हर जनमानस को मानसिक विकारो के प्रति किया जा रहा जागरूक
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज की टीम ने “चाय पर चर्चा” एक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जिला महिला चिकित्सालय डफरिनप्रयागराज में सफलतापूर्वक किया गया।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम, डॉ वीके मिश्रा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी एवं डॉ वीके सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय, प्रयागराज के नेतृत्व में “चाय पर चर्चा:एक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य चाय के साथ लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता प्रदान करना था।
चाय व्यक्ति के हर सुख दुख का साथी है और व्यक्ति की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज की टीम ने चाय के साथ मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करना बहुत महत्वपूर्ण समझा ताकि लोगों का ध्यान चाय के बहाने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी हो रही परेशानियों व सरकार की चलाई जा रही सुविधाओ के बारे में जानकारी के प्रति आकर्षित कर पाए| मानसिक परेशानियों के बारे में समाज में आज भी लोग बोलने से हिचकते हैं, घबराते हैं और इन परेशानियों को स्वीकार भी नहीं करते! “चाय पर चर्चा” कार्यक्रम के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने लोगों को बताया जिस तरीके से शरीर में हो रही परेशानियों के लिए संबंधित फिजिशियन के पास में जाते हैं उसी तरीके से मानसिक स्वास्थ्य में हो रही परेशानियों को लेकर के सजग होने का समय आ गया है और बेहिचक काल्विन अस्पताल में कमरा नंबर 13 में निशुल्क मनोचिकित्सीय परामर्श, मनोवैज्ञानिक जांच व नि:शुल्क दवाइयों का लाभ उठाएं।
यह कार्यक्रम जिला महिला चिकित्सालय डफरिन कि अधीक्षक डॉक्टर मनीषा द्विवेदी ने टीम का भरपूर सहयोग किया। साथ ही चिकित्सालय में मौजूद महिलाओं ने शिविर में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं अपनी परेशानियों को साझा किया। चिकित्सालय में मौजूद 33 वर्षीय महिला ने बताया उसे कई सालों से पेट में दर्द है हर तरीके की जांच करवाने के बाद जांच सारे सामान्य हैं, किसी तरीके की कोई परेशानी नहीं है पर फिर भी उसका पेट दर्द जाता नहीं है। टीम ने उसे बताया गया कि यह साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर के अंतर्गत आने वाली परेशानी है जिसका मनोचिकित्सा वह मनोवैज्ञानिक थेरेपी द्वारा इलाज चलाया जाना है। वहीं दूसरी तरफ 50 वर्षीय महिला बार-बार चीजों को दोहराने, एक ही व्यवहार को बार-बार करने, व एक ही सोचकर बार-बार आने से परेशान है जहां उसे बताया गया कि OCD नामक परेशानी से पीड़ित है |इसी तरीके से शिविर में आए सभी आगंतुकों के परेशानियों का निदान किया गया व प्रारंभिक जांच कर काल्विन अस्पताल में आने के लिए प्रेरित किया गया।
इस कार्यशाला व शिविर का संचालन डॉ राकेश कुमार पासवान मनोचिकित्सक परामर्शदाता एवं डा ईशान्या राज, नैदानिक मनोवैज्ञानिक तथाटीम के अन्य सदस्य जय शंकर पटेल मनोविकार सामाजिक कार्यकर्ता, संजय तिवारी व शैलेश कुमार ने शिविर के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।