सैलरी के अलावा केंद्र ने 2 साल के लिए सांसद निधि को स्थगित करने का फैसला किया है। सांसद निधि को स्थगित किए जाने से करीब 7,900 करोड़ रुपये की बचत होगी जिसे सरकार के कोष में जमा कराया जायेगा। केंद्र के फैसले से सरकार को करीब 8 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी जिसका इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में किया जायेगा।
इस कार्य में यू पी सरकार भी कहा पीछे रहने वाली। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मंत्रियों व विधायकों के वेतन में 30 फीसदी कटौती करने के साथ ही अगले एक वर्ष के लिए विधायक निधि खत्म करने का फैसला लिया है। अब 2020-21 की विधायक निधि का इस्तेमाल कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने में किया जायेगा।
एक विधायक की एक वर्ष की निधि 3 करोड़ रुपये है। प्रदेश में कुल 503 विधायक व विधान परिषद सदस्य हैं। इस तरह एक वर्ष की विधायक निधि स्थगित होने से कोविड केयर फंड में एकमुश्त 1509 करोड़ रुपये तथा
30 फीसद वेतन कटौती से 17 करोड़ 50 लाख 50 हजार रुपये आयेंगे।
योगी सरकार विधायक निधि से 1 वर्ष का आवंटन कोविड केयर फंड में लेने के बाद जिला पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, और ग्राम पंचायतों की निधि से भी सहयोग लेने की तैयारी कर रही है। इस क्रम में प्रदेश के सभी 58758 ग्राम प्रधानों का 1 महीने का मानदेय भी मांगा गया है। ग्राम प्रधानों को 3500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। इसप्रकार 20.56 करोड़ से ज्यादा की रकम प्रधानों के 1 महीने के मानदेय से कोविड केयर फंड में आ जायेगी। शासन ने निदेशक पंचायतीराज, सभी डीएम, सीडीओ व जिला पंचायतराज अधिकारियों को पत्र लिखकर ब्लॉक स्तर पर धन एकत्रित कर कोविड फंड में जमा कराने का आग्रह किया है। प्रदेश में ग्रामीण पंचायतों की निधियों के खर्च के लिए गाइडलाइन तय है। पंचायतें उसी के हिसाब से खर्च करती हैं। शासन ने कोरोना महामारी के मद्देनजर जिला पंचायतों को जिला पंचायत निधि, क्षेत्र पंचायतों को क्षेत्र पंचायत निधि और ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत निधि से कोविड केयर फंड में योगदान करने की अनुमति दी है। हालांकि सरकार ने विधायक निधि की तरह पंचायतों की निधि से सहयोग के लिए धन की कोई सीमा तय नहीं की है। पंचायतें अपने विवेकानुसार सहयोग राशि दे सकेंगी। प्रदेश में 75 जिला पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें व 58758 ग्राम पंचायतें हैं।
इतना ही नहीं सरकार सभी प्रदेशवासियों से कोविड फंड में दान करने हेतु अपील भी कर रही है। इस तरह सरकार चारों ओर से अधिक से अधिक कोविड फंड जुटाने का भरसक प्रयास कर रही है ताकि कोरोना जैसी महामारी की लड़ाई में सरकार आर्थिकरूप से कमजोर न पड़े।
सांसदों-विधायकों निधि की तरह कोविड केयर फंड में अब जिला, क्षेत्र व ग्राम पंचायत निधि से मदद लेने की तैयारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस का प्रकोप देशभर में फैलता ही जा रहा है। इस वायरस से लड़ने में आर्थिक मदद की दरकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से मदद करने की अपील की है तो केंद्र सरकार ने इस संबंध में बड़ा फैसला करते हुए ऐलान किया है कि सभी सांसदों के वेतन में 1 साल के लिए 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। इसके अलावा सांसद निधि भी 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है।
संसद के दोनों सदनों में 790 सांसदों (लोकसभा के 545 और राज्यसभा के 245 सांसद) की व्यवस्था है। हालांकि वर्तमान समय में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 238 सदस्य हैं। इस तरह से संसद में 780 सांसद हैं और प्रत्येक सांसदों की सैलरी से अब 30 हजार रुपये कटेंगे और इस तरह से हर महीने 2 करोड़ 34 लाख रुपये की बचत होगी।