एसजीपीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेन्टर की सच्चाई, गत दो माह से नहीं मिला स्वास्थ्य कर्मी और सहयोगी स्टाफ को वेतन, कोविड-19 महामारी के बीच 170 संविदा कर्मियों को है वेतन की आस
पंकज कुमार सिंह-
कानपुर/लखनऊ। कोरोना वायरस रोग से फैली महामारी के बीच मौत के मुंह से जिन्दगियां छीनने वाले स्वास्थ्य कर्मी वेतन के लिए मोहताज है। ये सभी स्वास्थ्य कर्मी संविदा पर तैनात हैं। और कम वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहें है। बावजूद इसके समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। तकरीबन 170 कर्मियों का वेतन गत फरवरी माह से नहीं मिला है। कोरोना जैसी महामारी के बीच ये सभी कर्मी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे है।
गुरूवार को नाम न छापने के अनुरोध पर कर्मियों ने जन सामना को बताया कि एसजीपीजीआई, लखनऊ के ट्रामा में बनाए गए कोविड अस्पताल में तकरीबन 140 पेशेंट हेल्पर के पद पर तैनात संविदाकर्मी और 30 डाटा इंट्री ऑपरेटरर्स को फरवरी से वेतन नहीं मिला है। प्रशासन की ओर से जबरन ड्यूटी पर तैनात रहने को दवाब है। इस बीच कर्मियों के परिजन रूपए न होने से दो वक्त की रोटी की जुगाड के लिए दिनभर निहारते हैं।
आपको बता दें कि सरकार लगातार अपने बयानों में कर्मियों को समय पर वेतन उपलब्ध कराने की बात कह रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। यह सूबे की राजधानी के हाईटेक अस्पताल एसजीपीजीआई का हाल है। गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना के बढते प्रकोप को देखते हुए यहां 210 बेड के ट्रामा सेन्टर को कोरोना सक्रंमित मरीजों के इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया है।