कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए उडीसा, मध्यप्रदेश और अब हरियाणा सरकार ने अपने प्रदेश के सभी पंजीकृत डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अस्थायी तौर पर नियुक्त करने हेतु तत्काल इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है और वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे विद्यार्थियों को इस मुहिम में शामिल किया है जिनका अभी तक कोर्स भी पूरा नहीं हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश में लाखों पंजीकृत बेरोजगार फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, स्टाफनर्सेस एवं अन्य पैरामेडिकल डिप्लोमा/डिग्रीधारी मौजूद हैं, जोकि ऐसे समय में आगे बढ़कर अपने देश हित में कुछ करना चाहते हैं। क्या यह उत्तर प्रदेश की एक और नाकामी नहीं है, जो अध्ययनरत छात्रों को इस कार्य में लगा रही हैं जबकि अनुभवी व पंजीकृत को नकार रही है।विशेष सचिव ने कल ही प्रदेश भर के सरकारी और निजी क्षेत्र के पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेज के छात्रों का अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जारी इस आदेश में यह भी कहा गया है कि अगले आदेश तक छुट्टी नहीं की जाएगी। उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव आलोक कुमार पांडे ने यह आदेश बुधवार को जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि कालेजों में पढ़ने वाले एमएससी और बीएससी नर्सिंग व पैरामेडिकल पाठ्यक्रम जैसे फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन आदि के छात्र-छात्राओं की छुट्टी तुरंत अगले आदेश तक निरस्त की जाए। यह सभी कोरोना से बचाओ एवं रोकथाम के लिए अहम भूमिका निभाएंगें।
कोरोना एक वैश्विक महामारी है, जिसको नियंत्रण में लाने के लिए हर स्तर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत दो लाख प्रशिक्षित बेरोजगार पैरामेडिकल स्टाफ को शामिल करने की मांग राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने सरकार से की थी कि पूरे प्रदेश में दो लाख प्रशिक्षित पैरामेडिकल बेरोजगारों को इस काम में लगाया जाए। ये प्रशिक्षित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ पढ़ाई व प्रशिक्षण के बाद पंजीकरण कराकर घरों में बेरोजगार बैठे हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सेज व फार्मासिस्ट के लगभग आधे पद रिक्त पड़े हैं। उच्च पदों पर लगभग सभी पद रिक्त हैं। जैसे- सीएनओ, एनएस, डीएनएस, एएनएस, सिस्टर, स्टाफ नर्स, चीफ फार्मासिस्ट हैं। वहीं, पंजीकृत नर्सेज एवं मिडवाइफ के लगभग दो लाख तथा लगभग 76 हजार पंजीकृत फार्मासिस्ट घरों में बेरोजगार बैठे हैं।
कोरोना एक वैश्विक महामारी है, जिसको नियंत्रण में लाने के लिए हर स्तर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत दो लाख प्रशिक्षित बेरोजगार पैरामेडिकल स्टाफ को शामिल करने की मांग राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने सरकार से की थी कि पूरे प्रदेश में दो लाख प्रशिक्षित पैरामेडिकल बेरोजगारों को इस काम में लगाया जाए। ये प्रशिक्षित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ पढ़ाई व प्रशिक्षण के बाद पंजीकरण कराकर घरों में बेरोजगार बैठे हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सेज व फार्मासिस्ट के लगभग आधे पद रिक्त पड़े हैं। उच्च पदों पर लगभग सभी पद रिक्त हैं। जैसे- सीएनओ, एनएस, डीएनएस, एएनएस, सिस्टर, स्टाफ नर्स, चीफ फार्मासिस्ट हैं। वहीं, पंजीकृत नर्सेज एवं मिडवाइफ के लगभग दो लाख तथा लगभग 76 हजार पंजीकृत फार्मासिस्ट घरों में बेरोजगार बैठे हैं।