नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड जनजातीय कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), वन धन लाभार्थियों, एनजीओ आदि के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि उनके हथकरघा, हस्तशिल्प और प्राकृतिक उत्पादों को विपणन की सहायता प्रदान की जा सके। महामारी को देखते हुए कुछ आपूर्तिकर्त्ताओं ने स्वयं तथा समुदाय के लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए घरपर ही मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ आपूर्तिकर्त्ता स्थानीय प्राधिकरणों को मास्क की आपूर्ति कर रहे है। मास्क की आपूर्ति ने सरकार को सहायता प्रदान करने की उनकी इच्छा को उजागर किया है। मास्क की आपूर्ति से आजीविका सृजन के एक प्रारूप का निर्माण होगा। ट्राइफेड अन्य आपूर्तिकर्त्ताओं की पहचान करने का प्रयास कर रहा है जो संकट की इस घड़ी में मास्क की आपूर्ति के माध्यम से अपना योगदान दे सकते हैं।
कोविड-19 के कारण मौजूदा संकट की स्थिति ने पूरे देश में एक अभूतपूर्व खतरा उत्पन्न कर दिया है। देश के लगभग सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश इससे कमोबेश प्रभावित हैं। इस खतरे ने व्यापार और उद्योग के सभी क्षेत्रों के सभी स्तरों तथा समाज के सभी हिस्सों को प्रभावित किया है। गरीब और सीमांत इस वैश्विक महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं। यह फसल कटाई तथा गैर-काष्ठ वन उत्पाद (एनटीएफपी) के संग्रह का सबसे महत्वपूर्ण समय है इसलिए यह आवश्यक है कि घर में बने मास्क की सहायता से प्राथमिक सुरक्षा के उपाय किये जाएं।