टूंडला। हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा में बोलने वाली विश्व की पहली श्रीमद्भगवत गीता का नगर में अनावरण किया गया। केडीएस इंस्टीट्यूट में आयोजित कार्यक्रम में पाश्चात्य संस्कृति को भुलाकर भारतीय संस्कृति को अपनाने की अपील युवाओं से की गई। बोलने वाली श्रीमद्भगवत गीता को देखकर हर कोई आश्चर्य में पड़ गया। श्रीमद्भगवत गीता पर अंकित चित्र और श्लोक पर एक मशीन को छुलाने से वह तीन भाषाओं में उसका व्याख्यान करने लगती है।
कार्यक्रम का शुभारंभ वृद्ध भगत सिंह नोहवार ने भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विशिष्ट अतिथि अधिशासी अधिकारी श्रीचन्द्र ने कहा कि पहली बार बोलती हुई श्रीमद्भगवत गीता उन्होंने देखी है। इससे युवा, वृद्ध और महिलाएं श्रीमद्भागवत गीता का स्वाध्याय कर सकेंगे। कोरोना वायरस को लेकर उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए जानकारी होना बहुत आवश्यक है। अधिक समय तक खांसी रहना, तेज बुखार आना, जुकाम बने रहना और शरीर में जकड़न होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें। डाॅ. अमित राजौरिया ने कहा कि बदलते परिवेश में युवा पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं। ऐसे में इस तरह के धार्मिक बोलने वाली गीता का अब कोई भी अनुश्रवण कर सकेगा। उन्होंने बीमारियों से बचाव के बारे में भी बताया। उदयवीर सिंह पौनियां ने कहा कि युवा पीढ़ी धार्मिक कार्यो से दूर होती जा रही है। ऐसे में इस तरीके के धार्मिक ग्रंथ बोलने वाली गीता का अनावरण अपने आप में गौरवशाली है। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा सिंगिंग और डांसिंग कर प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया। संचालन देवेन्द्र प्रताप सिंह देवू ने किया। आयोजक कार्तिक नोहवार ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर डॉ. संजीव जैन, डॉ. संजय लाल, सैंडी मैक, राजा सिसोदिया, अतुल चैहान, रोहित, शिवांश, प्रियांशु, वंशिका माहौर आदि मौजूद रहे।