए आतिशबाजी खरीद रहे हैं। इस बार सीको 8 से 12 रुपए, राकेट 150 ₹300, बम 10 रुपए से ₹50, चकरी ₹5 से ₹30, अनार ₹80 से 450 रुपए, मिर्ची ₹20 से 2500 रुपए, जानेमन 150 से ₹2500 कुछ इस प्रकार से आतिशबाजी के रेट रहे बाजार में। देश भर में प्रदूषण की वजह से लोग व सरकारें फिक्रमंद रहती है। खास कर जब दिवाली के बाद अचानक से वायू प्रदूषण में इजाफा हो जाता है। लेकिन इस साल पटाखों के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी है। इस दिवाली बाजारों में इको फ्रेन्डली पटाखें बिक रहें है। कानपुर शहर के पटाखा बजार मे इको फ्रेन्डली पटाखें खासी संख्या में दिखाई दे रहें है। दुकानदारों की माने तो इन पटाखों मे प्रदूषण बेहद कम होगी। इनमें केमिकल की मात्रा भी कमी है। वहीं लोगों को आसमान में जा कर फटने वाले पटाखे ज्यादा पसंद आ रहे हैं। जिससे प्रदूषण कम होगा। वहीं धुंआ भी कम होगा। ग्राहक भी पटाखा बाजार मे इको फ्रेन्डली पटाखों को पसंद कर रहें है।