विकासखंड भगवतपुर में ब्लॉक के महज तीन कमरे जिनकी सफाई के लिए दो सफाई कर्मी नियुक्त किए गए हैं।
प्रयागराज, वी. डी. पाण्डेय। विकासखंड भगवतपुर उत्तर प्रदेश का नवनिर्मित ब्लॉक है। जहां ब्लॉक के लिए अभी अपनी सरकारी इमारत ना होने के कारण ग्राम पंचायत में ही अस्थाई तौर पर ब्लॉक के कार्य किए जा रहे हैं। जहां सप्ताह में एक दिन गुरूवार को ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी बैठते हैं। वहां मात्र तीन कमरे ही बने है लेकिन अपने चहेते सफाई कर्मियों को महज खानापूर्ति करने के लिए ब्लॉक में रख दिया गया है। यह सफाई कर्मी आकर ब्लॉक में ही बैठे रहते हैं और अधिकारियों की आव भगत में लगे रहते हैं। उसी का फल उन्हें मिल रहा है की उन्हें गांव की सफाई करने की जिम्मेदारी से बाहर रखा गया। इस बाबत जब उच्चाधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने गोल मोल जवाब देते हुए बताया कि इन्हीं कर्मचारियों से गांव की सफाई भी कराई जाएगी लेकिन महीनों बीत जाने के बाद आज तक यह सफाई कर्मी कभी भी गांव के किसी कोने में सफाई के लिए नहीं गए।
आज नवनिर्मित ब्लॉक भगवतपुर में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। गांव के चारों तरफ नालियों में गंदगी पटी पड़ी है और सड़कें कीचड़ युक्त हैं। जिनसे होकर चलना ग्रामीणों के लिए जान जोखिम में डालने जैसा है। ग्रामीणों की माने तो हर रोज कोई वृद्ध, महिला या कोई मासूम इन रास्तों में गिरता है और चोट खाता है। लेकिन ब्लॉक के जिम्मेदारों को फुर्सत कहां कि वह साहब कम से कम ब्लॉक स्थित गांव का जायजा तो ले ले कि गांव का हाल क्या है, नालियां कैसी हैं और सड़के कैसी हैं। विकास हुआ कि नहीं गरीब को उसके अधिकार मिले कि नहीं लेकिन साहब तो कार्यालय में आकर कागज के घोड़े दौड़ाने में लगे रहते हैं जो वास्तविकता से कोसों दूर है।
आपको बता दें भगवतपुर एक ग्राम पंचायत हुआ करती थी लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह जो वर्तमान में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता भी हैं। कैबिनेट मंत्री और शहर पश्चिमी विधानसभा के विधानसभा सदस्य होने के नाते उन्होंने जो जनता से वादे किए थे उसको निभाने में पूरी शिद्दत के साथ लगे रहे। जिसका परिणाम यह हुआ कि 50 किलोमीटर दूर ब्लॉक जाने वाले लोगों को उन्होंने एक बहुत बड़ा तोहफा देते हुए भगवतपुर को विकास खंड का दर्जा दिलाया और भगवतपुर के विकास के लिए जोरदारी से लगे हैं। लेकिन ब्लॉक स्तर अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और भ्रष्ट नीतियों के कारण भगवतपुर गंदगी के अंबार में दब सा गया है। चारों ओर गंदगी ही गंदगी है। स्वच्छ भारत मिशन महज छलावा साबित हो रहा है। इन गंदगियों की वजह से तमाम बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया फैल रही है। इन्हीं गंदी नालियों में डेंगू, मलेरिया और फाइलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं, ना यहां कोई सफाई हो रही है और ना ही यहां किसी तरह के छिड़काव ही कराए जा रहे हैं। जिससे आम जनमानस में काफी नाराजगी है लेकिन आम नागरिक की सुनता ही कौन है। यहां तो बस साहब गोल-मोल घुमाते रहते हैं। अब देखना यह है कि क्या भगवतपुर की गंदगी दूर होती है या यूं ही सफाई कर्मी ब्लॉक में बैठकर मस्ती करते रहेंगे।