लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि प्राइवेट अस्पतालों/डाॅक्टरों द्वारा एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का इलाज न करने की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल नियमानुसार कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला से उसके होने वाले बच्चे को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिये सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में होने वाले प्रसव तथा एच0आई0वी0 परीक्षण के आंकड़ों की भी जानकारी प्राप्त की जाये तथा गर्भवती महिलाओं का एच0आई0वी0 परीक्षण न करने वाले अस्पतालों को परीक्षण कराने हेतु निर्देशित भी किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य एड्स परिषद की चतुर्थ बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमण से बचाव व इलाज के लिये लोगों को जागरूक करने के लिये प्रदेश सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में आई0ई0सी0 प्रोग्राम के अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित करायी जायें। गतिविधियों के अन्तर्गत लोगों को एक लघु फिल्म दिखायी जाये, जिसमें स्वच्छता एवं हैपेटाइटस-सी विषय को भी शामिल किया जाये तथा लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की भी जानकारी दी जाये।
श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने परिवहन विभाग को साधारण बस टिकटों तथा बस स्टेशनों के इनफार्मेशन पैनलों पर एच0आई0वी0/एड्स जागरूकता विषयक स्लोगन अंकित कराने हेतु भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में छूटे हुये एच0आई0वी0 संक्रमित व्यक्तियों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से लाभान्वित कराया जाये।
बैठक में उ0प्र0 राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक पंकज कुमार ने समिति द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों एवं भौतिक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह, प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह, विशेष सचिव नियोजन सुहास एल0वाई, प्रबंध निदेशक यूपीएसआरटीसी राजशेखर, अपर परियोजना निदेशक उ0प्र0 राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी हीरा लाल सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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